भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय सिंगापुर यात्रा पर हैं। सोमवार को जयशंकर ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सेन लूंग और विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन से मुलाकात की।
सिंगापुर की 3 दिनों की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने की बड़ी वजह बताई है। जयशंकर ने कहा कि यह एक अस्थाई प्रावधान था, जिसने जम्मू-कश्मीर में अलगवावाद और आतंकवाद को जन्म दिया। मगर इसे हटाए जाने के फायदा अब वहां देखा जा सकता है। आतंकवाद में कमी आई और विकास हो रहा है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सिंगापुर में अपने हर संबोधन में आतंकवाद पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की। एक दिन पहले उन्होंने आतंक के मुद्दे पर पाकिस्तान को जमकर धोया था। जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंक की फैक्ट्री बताया था। अब कहा है कि किसी भी भाषा में एक आतंकी आतंकवादी ही होता है।
भारत और रूस के बीच संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि हमारे बीच बेहद सकारात्मक संबंध हैं। उन्होंने चीन की ओर रूस के खिंचाव पर कहा कि ऐसा हम नहीं सोचते। किस देश के साथ दूसरे देश का संबंध कैसे है यह उस पर निर्भर करता है। रूस ने भारत को कभी नुकसान नहीं पहुंचाया।
सिंगापुर की यात्रा के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इजरायल-फिलिस्तीन के मुद्दे को सुलझाने के लिए द्विराष्ट्र समाधान का विकल्प सुझाया है। भारत इस मुद्दे पर शुरू से ही दो पक्षों के बीच बातचीत से शांति पूर्वक मुद्दे का हल निकालने का सुझाव देता रहा है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी सिंगापुर यात्रा के दौरान पाकिस्तान का बैंड बजा दिया है। आतंकवाद के खिलाफ बोलते हुए जयशंकर ने जमकर पाकिस्तान की वॉट लगाई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का उद्योग चला रहा है। अब भारत आतंक को कतई बर्दाश्त नहीं करेगा।
सिंगापुर दौरे पर पहुंचे भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को बेतुका बताया है। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का एक स्वाभाविक हिस्सा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर भारत ने जर्मनी की क्लास लगा दजी है। ऐसा इस वजह से हुआ क्योंकि जर्मनी ने भारत के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर 5 दिनों की विदेश यात्रा पर तीन देशों की यात्रा पर जा रहे हैं। इस दौरान वह सिंगापुर, मलेशिया और फिलीपींस का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रायल ने उनकी यात्रा का शेड्यूल साझा किया है। अपनी इस यात्रा के दौरान वह उक्त देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की। इस दौरान उनसे द्विपक्षीय वार्ता भी की। विदेश मंत्री का फोकस भारत और जापान के बीच वैश्विक और विशेष रणनीतिक साझेदारी पर रहा। आज उनका 3 दिवसीय जापान दौरा समाप्त हो गया।
जापान में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ग्लोबल साउथ के देशों की फिर जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ के देशों को भारत में यकीन है। क्योंकि भारत ही उनकी आवाज उठाता है। उनकी समस्याओं को दुनिया के सामने रखता है। विदेश मंत्री ने कहा कि चीन तो ग्लोबल साउथ की चिंताओं से कोई मतलब ही नहीं रखता।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आर्थिक विकास और निवेश के लिए राजनीतिक स्थिरता के महत्व को जरूरी बताते हुए कहा कि व्यापार जगत आज राजनीतिक स्थिरता को महत्व देता है।
जापान की यात्रा पर गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में संयुक्त राष्ट्र को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कि दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाले देश को यूएन में स्थाई प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर से जापान में सवाल किया गया है कि क्या वह इस बार आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में लड़ेंगे? इस पर उन्होंने अब खुद ही जवाब दे दिया है।
तेजी से बदल रहे वैश्विक परिवेश में भारत और जापान ग्लोबल पार्टनर हैं। दोनों देशों में लोकतंत्र और पारदर्शी व डिजिटल लेनदेन की व्यवस्था दुनिया में वैश्वीकरण को आगे बढ़ा रहा है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी भारत और जापान के बीच अहम साझेदारी है। क्वाड के माध्यम से भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया अहम काम कर रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 4 वर्षों से तनाव कायम रहने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है। टोकियो में जयशंकर ने कहा कि चीन 2020 में सीमा पर हुई हिंसा का जिम्मेदार है। वह समझौतों का पालन नहीं कर रहा है।
दक्षिण कोरिया और अयोध्या के पौराणिक नाते के बारे में बहुत कम लोगों को पता होगा। दक्षिण कोरिया के लोग अयोध्या को अपना ननिहाल मानते हैं। इसीलिए विदेश मंत्री एस जयशंकर जब सियोल यात्रा पर गए तो उन्होंने अयोध्या से नाता रखने वाले दक्षिण कोरिया के गिम्हे शहर का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की।
जयशंकर ने कहा, ''हमारे नेता पिछले साल हिरोशिमा और नयी दिल्ली में दो बार मिल चुके हैं। मुझे लगता है कि उनकी चर्चाओं ने हमें आगे बढ़ने के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया है।'' जयशंकर ने दिसंबर में विदेश मंत्री पद पर नियुक्ति के लिए चो को बधाई भी दी। इस दौरान भारत-दक्षिण कोरिया की नई साझेदारी को व्यापक करने पर सहमति बनी।
रूस और भारत की दोस्ती ठोस और पारंपरिक है। कई मौकों और मंचों पर दोनों देश एकदूसरे की तारीफ करते हैं। भारत ने कई मंचों पर रूस को अपना पारंपरिक मित्र बताया है। वहीं रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी पीएम मोदी की तारीफ कई बार की है। ताजा मामले में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारतीय समकक्ष जयशंकर की तारीफ की है।
भारत और चीन गत 4 वर्षों से तनाव के चरम पर हैं। दोनों देशों के रिश्ते 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद से ही नाजुक चल रहे हैं, जिसमें सुधार की फिलहाल कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि जब तक चीन सीमा समझौतों का पालन नहीं करता, तब तक एलएसी पर शांति संभव नहीं है।
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