गौरतलब है कि सबरीमाला मंदिर में पारंपरिक रूप से 10-50 साल की महिलाओं को मंदिर में एंट्री की अनुमति नहीं थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद 28 सितंबर को सभी उम्र की महिलाओं को एंट्री दिए जाने के पक्ष में फैसला सुनाया।
रजस्वला आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद, सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के कपाट को दो महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के समापन पर रविवार को बंद कर दिया गया।
न्यायालय सदियों पुरानी परंपरा तोड़ते हुए मंदिर में दो जनवरी को प्रवेश करने वाली 42 वर्षीय बिंदु और 44 वर्षीय कनकदुर्गा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के पक्ष में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद केरल में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इच्छुक 2 महिलाओं को बुधवार को बीच मार्ग में ही रोक दिया।
सबरीमला मंदिर की परंपराओं को तोड़ वहां पूजा के लिए प्रवेश करने वाली एक महिला ने मंगलवार को अपनी सास पर मारपीट का आरोप लगाया।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लैंगिक भेदभाव बताया था और इसे हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया था।
केरल के सबरीमाला मंदिर में सभी महिलाओं को प्रवेश की इजाजत देने की पैरवी करने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना रुख बदल लिया है।
पुलिस के अनुसार इस सिलसिले में पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा में 2,187 मामले दर्ज किए गए हैं और 6,914 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
तमिलनाडु के पुडुकोट्टई जिले के तिरुमयम कस्बे के पास रविवार को हुए एक सड़क हादसे में तेलंगाना के रहने वाले 10 सबरीमला श्रद्धालू मारे गए।
सबरीमला विवाद को लेकर केरल में हिंसक घटनाओं का दौर जारी है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में दुकानों में तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। इसी बीच ब्रिटेन ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है।
कई शहरों में राज्य परिवहन की बसें नहीं चल रही थीं वहीं कुछ प्राइवेट वाहन ही सड़क पर दिखाई दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हिंसा राजनीतिक रूप से फैलाई गई है। सरकार किसी भी रूप में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेगी।
भाजपा कार्यकर्ताओं की सोसल डेमोक्रेटिक पार्टी आफ इंडिया के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हुई। यह चरमपंथी इस्लामिक संगठन पापुलर फ्रंट आफ इंडिया की राजनीतिक शाखा है। अधिकतर सरकारी बसें सड़कों पर नहीं चली।
महिलाओं के मंदिर में प्रवेश की खबर आग की तरह फैल गई और कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हुए। हिंदू दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने राजमार्गों को बाधित किया जिसके कारण दुकानें एवं बाजार बंद करने पड़े। पुलिस ने कहा कि कई स्थानों पर सत्तारूढ माकपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ की गई जिससे तनाव पैदा हो गया।
काले रंग के परिधान पहने रजस्वला वाली उम्र की दो महिलाओं ने हिन्दूवादी संगठनों की तमाम धमकियों की परवाह न करते हुए बुधवार तड़के भगवान अयप्पा के सबरीमला मंदिर में प्रवेश कर सदियों पुरानी परंपरा तोड़ दीं। इस घटना के बाद भाजपा और हिन्दूवादी संगठनों ने केरल में हिंसक प्रदर्शन किया।
बताया जा रहा है कि बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने आधी रात को मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की और सुबह करीब 3.45 पर भगवान के दर्शन किए। दोनों महिलाओं के साथ साधारण कपड़ों में और यूनिफॉर्म में कुछ पुलिसकर्मी थे।
बता दें कि 10 से 50 साल की महिलाओं की एंट्री पर मंदिर की ओर से बैन है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया था, मगर इसके बाद भी मंदिर ने यह बैन बरकरार रखा। हालांकि, बुधवार को पुलिस सूत्रों ने कहा कि 50 साल से कम उम्र की दो महिलाओं ने मंदिर में एंट्री ली है।
बताया जा रहा है कि बिंदु और कनकदुर्गा नाम की दो महिलाओं ने आधी रात को मंदिर की सीढ़ियां चढ़नी शुरू की और सुबह करीब 3.45 पर भगवान के दर्शन किए। दोनों महिलाओं के साथ साधारण कपड़ों में और यूनिफॉर्म में कुछ पुलिसकर्मी थे।
लैंगिक समानता और समान मूल्यों को बनाए रखने के लिए राज्य द्वारा प्रायोजित ‘वीमेन वॉल‘ अभियान में विभिन्न वर्गों की लाखों महिलाएं हिस्सा लेंगी। इस दौरान उत्तरी सिरे कासरगोड से दक्षिणी छोर तक महिलाओं की करीब 620 किलोमीटर लंबी एक श्रृंखला (चैन) बनाई जाएगी।
साल 2018 खत्म होने वाला है और कुछ ही दिनों में साल 2019 आ जाएगा। यह साल भी कई घटनाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा। 2018 भारत के लिए काफी घटनापूर्ण वर्ष रहा - आपदाजनक बाढ़ और भयानक रेल दुर्घटना और समलैंगिकता को कानूनी स्वीकृति से लेकर MeToo आंदोलन तक भारत ने देखा।
सुप्रीम कोर्ट के लिहाज से साल 2018 ऐतिहासिक रहा। इस साल कोर्ट द्वारा सुनाए गए कई फैसले समानता और सशक्तिकरण की दिशा में नजीर बने। कई फैसले न सिर्फ रूढ़िवादी सोच के खिलाफ थे बल्कि आधुनिक समाज के हित में रहे।
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