पंबा इलाके में तब तनाव उत्पन्न हो गया जब रविवार की सुबह 50 साल से कम उम्र की 11 महिलाओं के एक समूह ने भगवान अयप्पा मंदिर पहुंचने की कोशिश की।
सुबह एरुमेली पहुंचने के बाद एर्नाकुलम के चारों भक्तों ने साड़ी पहनी और सुरक्षा के बीच पंबा से सुबह आठ बजे मंदिर की तरफ चढ़ाई शुरू की।
केरल राज्य सचिवालय के सामने भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन स्थल के पास गुरुवार को 55 वर्षीय एक शख्स ने खुद को आग के हवाले कर दिया।
मुख्यमंत्री पिनरई विजयन द्वारा कासरगोड से केरल की राजधानी तक एक जनवरी को प्रस्तावित 'महिला दीवार' नाम से विरोध प्रदर्शन की योजना पर कांग्रेस भड़क गई है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए बुधवार को कहा कि वह सबरीमाला को अयोध्या नहीं बनने देंगे।
सबरीमाला नगर में 28 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के आने के बाद से बार-बार विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिसके तहत अदालत ने मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए हर आयु की महिला को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की।
सबरीमाला में 68 तीर्थयात्रियों को मंदिर परिसर में गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे केरल में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
पूजन सामग्री लेकर जा रहे सुरेंद्रन को शनिवार की रात को निलक्कल से हिरासत में ले लिया गया था। वह 2 अन्य लोगों के साथ सबरीमाला स्थित मंदिर जा रहे थे।
मलयाली पंचांग के पवित्र महीने वृश्चिकम के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए। हिंदू एक्यावेदी की महिला नेता को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल के बावजूद....
अयप्पा भक्तों ने किया तृप्ति देसाई का विरोध
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विरोध बढ़ता ही जा रहा है।
सबरीमला मंदिर दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार शाम को खुल गए। वहीं भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अब भी अड़े हुए हैं।
पिछले साल की तुलना में मंदिर और आसपास पुलिस की मौजूदगी दोगुणा कर दी गई है।
सबरीमाला में दो महीने का पर्व 16 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान इस मुद्दे पर विरोध तेज होने की आशंका है।
उच्चतम न्यायालय सबरीमला पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर खुले न्यायालय में 22 जनवरी को सुनवाई के लिये तैयार हो गया
सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के शीर्ष अदालत के 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिये 48 याचिकायें दायर की गयी हैं
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की एक पीठ बंद कमरे में 48 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें फैसले के समीक्षा की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय आज उन याचिकाओं पर विचार कर सकता है जिनमें केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
भगवान अय्यप्पा के मंदिर में अक्टूबर और नवंबर में मंदिर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों ने 10 से 50 वर्ष उम्र की 15 महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर के अपने आदेश में सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।
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