भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में खराब सुविधाओं की वजह से तीर्थयात्रियों को हो रही परेशानी को लेकर CPM की सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
केरल के सबरीमाला मंदिर आज से खुल रहा है। आज शाम पांच बजे से सबरीमाला के दरवाजे लोगों के दर्शनों के लिए खुल जाएंगे जो 20 जनवरी तक खुला रहेगा।
केरल में स्थित सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पुनर्विचार के लिये दायर याचिकाओं पर सर्वोच्च अदालत बृहस्पतिवार को फैसला सुनायेगी।
चार महिलाओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करके पिछले साल सितंबर में सबरीमाला मंदिर के संबंध में आए ऐतिहासिक फैसले के समर्थन में पक्षकार के रूप में हस्तक्षेप का अनुरोध किया।
रजस्वला आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर अभूतपूर्व विरोध प्रदर्शन के बाद, सबरीमला स्थित भगवान अय्यप्पा मंदिर के कपाट को दो महीने की वार्षिक तीर्थयात्रा सीजन के समापन पर रविवार को बंद कर दिया गया।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लैंगिक भेदभाव बताया था और इसे हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया था।
पुलिस के अनुसार इस सिलसिले में पिछले कुछ दिनों में हुई हिंसा में 2,187 मामले दर्ज किए गए हैं और 6,914 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
लैंगिक समानता और समान मूल्यों को बनाए रखने के लिए राज्य द्वारा प्रायोजित ‘वीमेन वॉल‘ अभियान में विभिन्न वर्गों की लाखों महिलाएं हिस्सा लेंगी। इस दौरान उत्तरी सिरे कासरगोड से दक्षिणी छोर तक महिलाओं की करीब 620 किलोमीटर लंबी एक श्रृंखला (चैन) बनाई जाएगी।
साल 2018 खत्म होने वाला है और कुछ ही दिनों में साल 2019 आ जाएगा। यह साल भी कई घटनाओं के लिए हमेशा याद किया जाएगा। 2018 भारत के लिए काफी घटनापूर्ण वर्ष रहा - आपदाजनक बाढ़ और भयानक रेल दुर्घटना और समलैंगिकता को कानूनी स्वीकृति से लेकर MeToo आंदोलन तक भारत ने देखा।
रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के सबरीमाला मंदिर में प्रवेश पर जारी गतिरोध के बीच तीन युवतियों ने सोमवर को अयप्पा मंदिर जाने की इच्छा जाहिर की।
मलयाली पंचांग के पवित्र महीने वृश्चिकम के पहले दिन शनिवार को हजारों श्रद्धालुओं ने भगवान अयप्पा के दर्शन किए। हिंदू एक्यावेदी की महिला नेता को एहतियाती तौर पर हिरासत में लिए जाने के खिलाफ बुलाई गई 12 घंटे की हड़ताल के बावजूद....
अयप्पा भक्तों ने किया तृप्ति देसाई का विरोध
सबरीमला मंदिर दो महीने तक चलने वाली पूजा के लिए कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार शाम को खुल गए। वहीं भगवान अयप्पा के श्रद्धालु मंदिर में माहवारी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ अब भी अड़े हुए हैं।
सबरीमाला में दो महीने का पर्व 16 नवंबर से शुरू हो रहा है। इस दौरान इस मुद्दे पर विरोध तेज होने की आशंका है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की एक पीठ बंद कमरे में 48 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी जिसमें फैसले के समीक्षा की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय आज उन याचिकाओं पर विचार कर सकता है जिनमें केरल के सबरीमला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति वाले उसके 28 सितंबर के फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है।
भगवान अय्यप्पा के मंदिर में अक्टूबर और नवंबर में मंदिर प्रशासन और प्रदर्शनकारियों ने 10 से 50 वर्ष उम्र की 15 महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 28 सितंबर के अपने आदेश में सभी उम्र वर्ग की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।
अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था के बीच, दो दिवसीय विशेष पूजा के लिए भगवान अयप्पा मंदिर के दरवाजे सोमवार को यहां खोल दिए गए। आशंका है कि मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश का विरोध करने वाले प्रदर्शन कर सकते हैं।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 13 नवंबर सुनवाई को करेगा।
भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने सबरीमला मंदिर में रविवार को चार महिलाओं को प्रवेश करने से रोक दिया, वहीं प्रसिद्ध मंदिर में मासिक धर्म के उम्र वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा गतिरोध आज पांचवें दिन भी जारी रहा।
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