केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर सर्वोच्च अदालत बृहस्पतिवार को फैसला सुनायेगी।
रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की।
उच्चतम न्यायालय आज उन याचिकाओं पर विचार कर सकता है जिनमें केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
गत 28 सितंबर को प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 10-50 साल के उम्र की महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया था।
विभिन्न हिंदू संगठनों के समर्थकों ने मंगलवार को केरल के विभिन्न शहरों की सड़कों पर उतरकर 28 सितम्बर को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कोर्ट के इस फैसले के बाद अब जो उम्र का बैरियर भगवान और भक्त के बीच मंदिर प्रबंधन ने लगाया था वो ध्वस्त हो गया है।
फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत दे दी। वहीं संविधान पीठ ने 800 साल पुरानी इस परंपरा को असंवैधानिक करार दे दिया।
केरल के सबरीमाला मंदिर में 10-50 साल की उम्र की महिलाओं को प्रवेश की मिली अनुमति, संविधान पीठ ने 800 साल पुरानी परंपरा को असंवैधानिक करार दिया
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