सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग धन-दौलत के मामले में हमेशा सुखी रहते हैं। इन्हें पैसों की कभी कमी महसूस नहीं होती है। साथ ही समाज के लोगों में भी इनका बहुत सम्मान होता है।
जिन लोगों की हथेली में स्वास्तिक का चिन्ह बना होता है, वो लोग धन-दौलत के मामले में हमेशा सुखी रहते हैं।
ललाट पर स्थित विभिन्न रेखाओं का संबंध अलग-अलग ग्रह से होता है और ललाट पर प्रत्येक ग्रह का एक क्षेत्र निर्धारित होता है। ललाट के सबसे ऊपरी भाग में शनि क्षेत्र होता है और शनि क्षेत्र में मौजूद क्षैतिज रेखा को शनि रेखा कहते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही अच्छे मिजाज के होते हैं। इन्हें नई नई चीज़ों को करने का और घूमने का शौक होता है। इन्हें फैशनेबल और गहरे रंगों की चीज़ों से बहुत लगाव होता है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार के अनुसार किसी व्यक्ति के माथे या ललाट की शेप को देखकर हम उसके बारे में बहुत कुछ पता लगा सकते हैं।
जिनके ललाट की ऊंचाई चौड़ाई की अपेक्षा अधिक होती है, वो लोग बहुत ज्यादा भावुक, संवेदनशील और चंचल स्वभाव के होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बड़े ही उदार हृदय वाले होते हैं। ये अध्ययन में रुचि रखते हैं और महत्वाकांक्षी होते हैं। साथ ही इनकी तर्कशक्ति भी अच्छी होती है। ये लोग बहुत ही मेहनती और कार्यकुशल होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बड़े ही अस्थिर होते हैं। इनके अंदर बौद्धिक क्षमता की कमी होती है। इसके अलावा बुद्धि के साथ-साथ इनका मन भी संकीर्ण, यानी छोटा होता है। इनमें आत्मविश्वास की कमी होती है। इन्हें जीवन में किसी तरह का रिस्क पसंद नहीं है।
ऐसे लोग बहुत ही व्यावहारिक और अपनी भावनाओं के प्रति बेहद ही संतुलित होते हैं। भले ही ये लोग भावुक होते हैं और साथ ही दूसरों की भावनाओं की भी कद्र करते हैं, उन्हें समझने की कोशिश करते हैं, लेकिन भावनाओं में बहकर कभी कोई भी काम नहीं करते, जिससे इनकी सारी चीज़ें हमेशा संतुलित और व्यवस्थित रहती हैं।
मूलांक 1 वालों के लिए आज का दिन आपके लिये ढेर सारी खुशियां लेकर आया है। आपकी बनाई हुई कोई योजना पूरी होगी।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग बहुत ही भाग्यशाली होते हैं । इन्हें अपनी किस्मत का पूरा सहयोग मिलता है, जिससे उनका काम भी तुरंत बन जाते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसी आकृति अग्नि तत्व का प्रतीक मानी जाती है। इन लोगों का स्वभाव थोड़ा अस्थिर रहता है। जीवन में उनकी बहुत-सी इच्छाएं होती हैं और ये अपनी चीज़ों का दिखावा करने में लगे रहते हैं।
डिंपल्स बहुत कम लोगों के गालों में ही दिखाई देते हैं। जानिए ऐसे लोगों का स्वभाव।
आज सामुद्रिक शास्त्र में जानिए शंक्वाकार आकृति के चेहरे वालों का स्वभाव। आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार, ऐसे लोग अच्छे संस्थान में अच्छे पद पर आसीन होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का चेहरा शंकु के आकार की आकृति का होता है ऐसे लोगों पर अग्नि तत्व का अधिक प्रभाव देखने को मिलता है। ये लोग गुस्सैल प्रवृत्ति के होते हैं। इनमें धैर्य बिल्कुल भी नहीं होता।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों का चेहरा अंडाकार आकृति का होता है वे लोग शारीरिक रूप से काफी भारी होते हैं। इसके अलावा इन लोगों का मानसिक विकास उतने अच्छे से नहीं हो पाता है या फिर ये लोग उसका ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के चेहरे की आकृति चौड़ाई में सामान्य और लंबाई में अधिक होती है, उन लोगों की महत्वाकांक्षाएं अधिक होती हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार हमारे आस-पास मौजूद पांच तत्वों- पृथ्वी, जल, वायु, आकाश और अग्नि में से वर्गाकार आकृति का संबंध पृथ्वी तत्व से माना जाता है, जिसके आधार पर इस आकृति वाले लोग भौतिक स्वभाव के होते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जिन लोगों के दांत सामान्य से कुछ लंबे होने के कारण बाहर की तरफ निकले दिखायी देते हैं, वो लोग बहुत ज्यादा बोलते हैं और उन्हें चाहे कितनी ही देर बोलने को कह दें, ये कभी थकते नहीं है।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोगों का जीवन कामयाबी की ऊंचाइयों को छूने वाला होता है। ये लोग जीवन में बहुत मेहनत करते हैं और पैसा भी खूब कमाते हैं, यानी इनकी आर्थिक स्थिति अच्छी होती है।
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