सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के पैर छोटे होते हैं, उन लोगों को नई-नई चीजों को खरीदने का बहुत शौक होता है। ये इनकी आदत में होता है कि ये जहां भी जाते हैं, वहां से कुछ न कुछ खरीदकर जरूर लाते हैं। #samudrikashastra #acharyainduprakash #bhavishyavani #indiatv
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार इस तरह की भौहों वाले लोग थोड़े गर्म मिजाज़ के और चीज़ों के प्रति असंतोष रखने वाले होते हैं। ये किसी भी बात को लेकर जल्दी आवेश में आ जाते हैं। #Samudrik #AcharyaInduPrakash #bhavishyavani
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिस किसी का ऊपरी होंठ मोटा या स्थूल हो, ऐसे लोगों का मानसिक स्तर अन्य लोगों की तुलना में कम होता है। इन लोगों के अंदर मानसिक चेतना का यानी सूझ-बूझ का अभाव होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिनका ऊपरी होंठ आकार में पतला होता है, वो लोग शारीरिक रूप से कमजोर होते हैं। ये शरीर से चाहें मोटे हों या पतले, लेकिन इनकी ताकत या इनके शरीर की ऊर्जा कम होती है । साथ ही इन लोगों की पाचन शक्ति भी कमजोर होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार चपटे कान वाले लोग स्वतंत्र विचारों के धनी होते हैं।
ऐसे कान वाले लोग हमेशा एक पॉजिटिव एनर्जी से भरे होते हैं। इनके पास बैठने पर दूसरों को भी पॉजिटिव एनर्जी फील होती है। इन लोगों के पास पैसों की बिल्कुल कमी नहीं होती।
सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे बेहद छोटे कान वाले लोगों के स्वभाव के बारे में। कई लोगों के कान अपेक्षाकृत बहुत ही छोटे होते हैं। ऐसे कान वाले लोगों के पास खूब धन-दौलत होती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग काफी स्ट्रांग होते हैं। साथ ही आर्टिस्ट मिजाज के होते हैं। इन लोगों पर किसी भी बात के लिये या अपने किसी काम के लिये आसानी से भरोसा किया जा सकता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग धन-दौलत के मामले में हमेशा सुखी रहते हैं। इन्हें पैसों की कभी कमी महसूस नहीं होती है। साथ ही समाज के लोगों में भी इनका बहुत सम्मान होता है।
ललाट पर स्थित विभिन्न रेखाओं का संबंध अलग-अलग ग्रह से होता है और ललाट पर प्रत्येक ग्रह का एक क्षेत्र निर्धारित होता है। ललाट के सबसे ऊपरी भाग में शनि क्षेत्र होता है और शनि क्षेत्र में मौजूद क्षैतिज रेखा को शनि रेखा कहते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही अच्छे मिजाज के होते हैं। इन्हें नई नई चीज़ों को करने का और घूमने का शौक होता है। इन्हें फैशनेबल और गहरे रंगों की चीज़ों से बहुत लगाव होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार के अनुसार किसी व्यक्ति के माथे या ललाट की शेप को देखकर हम उसके बारे में बहुत कुछ पता लगा सकते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बड़े ही उदार हृदय वाले होते हैं। ये अध्ययन में रुचि रखते हैं और महत्वाकांक्षी होते हैं। साथ ही इनकी तर्कशक्ति भी अच्छी होती है। ये लोग बहुत ही मेहनती और कार्यकुशल होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बड़े ही अस्थिर होते हैं। इनके अंदर बौद्धिक क्षमता की कमी होती है। इसके अलावा बुद्धि के साथ-साथ इनका मन भी संकीर्ण, यानी छोटा होता है। इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इन्हें जीवन में किसी तरह का रिस्क पसंद नहीं है।
ऐसे लोग बहुत ही व्यावहारिक और अपनी भावनाओं के प्रति बेहद ही संतुलित होते हैं। भले ही ये लोग भावुक होते हैं और साथ ही दूसरों की भावनाओं की भी कद्र करते हैं, उन्हें समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन भावनाओं में बहकर कभी कोई भी काम नहीं करते, जिससे इनकी सारी चीज़ें हमेशा संतुलित और व्यवस्थित रहती हैं।
मूलांक 1 वालों के लिए आज का दिन आपके लिये ढेर सारी खुशियां लेकर आया है। आपकी बनाई हुई कोई योजना पूरी होगी।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं । इन्हें अपनी किस्मत का पूरा सहयोग मिलता है, जिससे उनका काम भी तुरंत बन जाते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी आकृति अग्नि तत्व का प्रतीक मानी जाती है। इन लोगों का स्वभाव थोड़ा अस्थिर रहता है। जीवन में उनकी बहुत-सी इच्छाएं होती हैं और ये अपनी चीज़ों का दिखावा करने में लगे रहते हैं।
आज सामुद्रिक शास्त्र में जानिए शंक्वाकार आकृति के चेहरे वालों का स्वभाव। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, ऐसे लोग अच्छे संस्थान में अच्छे पद पर आसीन होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का चेहरा शंकु के आकार की आकृति का होता है ऐसे लोगों पर अग्नि तत्व का अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। ये लोग गुस्सैल प्रवृत्ति के होते हैं। इनमें धैर्य बिल्कुल भी नहीं होता।
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