सबरीमाला मंदिर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने निकली तृप्ति देसाई को शिरडी के रास्ते में हिरासत में लिया गया
तृप्ति देसाई ने उन्हें शिरडी जाने से रोके जाने पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ़ आपत्ति जताई और कहा कि उन्हें आंदोलन के अधिकार से रोका नहीं जा सकता।
भगवान अयप्पा मंदिर के पांच दिनी तीर्थयात्रा के दूसरे दिन गुरुवार को भी केरल में तनाव बना रहा। राज्य में कथित तौर पर पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों पर हमले के खिलाफ बंद रखा गया है।
भागवत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के 28 सितंबर के फैसले की वजह से सबरीमाला में बुधवार को जो स्थिति दिखाई दी, उसका कारण सिर्फ यह है कि समाज ने उस परंपरा को स्वीकार किया था और लगातार कई सालों से पालन होती आ रही परंपरा पर विचार नहीं किया गया।
सबरीमाला संरक्षण समिति ने आज 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है। बीजेपी, अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद और अन्य स्थानीय संगठनों ने इस हड़ताल को अपना समर्थन दिया है। यह हड़ताल श्रद्धालुओं के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के विरोध में बुलाई गई है।
सबरीमाला संरक्षण समिति ने आज 12 घंटे राज्यव्यापी हड़ताल का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। बंद के कारण बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों से नदारद रहे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को पहली बार भगवान अय्यप्पा मंदिर के दरवाजे तो खुले लेकिन ‘प्रतिबंधित’ उम्र समूह वाली कोई भी महिला दर्शन करने में सक्षम नहीं हो पाई।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर हंगामा जारी, प्रदर्शनकारी हिरासत में लिए गए
आदिवासियों ने यह भी कहा कि सबरीमला मंदिर और इससे जुड़ी जगहों पर जनजातीय समुदायों के कई अधिकार सरकारी अधिकारियों और मंदिर का प्रबंधन करने वाले टीडीबी के अधिकारियों द्वारा छीने जा रहे हैं।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर हंगामा जारी, पम्बा, नीलईकलई और ऐरिमेली में प्रदर्शन
उच्चतम न्यायालय ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा पिछले महीने हटा दी थी और सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दी थी।
सबरीमाला जाने के रास्ते में निलाकल में भारी तनाव के बीच एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा, मासिक पूजा के लिए मंदिर जब कल शाम खुलेगा तो 10 से 50 साल की आयु की किसी महिला को निलाकल से आगे और मंदिर में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति देने के उसके फैसले के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई से मंगलवार को इनकार कर दिया
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केरल के सबरीमला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने वाले फैसले की समीक्षा करने की अपील की गई है।
गत 28 सितंबर को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 10-50 साल के उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
सबरीमाला देवस्थान के बारे में उन्होंने कहा कि यह एक स्थानीय मंदिर परंपराओं का मुद्दा है जिसके साथ महिलाओं समेत लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं जुड़ी हुई हैं
विभिन्न हिंदू संगठनों के समर्थकों ने मंगलवार को केरल के विभिन्न शहरों की सड़कों पर उतरकर 28 सितम्बर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
भगवान अय्यप्पा की भक्त कुमारी कानूनी आदेश के साथ सबरीमला जाने वाले पहली महिला थीं। कुमारी अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश एवं पूजा करने की इजाजत दे दी।
न्यायाधीश ने कहा कि इस मामले में उठाए गए मुद्दों का केवल सबरीमाला मंदिर के लिए नहीं बल्कि देश में विभिन्न धर्मों के सभी प्रार्थना स्थलों पर व्यापक असर होगा।
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