विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (दक्षेस) में सुधार की किसी संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने इसके पीछे इसी संगठन के एक देश पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया है। पाकिस्तान का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा कि एक देश की वजह से कुछ अच्छा नहीं हो पा रहा।
’’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर की यात्रा और तोक्यो में बैठकें इन क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच ‘‘कार्यात्मक सहयोग’’ के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन उपलब्ध कराएंगी। उनके कारोबारी नेताओं, विचार समूहों के प्रमुखों और शिक्षाविदों से बातचीत करने की उम्मीद है। भारत के संबंधों को जापान और दक्षिण कोरिया के साथ मजबूत करेंगे।
जर्मनी के म्यूनिख सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विभिन्न देशों के अपने विदेशी समकक्षों के साथ में मुलाकात और द्विपक्षीय वार्ता की। इस दौरान उन्होंने भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत किया। साथ ही रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध जैसे अन्य मुद्दों पर दुनिया के सामने अपना पक्ष रखा ।
म्यूनिख सम्मेलन में भारत और चीन के विदेश मंत्री के बीच बेहद संक्षिप्त मुलाकात और बातचीत हुई। यह बातचीत तब हुई जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी मंच से लौट रहे थे और एसजयशंकर रास्ते में मंच पर मिल गए। इसके बाद दोनों मंत्रियों ने आपस में बेहद संक्षिप्त वार्तालाप किया।
जर्मनी के म्यूनिख में आयोजित वैश्विक सुरक्षा सम्मेलन में एस जयशंकर ने अमेरिका और ब्रिटेन के विदेश मंत्रियों समेत कई अन्य देशों के समकक्षों से उन्होंने मुलाकात की। साथ ही वैश्विक मुद्दों के साथ द्विपक्षीय मामलों पर चर्चा की। भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग मजबूत करने के लिए जयशंकर ने वार्ता की।
विदेश में अपने बच्चों को पढ़ाना हर किसी का सपना होता है, लेकिन पिछले 5 वर्ष में अलग-अलग देशों में 400 से ज्यादा भारतीय छात्रों की मौत ने अभिभावकों के मन में डर पैदा कर दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि अलग-अलग वजहों से विदेश में 5 वर्षों में 403 भारतीय छात्रों की जान जा चुकी है।
युगांडा की राजधानी कंपाला में " जयशंकर ने श्रीलंका, फिलिस्तीनी, बहरीन, सर्बिया, बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं। इस दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
युगांडा में आयोजित दो दिनी शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर युगांडा पहुंचे। यहां उन्होंने मालदीव के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। मालदीव से तनातनी के बीच यह चर्चा काफी अहम रही।
इधर भारतीय विदेश मंत्री ईरान की यात्रा पर गए और उधर ईरान ने भारत के दुश्मन पाकिस्तान पर बड़ा मिसाइल अटैक कर दिया। अचानक हमले से पाकिस्तान सकते में है। सवाल यह उठ रहा है कि यह हमला जयशंकर की यात्रा का संयोग है या कोई कड़ा संदेश?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि सीमा पर गतिरोध के बीच चीन को संबंधों के सामान्य रूप से आगे बढ़ने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर फिलहाल नेपाल दौरे पर पहुंचे हैं। यहां उन्होंने नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने पशुपतिनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने दो दिवसीय नेपाल दौरे से चीन को चारों खाने चित कर दिया है। जयशंकर ने भारत-नेपाल की सदियों पुरानी विशिष्ट दोस्ती के अंकुर को फिर पल्लवित करके दमदार कूटनीति का नमूना पेश किया है। जयशंकर ने अपनी यात्रा के दौरान नेपाली पीएम प्रचंड, राष्ट्रपति पौडेल समेत पूर्व नेताओं से भी मुलाकात की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर भारत और नेपाल के संबंधों को मजबूती देने के लिए 2 दिवसीय दौरे पर बृहस्पतिवार को काठमांडू पहुंच गए हैं। यहां वह अपने समकक्ष सउद से मुलाकात करने के साथ प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड और नेपाली राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल से भी मिलेंगे। भारत और नेपाल के बीच घनिष्ठता बढ़ते देख चीन चिंता में पड़ गया।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने बुधवार को अपने यूक्रेन के समकक्ष दिमित्रो कुलेबा के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के तौर-तरीकों पर “उपयोगी” बातचीत की और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर विचारों का आदान-प्रदान किया।
भारतीय विदेश मंत्रालय में अब प्रवक्ता पद की जिम्मेदारी रणधीर जायसवाल संभालेंगे। अभी तक अरिंदम बागची के हाथ में यह कमान थी। मगर अब उन्हें विदेश में नई और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसलिए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का प्रभार रणधीर जायसवाल के पास आ गया है।
विदेशमंत्री जयशंकर की रूस यात्रा से दोनों देशों के रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को नई ऊंचाई मिली है। जयशंकर 5 दिनों की रूसी यात्रा पर थे। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात की। साथ ही दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत किया।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर रूस के पांच दिनों के दौरे पर गए हुए हैं। यहां उन्होंने रूस के राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अगले साल रूस की यात्रा के लिए आमंत्रित किया।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करते हुए रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि दिल्ली में G20 सम्मेलन में भारत की विदेश नीति की सच्ची जीत हुई थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत और रूस के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के संबंध बेहद स्थिर और मजबूत हैं। विदेश मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन आपस में फोन पर बातचीत करते रहते हैं।
यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता करके चीन से लेकर अमेरिका तक को चकरा दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया। इससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
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