मुंबई स्थित दो विशेष अदालतों ने शुक्रवार को भ्रष्टाचार के एक मामले में जांच के लिए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, उनके दो सहयोगियों और बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की हिरासत में दे दिया।
वाजे ने कहा कि हिरासत के दौरान एनआईए उसका ‘‘उत्पीड़न और अपमान’’ कर रही थी।
बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे ने शुक्रवार को यहां एक जांच आयोग के सामने कहा कि आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह ने उन्हें किसी के लिए अवैध रूप से पैसे की उगाही करने की गतिविधि में शामिल नहीं होने की सलाह दी थी।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी इस मामले में आरोपी हैं। सहायक पुलिस निरीक्षक वाजे को इस साल मार्च में उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के पास से एक एसयूवी की बरामदगी और ठाणे के व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था।
एजेंसी ने हलफनामा में कहा, ‘‘अगर याचिकाकर्ता को घर में ही नजरबंद करने की अनुमति दी जाती है तो बहुत संभव है कि आरोपी याचिकाकर्ता इस अदालत के न्यायाधिकार क्षेत्र से फरार हो जाए और वह उसके साथी रहे तथा अब सुरक्षा में रखे गए गवाहों सहित अभियोजन के गवाहों को प्रभावित कर सकता है।’’
NIA ने अपने जवाब में कहा कि भारी जुर्माने के साथ वाजे की अर्जी को खारिज करना ‘उचित एवं उपयुक्त’ होगा।
रिपोर्ट के अनुसार महिला ने बताया कि जब सचिन वाजे की जून 2020 मुंबई पुलिस में फिर से वापसी हुई थी तो उसने महिला को कॉलगर्ल का काम छोड़ने के लिए कहा था और बताया था कि अब वह अच्छी कमाई करने लगा है।
नवाब मलिक ने कहा कि परमबीर सिंह ही निष्कासित सचिन वाजे को पुलिस बल में वापस लेकर आए थे और उन्हें महत्वपूर्ण मामले दिए थे।
एनआईए ने बयान जारी कर बताया कि आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, और ‘विस्फोटक पदार्थों के संबंध में लापरवाहीपूर्ण रवैया’ के अलावा गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम तथा हथियार अधिनियम के तहत आरोपी बनाया गया है।
ईडी के सूत्र ये भी बताते हैं कि जयश्री पाटिल (petitioner Advocate) और बार के मालिकों से जुड़े बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे से संबंधित सवाल जवाब किए जाएंगे।। क्योंकि ऐसा आरोप है कि अंधेरी वेस्ट सहित कई इलाकों में रेस्टोरेंट और बार के मालिकों द्वारा सचिन वाजे को प्रोटेक्शन मनी दी जाती थी।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे द्वारा एक पत्र में उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह गलत हैं।
चार पन्नों की चिट्ठी में सचिन वाजे़ ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अनिल परब पर आरोप लगाया है कि इन लोगों ने उसे जबरन पैसे वसूलने को कहा।
मुंबई में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद अब एक और चिट्ठी सामने आई है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत में बंद मुंबई पुलिस के सस्पेंड हो चुके अस्टिंट सब इंस्पेक्टर सचिन वाजे के वकील ने बुधवार को मीडिया में सचिन वाजे की कथित चिट्ठी जारी की है।
बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश आने के बाद अनिल देशमुख ने गृहमंत्री पद से त्यागपत्र देने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने उद्धव सरकार को खूब घेरा।
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि जांच के दौरान उसे कई अहम सामग्रियां मिली हैं जिनमें लैपटॉप, डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकार्डर), क्षतिग्रस्त हालत में एक सीपीयू शामिल हैं और उनकी जांच करने की जरूरत है।
जांच एजेंसी ने अदालत से कहा कि जांच के दौरान उसे कई अहम सामग्रियां मिली हैं जिनमें लैपटॉप, डीवीआर (डिजिटल वीडियो रिकार्डर), क्षतिग्रस्त हालत में एक सीपीयू शामिल हैं और उनकी जांच करने की जरूरत है।
महाराष्ट्र पुलिस के बर्खास्त असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) गुरुवार को NIA कोर्ट में बड़ा बयान दिया है। सचिन वाजे ने कोर्ट में कहा, "मुझे बली का बकरा बनाया गया।" वाजे के इस बयान से प्रतीत हो रहा है कि महाराष्ट्र में एंटीलिया विस्फोटक मामले तथा मनसुख हिरेन की हत्या के मामले को लेकर बड़ी साजिश हुई थी।
मनसुख हिरेन मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है, इंडिया टीवी को ATS सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सस्पेंड पुलिसकर्मी विनायक शिंदे ने ही सचिन वाजे के कहने पर मनसुख का मर्डर किया गया।
वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग में कथित भ्रष्टाचार के मामले होम सेक्रेटरी को सीलबंद लिफाफे में सारे सबूत सौंप दिया।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि महाराष्ट्र में विकास नहीं वसूली हो रही है, वहां महावसूली अघाडी है। महाराष्ट्र जैसे बड़े प्रदेश में आईपीएस और बड़े पुलिस पदाधिकारियों के ट्रांस्फर और पोस्टिंग में सीधा वसूली हो रही है।
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