सामुद्रिक शास्त्र: जानिए नाखूनों के रंगों के बारे में
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हल्के पीले रंग के तलवे और साथ ही जिनके पैरों की उंगलियां मोर के पंजों की तरह खुली- खुली हों, ऐसे लोग आर्थिक रूप से उतने सक्षम नहीं होते हैं। पैसों को लेकर ये हर वक्त कुछ न कुछ सोचते रहते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसा व्यक्ति हर तरह की परिस्थिति में खुश रहने की कोशिश करता है। साथ ही दूसरों को कैसे खुश रखना है, ये कला भी इन्हें बहुत अच्छे से आती है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के गालों का रंग थोड़ा पीला होता है, वो लोग जीवन के प्रति थोड़े उदास रहते हैं और किसी काम में खास इंटरेस्ट नहीं लेते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के गालों का रंग गुलाबी होता है, वो लोग बड़ी ही संतुलित मानसिकता के होते हैं। ये हर चीज़ में एक बैलेंस बनाकर चलते हैं।
हाथों की तरह ही पैरों की भी सभी उंगलियां अलग-अलग आकृति में होती हैं और सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हम पैरों की उंगलियों की शेप से किसी व्यक्ति के बारे में बहुत-सी बातें पता लगा सकते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार टेढ़ी गर्दन वाले लोग बहुत बातूनी होते हैं और ये लोग अधिक बोलने में विश्वास रखते हैं। इनके पेट में कोई बात नहीं रुकती, इसलिए ऐसे लोगों के साथ कोई पर्सनल बात नहीं करनी चाहिए।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की दो उंगलियां आपस में जुड़ी होती हैं या उनके बीच में बहुत कम स्पेस होता है, ऐसे लोग अपने करियर को लेकर हमेशा कुछ चिंतित बने रहते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिनके पैर की छोटी उंगली अन्य उंगलियों से बड़ी होती है वो लोग अपने परिवार से काफी कनेक्टेड होते हैं। ऐसे लोग परिवार के लोगों से बहुत प्यार करते हैं। साथ ही उनके परिवार के सदस्या भी उनसे उतना ही प्यार करते हैं।
हाथों की तरह ही पैरों की भी सभी उंगलियां अलग-अलग आकृति में होती हैं और सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हम पैरों की उंगलियों की शेप से किसी व्यक्ति के बारे में बहुत-सी बातें पता लगा सकते हैं।
हृदय रेखा के पास से आरम्भ होने वाली सूर्य रेखा 56 वर्ष की आयु तक ही व्यक्ति को उन्नति प्रदान करने वाली होती है। यह उन्नति तभी पक्की है जब हृदयरेखा से ऊपर सूर्य रेखा बिल्कुल स्पष्ट हो। अगर ये रेखा टूटी-फूटी हो तो व्यक्ति के जीवन का चौथा चरण तकलीफदेह होता है।
अगर किसी व्यक्ति की सूर्य रेखा, चन्द्रक्षेत्र से आरम्भ होती हो तो उसका भाग्य अच्छा होता है। लेकिन ये इस बात पर निर्भर करता है कि किसी काम में उस व्यक्ति की अपनी मेहनत न होकर दूसरों की सहायता ज्यादा हो।
हथेली में सूर्य रेखा भाग्य रेखा के समानांतर होती है। इस रेखा को ‘रविरेखा’, ‘तेजस्वी-रेखा’ या ‘प्रतिभा रेखा’ भी कहा जाता है. सूर्य रेखा व्यक्ति के मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा, यश और ऐश्वर्य की खुली किताब होती है।
जीवन रेखा के पास से ही मस्तिष्क रेखा भी निकलती है। किसी के हाथ में ये सीधी निकलती है तो किसी के हाथ में नीचे की तरफ बढ़ जाती है। कभी-कभी यह रेखा जीवन रेखा के बिल्कुल साथ न निकलकर कुछ ऊपर से भी निकलती है।
सामुद्रिक शास्त्र के हस्त रेखा ज्ञान के अंतर्गत जीवन रेखा बहुत ही अहम रेखा मानी जाती है। इसी रेखा के द्वारा व्यक्ति की आयु, उसकी उपलब्धियां, जीवन, मृत्यु, संकट, दुर्घटना आदि का पता लगाया जाता है।
होंठ का फड़कना हमेशा शुभ होता है चाहे ऊपर का होंठ हो या नीचे का, दोनों ही शुभ संकेत की ओर इशारा करते हैं। अगर आपका ऊपर का होंठ फड़के तो आपको अपने शत्रुओं से जल्द ही छुटकारा मिल सकता है। अगर होंठ का नीचला हिस्सा फड़के तो आपकी अपने किसी अजीज़ दोस्त से मुलाकत हो सकती है जिससे आप बहुत समय से न मिले हों।
अगर आपके पैर के दांये घुटने में फड़कन हो रही है तो आपको सोने की प्राप्ति हो सकती है और यदि दांये घुटने का निचला हिस्सा फड़क रहा है तो यह शत्रु पर विजय हासिल करने का संकेत है।
सामुद्रिक शास्त्र में आज हम बात करेंगे कान के फड़कने के बारें में। ज्योतिष शास्त्र में कान के फड़कने के बारे में भी कुछ ऐसा ही बताया गया है। यदि किसी व्यक्ति का दाहिना कान फड़कता है तो उसे भविष्य में कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का अंगूठा एकदम सीधा होता है, वो बहुत ही जिद्दी किस्म के होते हैं। इनके दोस्त बहुत कम ही लोग बन पाते हैं। हालांकि इन लोगों पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है।
जिन लोगों के अंगूठे का दूसरा भाग पहले भाग की अपेक्षा बड़ा होता है, वो लोग मन की बजाय तर्क के आधार पर फैसले लेते हैं, वहीं इसके विपरीत जिनके अंगूठे का पहला भाग दूसरे भाग की अपेक्षा बड़ा होता है, उन लोगों की तर्क क्षमता बहुत कमजोर होती है।
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