बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह से पूछा कि यदि उन्हें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा कथित रूप से गलत काम किए जाने की जानकारी थी तो उन्होंने मंत्री के खिलाफ पुलिस में FIR क्यों नहीं दर्ज कराई?
एंटीलिया केस और मनसुख हिरेन की हत्या मामले में आरोपी पूर्व पुलिस ऑफिसर सचिन वाजे को लेकर आज राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए मीठी नदी के पास लेकर पहुंची। रविवार को एनआईए के गोताखोरों ने जब नदी में तलाशी ली तो उनके हाथ कुछ अहम सबूत मिले।
एनआईए की टीम को मीठी नदी से नंबर प्लेट और डीवीआर समेत दूसरे अहम सबूत मिले हैं। एंटीलिया और मनसुख हिरेन केस के जांच के सिलसिले में एनआईए की टीम सचिन वाजे को मीठी नदी लेकर पहुंची थी।
महाराष्ट्र में अनिल देशमुख को लेकर एनसीपी और शिवसेना के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में संजय राउत ने देशमुख को एक्सिडेंटल होम मिनिस्टर करार देते हुए सचिन वाजे के वसूली कांड को लेकर निशाना साधा है। इस पर अजित पवार ने कहा, कि 'यह सरकार तीन पार्टियों की है, इसीलिए महाविकास आघाड़ी में एक साथ काम करते हुए कोई भी उसमें नमक डालने का काम ना करे।'
एंटीलिया और मनसुख की मौत के मामले में गिरफ्तार मुंबई पुलिस के अफसर सचिन वाजे पर बहुत बड़ा खुलासा हुआ है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक सचिन वाजे ने ट्राइडेंट होटल में 100 दिनों के लिए एक कमरा बुक कराया था।
अगर ये इल्जाम सच साबित हुआ तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि लेटर किसने लिखा, कब लिखा और क्यों लिखा।
मनसुख हिरेन मर्डर केस पर मुंबई ATS का बड़ा खुलासा, देखिए मनसुख हिरेन हत्याकांड पर मुंबई ATS की प्रेस कॉन्फ्रेंस।
एनआईए के अधिकारियों ने बताया कि एक टीम ने नरीमन पॉइंट के ट्राइडेंट होटल के एक कमरे में तलाशी ली, जहां वज़े कथित तौर पर 16 फरवरी से 20 फरवरी तक रहा था।
सचिन वाज़े मुंबई के ट्राइडेंट होटल में फर्जी आधार कार्ड दिखाकर रुका था। सचिन ने होटल में जो आईडी कार्ड दिखाया उस पर फोटो तो सचिन वाज़े की थी लेकिन नाम था सुशांत सदाशिव खामकर।
महाराष्ट्र के वसूली कांड पर को लेकर NIA ने सचिन वाजे के क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट से एक डायरी बरामद की है। इस डायरी में कुछ कोड वर्ड्स लिखे गए हैं।
16 फरवरी से 20 फरवरी तक निलंबित पुलिस कर्मी सचिन वाजे कुल 4 दिन होटल ट्राइडेंट ने रुका था। NIA सूत्रों की मानें तो एंटीलिया एपिसोड की पूरी प्लानिंग इसी होटल में हुई थी।
एटीएस के अनुसार, आरोपी नरेश, एक क्रिकेट सट्टेबाज, ने सचिन वाज़े की आपूर्ति की और मुंबई पुलिस के सिपाही विनायक शिंदे को पांच नकली सिम कार्ड के साथ निलंबित कर दिया। एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, सिम कार्ड फरवरी के पहले सप्ताह में वेज़ के लिए चालू कर दिए गए थे। सूत्रों के अनुसार, हिरन के हत्यारों ने तावड़े होने का नाटक किया और आठ जब्त सिम कार्डों में से एक का उपयोग किया।
एंटीलिया के बाहर विस्फोटक वाली स्कॉर्पियो मिलने के 2 दिन बाद मनसुख हिरेन और उनके भाई विनोद के बीच जो बातचीत हुई थी उसकी रिकॉर्डिंग सामने आई है।
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के लेटर बम से एक ओर जहां महाराष्ट्र सरकार में हड़कंप मचा हुआ है वहीं, महाराष्ट्र के इस सियासी संग्राम को लेकर राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख द्वारा सचिन वाजे को हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट देने का पर्दाफाश होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) सक्रिय हो गया है।
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग करने के एक दिन बाद, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को केंद्रीय जांच की मांग की और कहा कि कैसे उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटकों से भरी एसयूवी खड़ी की गई।
Parambir Singh Letter के बाद महाराष्ट्र में सियासी बवाल मचा हुआ है। बीजेपी ने शरद पवार के रोल पर भी सवाल उठाए हैं। इन सब सवालों के बीच इस वक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे हैं शरद पवार। देखिए लाइव
महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार में मंत्री अनिल देशमुख पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ता जा रहा है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों के बाद महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर पद छोड़ने का दबाव है।
रविशंकर प्रसाद ने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने सवाल किया कि सचिन वाजे सालों तक सस्पेंड था। वो सालों के बाद कोरोना काल में नियुक्त किया गया। बीजेपी की तरफ से पहला सवाल ये है कि उनकी नियुक्ति किसके दबाव में की गई।
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने शनिवार को महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाया है कि मंत्री ने उनके टीम मेंबर सचिन वाजे से हर महीने 100 करोड़ रुपये उगाहने को कहा था।
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