सबरीमाला नगर में 28 नवंबर को सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के आने के बाद से बार-बार विरोध प्रदर्शन हो रहा है, जिसके तहत अदालत ने मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटाते हुए हर आयु की महिला को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दे दी थी।
रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की।
सबरीमाला में 68 तीर्थयात्रियों को मंदिर परिसर में गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे केरल में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं।
पूजन सामग्री लेकर जा रहे सुरेंद्रन को शनिवार की रात को निलक्कल से हिरासत में ले लिया गया था। वह 2 अन्य लोगों के साथ सबरीमाला स्थित मंदिर जा रहे थे।
मलयाली पंचांग के पवित्र महीने वृश्चिकम के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए। हिंदू एक्यावेदी की महिला नेता को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल के बावजूद....
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विरोध बढ़ता ही जा रहा है।
सबरीमला मंदिर दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार शाम को खुल गए। वहीं भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अब भी अड़े हुए हैं।
पिछले साल की तुलना में मंदिर और आसपास पुलिस की मौजूदगी दोगुणा कर दी गई है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की एक पीठ बंद कमरे में 48 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें फैसले के समीक्षा की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय आज उन याचिकाओं पर विचार कर सकता है जिनमें केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
भगवान अय्यप्पा के मंदिर में अक्टूबर और नवंबर में मंदिर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों ने 10 से 50 वर्ष उम्र की 15 महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर के अपने आदेश में सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।
केरल में भाजपा ने सबरीमला स्थित भगवान अयप्पा मंदिर की परंपरा और रीति रिवाजों को बचाने के लिए बृहस्पतिवार को यहां से एक रथ यात्रा शुरू की।
केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश दिए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही सियासी संग्राम जारी है।
पुलिस ने दावा किया कि महिला के पति की जिद है कि उसे अपने परिवार के साथ पूजा-अर्चना करने दी जाए। इस मुद्दे पर केरल पुलिस विरोधाभासी बयान देती दिख रही है।
अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच, दो दिवसीय विशेष पूजा के लिए भगवान अयप्पा मंदिर के दरवाजे सोमवार को यहां खोल दिए गए। आशंका है कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का विरोध करने वाले प्रदर्शन कर सकते हैं।
भगवान अयप्पा मंदिर के सोमवार शाम को मासिक पूजा के लिए खुलने के मद्देनजर सबरीमला में और उसके आसपास सुरक्षा व्यवस्था काफी कड़ी कर दी गई है।
पम्बा, निलक्कल, इलावुंगल और सन्निधानम में शनिवार की मध्य रात्रि से 72 घंटे के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है।
पिछले महीने जब मंदिर पांच दिनों के लिए मासिक पूजा के वास्ते खुला था तो इस अवसर की रिपोर्टिंग करने के लिए आई महिला पत्रकारों से बदसलूकी की गई थी।
सबरीमला में महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर भाजपा सहित विभिन्न हिंदू संगठनों ने राज्य की वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ विरोध और तेज करने का निर्णय किया है।
केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल 3,345 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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