भारत से तनाव के बीच चीन को उसके मित्र देश रूस ने बहुत बड़ा झटका दिया है। रूस ने चीन को एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की डिलिवरी रोक दी है।
रूस में नियुक्त भारत के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि रूस के साथ एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति सहित सभी बड़े सैन्य अनुबंधों पर अमल तय कार्यक्रम के मुताबिक होगा और कोरोना वायरस महामारी का असर इनकी समय सीमा पर नहीं पड़ेगा।
भारत की रक्षा प्रणाली की मजबूती के लिए बेहद अहम मानी जाने वाली एस-400 मिसाइलों का निर्माण शुरू हो गया है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूस की भारत को सतह से हवा में मार करने वाली ‘एस-400 प्रक्षेपास्त्र’ प्रणाली की आपूर्ति तय कार्यक्रम के मुताबिक करने की योजना है।
अमेरिका ने ईरान पर दबाव बनाने के लिए सभी देशों को उससे तेल खरीदने से रोकने के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने की धमकी दी है। ट्रम्प प्रशासन ने भारत समेत ईरान से तेल खरीदने वाले देशों को मिली छूट समाप्त कर दी थी।
रूस ने कहा है कि वो 18 महीने के अंदर भारत को एस-400 मिसाइल सिस्टम की सप्लाई कर देगा।
रूसी रक्षा एजेंसी ने बृहस्पतिवार को कहा कि रूस और भारत ने लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली एस-400 की आपूर्ति के लिए भारत के अग्रिम भुगतान के मुद्दे को सुलझा लिया है। भारत ने 2015 में रूस में निर्मित एस-400 मिसाइल प्रणाली हासिल करने के अपने इरादे की घोषणा की थी।
हिंद प्रशांत कमान के कमांडर एडमिरल फिलिप डेविडसन ने कोलाराडो में एस्पन सिक्योरिटी फोरम को बताया, “भारत एस-400 हासिल कर रहा है। यह रूस की वायु रक्षा प्रणाली है। यह थोड़ी समस्या है। लेकिन हम बातचीत जारी रखेंगे।”
ये टिप्पणियां राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस घोषणा के एक दिन बाद आई है कि अमेरिका तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान नहीं बेचेगा। इससे पहले तुर्की ने रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदी थी।
ट्रंप के फैसले पर तुर्की ने बेहद की कड़ी प्रतिक्रिया दी है और अमेरिका के इस कदम को गठबंधन की भावना के विपरीत बताया है।
आपको बता दें कि भारत ने S-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का यह समझौता रूस के साथ पिछले साल अक्टूबर में किया था।
रूस से एस- 400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए अमेरिकी प्रतिबंध से छूट की शर्तों को भारत ने पूरा करता है और इस मुद्दे पर ट्रम्प प्रशासन ने ‘‘काफी लचीलापन’’ दिखाया है। यह जानकारी मंगलवार को राजनयिक सूत्रों ने दी।
वेल्स ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत-अमेरिका रक्षा व्यापार शून्य से 18 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। यह भारत द्वारा हथियार के स्रोतों में विविधता लाने के कारण हुआ है।
रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने का सौदा रद्द करने के लिए अमेरिका ने तुर्की को 31 जुलाई तक का वक्त दिया है।
ट्रंप प्रशासन ने साफ कहा है कि रूस से मिसाइल रक्षा प्रणाली ‘S-400’ खरीदने के भारत के फैसले का अमेरिका तथा भारत के बीच रक्षा संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा।
पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि यदि तुर्की ‘रूसी मिसाइल रक्षा प्रणाली’ खरीदता है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
इस रिपोर्ट में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर वायुसेना का हवाई हमला और अगले दिन पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण किया गया है।
वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि रूस के साथ भारत के एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली सौदे में ‘‘सरकारी गारंटी’’ नहीं है क्योंकि रूस और अमेरिका जैसे देशों के साथ अंतरसरकारी समझौतों की प्रक्रिया पहले से ‘‘सुचारू ढंग से’’ जारी है।
आपको बता दें कि भारत ने रूस से एस-400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए 5 अरब डॉलर का ऑर्डर दिया है जिसे लेकर अमेरिका ने सार्वजनिक तौर पर नाखुशी जताई है।
डॉन समाचार पत्र ने जनरल किदवई के हवाले से कहा, ‘‘हमारे सामरिक बल के विकास का इतिहास स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि पाकिस्तान ने कभी भी इस (रणनीतिक) संतुलन में व्यवधान उत्पन्न करने की अनुमति नहीं दी।
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