कांग्रेस विधायक ने कहा कि यह बडे़ नेताओं का शगूफा है आपस में कि किस तरह से पायलट को दरकिनार किया जाये।
सचिन पायलट पिछले सप्ताह जयपुर में धरने पर बैठे थे। वह वसुंधरा राजे सरकार के दौरान भ्रष्टाचार में कथित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस ने इसे ‘पार्टी विरोधी गतिविधि’ करार दिया।
अशोक गहलोत सरकार के महंगाई राहत कैंप पर हमला बोलते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि अगर आपको कैंप लगाना ही है तो भ्रष्टाचार राहत कैंप लगाओ। इससे महंगाई अपने आप ही कम हो जाएगी।
सचिन पायलट शाम को करीब 5 बजे परिजनों से मुलाकात करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। इस दौरान उनके साथ जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल सहित अन्य नेता मौजूद रहे। वहीं पायलट ने परिजनों को सांत्वना देते हुए कहा कि हम लोग आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी विधायकों के साथ वन-टू-वन संवाद कर रहे हैं ताकि चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी पकड़ को मजबूत कर सके। हालांकि सचिन पायलट का नहीं आना चर्चा का विषय बना हुआ है।
वैसे तो अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच जंग पिछले कई वर्षों से चल रही है लेकिन 11 अप्रैल को सचिन पायलट ने एक ऐसा दांव चला, जिससे कांग्रेस पार्टी और गहलोत सरकार ही मुश्किल में आ गई। इसे लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस पर कटाक्ष किया है।
डूंगरपुर में आयोजित भागवत कथा कार्यक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने मंच साझा करते हुए इशारों में कांग्रेस नेता सचिन पायलट पर हमला किया और कहा कि अधर्मी को कभी राजयोग नहीं मिलता।
सचिन पायलट के खिलाफ अभी कोई फैसला नहीं लिया जाएगा। पार्टी आलाकमान नहीं चाहता कि कोई ऐसा फैसला लिया जाए, जिससे उन्हें आगामी विधानसभा कौर लोकसभा चुनावों में नुकसान उठाना पड़े।
अतीक को करीब दो हफ्ते पहले उमेश पाल की किडनैपिंग के केस में पेशी के लिए प्रयागराज इसी तरह लाया गया था।
सचिन पायलट 11 अप्रैल को जयपुर के शहीद स्मारक पर ने अपने समर्थकों के साथ भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्ये सिंधिया के कथित भ्रष्टाचार के आरोपो की जांच करवाने के लिए अपनी ही सरकार के ख़िलाफ़ 1 दिन के अनशन पर बैठ गए।
कांग्रेस शासित एक और राज्य है छत्तीसगढ़, जहां गाहे-बगाहे अंदरखाने खींचतान की खबरें आती रहती हैं। यहां पर यही कहा जाता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और राज्य के कद्दावर मंत्री टी.एस. सिंहदेव के बीच सबकुछ ठीक-ठाक नहीं है।
सचिन पायलट ने जयपुर में शहीद स्मारक पर पूर्वाह्न 11 बजे से शाम चार बजे तक पांच घंटे अनशन किया। इसके बाद पायलट ने संवाददाताओं से कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष जारी रहेगा।
सीएम गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर लंबे समय से खींचतान जारी है। साल 2020 में पायलट ने कुछ और विधायकों के साथ गहलोत के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था।
इससे पहले रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उन्होंने वसुंधरा राजे के सीएम रहते हुए घोटालों पर कार्रवाई नहीं करने के मुद्दे को उठाया था।
आज सचिन पायलट अपनी ही सरकार के खिलाफ जयपुर में अनशन पर बैठने जा रहे हैं। राजस्थान के एआईसीसी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने बयान जारी करके कहा कि सचिन पायलट का दिन भर का उपवास पार्टी हितों के खिलाफ है।
सचिन पायलट के उपवास की घोषणा के बाद कांग्रेस रविवार को पार्टी के दिग्गज नेता और मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में उतर आई। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, मुख्यमंत्री के रूप में गहलोत के साथ राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बड़ी संख्या में योजनाएं लागू की हैं।
पायलट ने शराब माफिया और बजरी माफिया पर दिए बयान के वीडियो भी दिखाए। इतना नहीं पायलट ने 11 अप्रैल को गहलोत सरकार के खिलाफ 1 दिन का अनशन करने का ऐलान भी किया है।
हनुमान बेनीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस में अनबन चल रही है। भाजपा में 12-13 नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। इस बार भाजपा की राह बिल्कुल भी आसान नहीं है।
मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर ने राज्य के आठ से अधिक जिलों के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी किया था । किसानों को आगाह भी किया गया था कि वे अपनी फसलों को बचाने का प्रयास करें और सुरक्षित स्थान पर स्टोर करें।
पायलट ने कहा कि जो लोग मरे हैं, उन्हें हमें जवाब देना होगा। जिन लोगों ने अपराध किया है, उन्हें दंडित करना आवश्यक है। इस मामले को तार्किक परिणति तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है।
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