सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का चेहरा अंडाकार आकृति का होता है वे लोग शारीरिक रूप से काफी भारी होते हैं। इसके अलावा इन लोगों का मानसिक विकास उतने अच्छे से नहीं हो पाता है या फिर ये लोग उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के चेहरे की आकृति चौड़ाई में सामान्य और लंबाई में अधिक होती है, उन लोगों की महत्वाकांक्षाएं अधिक होती हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हमारे आस-पास मौजूद पांच तत्वों- पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्नि में से वर्गाकार आकृति का संबंध पृथ्वी तत्व से माना जाता है, जिसके आधार पर इस आकृति वाले लोग भौतिक स्वभाव के होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के दांत सामान्य से कुछ लंबे होने के कारण बाहर की तरफ निकले दिखायी देते हैं, वो लोग बहुत ज्यादा बोलते हैं और उन्हें चाहे कितनी ही देर बोलने को कह दें, ये कभी थकते नहीं है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों का जीवन कामयाबी की ऊंचाइयों को छूने वाला होता है। ये लोग जीवन में बहुत मेहनत करते हैं और पैसा भी खूब कमाते हैं, यानी इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हाथ में यह उंगली किसी व्यक्ति की सच्चाई, उसकी ईमानदारी और अनुशासन को दर्शाती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस व्यक्ति की तर्जनी उंगली का पहला या ऊपरी भाग अन्य भागों की अपेक्षा बड़ा होता है, उस व्यक्ति की राजनीति के क्षेत्र में अच्छी पकड़ होती है।
सामुदिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही गुणी, अच्छे चरित्र वाले, भाग्यवान और हर कार्य के लिये तत्पर रहते हैं। साथ ही ये लोग भगवान में आस्था रखते हैं और जीवन खूब तरक्की पाते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के हाथ की 9 उंगलियों में चक्र के समान निशान या आकृति बनी होती है, उन लोगों का जीवन बड़ा ही सुखी होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की 6 उंगलियों पर चक्र के निशान या आकृति बनी होती है, वो लोग बहुत ही गुणी होते हैं। इनकी बौद्धिक क्षमता भी बहुत मजबूत होती है। ये लोग हर चीज़ में आगे रहते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के हाथ की किन्हीं भी 5 उंगलियों पर चक्र के समान निशान या आकृति बनी होती है, वो लोग काफी समझदार होते हैं। ये लोग बहुत ही बुद्धिमान और विवेकशील होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के हाथों की किन्ही चार उंगलियों पर चक्र के समान आकृति या निशान बने होते हैं, उन लोगों को जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ता है। सफलता की सीढ़ी इन्हें आसानी से नहीं मिल पाती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिनका ऊपरी होंठ आकार में पतला होता है, वो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं । ये शरीर से चाहे मोटे हों या पतले, लेकिन इनकी ताकत या इनके शरीर की ऊर्जा कम होती है ।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिनके गर्दन की हड्डियां साफ दिखाई देती हैं या उनमें मांस बहुत कम होता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही सुस्त और आलसी होते हैं। किसी काम के प्रति इनकी महत्वाकांक्षा बहुत कम होती है|
सामुद्रिक शास्त्र में जानिए सीधी गर्दन वाले लोगों के बारे में। सीधी गर्दन वाले लोग समय के बड़े ही पाबंद होते हैं और अपने बनाये हुए सिद्धांतों पर चलते हैं। ये लोग जल्दी से किसी के बहकावे में नहीं आते हैं और अपने काम को किसी भी हाल में अधूरा नहीं छोड़ते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र में जानिए सुन्दर और आदर्श गर्दन वाले लोगों के बारे में। इस तरह के गर्दन बनावट को सुराहीदार गर्दन कहा जाता है, ऐसे लोग कला और साहित्य के क्षेत्र में शानदार काम करते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र में जानिए थोड़ी टेढ़ी गर्दन वाले लोगों के स्वभाव के बारे में। गर्दन हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे होकर सभी नसें मस्तिष्क तक पहुचती हैं। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार टेढ़ी गर्दन वाले लोग बहुत ही बातूनी होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार गोल गर्दन वाले लोग बहुत ही सौम्य और सरल स्वभाव के होते है। अपने इसी स्वभाव के चलते समाज में इन लोगों को बहुत सम्मान मिलता है।
ऐसे लोग शारीरिक रूप से कमजोर और डरपोक प्रवृत्ति के होते हैं। लेकिन ये व्यवहार में अच्छे और मीठा बोलने वाले होते हैं। ये थोड़े बातूनी भी होते हैं और अपनी बातों से सबको आसानी से अपने पक्ष में करने की क्षमता रखते हैं।
जिन व्यक्तियों की अनामिका उंगुली के नाख़ून के निचले हिस्से पर अर्धचंद्र जैसा सफ़ेद निशान होता है, उन्हें समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है | इनको शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन सफलता मिलती है।
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