कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोनिया गांधी के इस्तीफे की खबरों पर कहा कि श्रीमती गांधी और राहुल जी ने दिखाया है कि लोगों और पार्टी के लिए बलिदान करने का क्या मतलब है। अब समय सहमति बनाने और एकजुट होने का है।
राजस्थान में एक महीने तक चले सियासी संकट को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रविवार को ‘‘शर्मसार’’ करने वाला बताते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार एक ऐसी सरकार साबित हुई है जिसने कोरोना संकट में लोगों को राहत पहुंचाने की बजाय उनके साथ विश्वासघात किया।
पिछले साल नेतृत्व के मुद्दे पर टकराव के बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया ताकि पार्टी में यथास्थिति बनी रहे। उसके बाद से नए नेतृत्व का चुनाव अब तक नहीं हो पाया है।
सचिन पायलट ने कहा कि कौन किस पद पर रहता है नहीं रहता, इसकी बहुत सी अटकलें लगाईं जा रही हैं। कांग्रेस से संबंधित सब लोग निस्वार्थ भाव से जनता की सेवा करना चाहते हैं, इसलिए बहुत ज़्यादा आकलन लगाने की जरूरत नहीं है जो होगा अच्छा होगा और सबको साथ लेकर होगा।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व का विरोध करने और पार्टी के व्हिप का उल्लंघन करने वाले पायलट और 18 अन्य कांग्रेस विधायकों के बागी होने के बाद एक महीने के राजनीति संकट के बाद पिछले सप्ताह पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था।
राजस्थान विधानसभा में अशोक गहलोत सरकार द्वारा विश्वास मत जीते जाने पर कांग्रेस के सीनियर नेता और हाल में बगावत की वजह से सुर्खियां बटोरनेवाले सचिन पायलट ने कहा.....
पायलट ने कहा, "आज इस विश्वास मत में जो चर्चा हो रही है, उसमें बहुत से बातें बोली गयीं, बहुत सी बातें बोली जाएंगी। समय के साथ साथ सब बातों का खुलासा होगा।"
जयपुर में जलभराव से सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। जयपुर शहर के कुछ हिस्सों में 14 अगस्त को भारी वर्षा के बाद जलभराव का सामना करना पड़ा।
राजस्थान विधानसभा का पांचवां सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि विधानसभा में बीजेपी अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएगी, कांग्रेस विश्वासमत का प्रस्ताव पेश करेगी।
14 अगस्त (शुक्रवार) से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से पहले आज गुरुवार (13 अगस्त) को सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे। राजस्थान सियासी संकट के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उनकी यह पहली मुलाकात है।
14 अगस्त (शुक्रवार) से शुरू होने वाले राजस्थान विधानसभा के विशेष सत्र से पहले आज गुरुवार (13 अगस्त) को सचिन पायलट कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास पर पहुंचे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट व अन्य बागी विधायकों की वापसी को लेकर कांग्रेस विधायकों में नाराजगी की ओर इशारा करते हुए बुधवार को कहा कि उनकी नाराजगी स्वाभाविक है, लेकिन मैने इन विधायकों को समझाया है।
बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने मंगलवार को कहा कि राजस्थान के राज्यपाल को राज्य में ‘‘गंभीर राजनीतिक स्थिति’’का संज्ञान लेना चाहिए ताकि लोगों को राजनीतिक अनिश्चितता से छुटकारा मिल सके।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि मैं उनके कहे गए शब्दों से बहुत दुखी हूं, मुझे लगता है कि हमें वह बातें भूल जानी चाहिए। उन्होनें कहा कि मुझे लगता है कि राजनीति में बातचीत का स्तर बने रहना चाहिए।
राजस्थान में राजनीतिक घटनाक्रम के बीच तीन निर्दलीय विधायकों ओमप्रकाश हुडला, सुरेश टांक व खुशवीर सिंह ने मुख्यमंत्री निवास में अशोक गहलोत से मुलाकात की।
सचिन पायलट ने बिना अशोक गहलोत का नाम लिए कहा कि लोगों को शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।
अशोक गहलोत जी मेरे से बड़े हैं और मैं उनका व्यक्तिगत रूप से सम्मान करता हूं लेकिन मुझे काम से जुड़ी चिंताओं को उठाने का अधिकार है: गहलोत की 'निकम्मा' टिप्पणी पर सचिन पायलट ने उनके खिलाफ टिप्पणी की
राजस्थान कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट की पार्टी में वापसी को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हालाकमान का फैसला मंजूर है। पार्टी में शांति, भाईचारा बना रहेगा। राजस्थान में कांग्रेस एकजुट रहेगी।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मिलने और पार्टी द्वारा यह आश्वासन दिए जाने के बाद कि उनके और उनके विधायकों के शिविर का मुद्दा हल हो जाएगा, सचिन पायलट ने कांग्रेस में वापसी की और कहा कि उन्होंने कभी किसी पद के लिए हांक नहीं किया था और केवल वैचारिक मुद्दों को उठा रहे थे।
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