भारत ने अपने दोस्त ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने यह घोषणा की है। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रईसी के निधन पर गहरा शोक जाहिर किया था।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हो रहे हंगामे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जारी था तब तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की चीन प्रेमी सोच के बावजूद भारत ने माले को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ट्रेजरी बिल मदद की है। भारत ने यह निर्णय मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के नई दिल्ली यात्रा के दौरान उनके अनुरोध पर किया। मालदीव ने इसके लिए भारत का शुक्रिया किया है।
भारत ने मालदीव से अपने सारे सैनिकों को वापस बुला लिया है। आज आखिरी जत्था भी मालदीव से नई दिल्ली आ गया। मालदीव के अनुसार माले में कुल 89 भारतीय सैनिकों की मौजूदगी थी। राष्ट्रपति मुइज्जू ने इन्हें स्वदेश वापसी के लिए भारत से आग्रह किया था। अब सभी भारतीय सैनिक वापस आ गए हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देशवासियों का आगाह किया है कि दुनिया में भारी उथल-पुथल होने की आशंका है। ऐसे में देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में देने की जिम्मेदारी आपकी है। उन्होंने रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-हमास, इजरायल-ईरान के बीच छिड़े युद्ध और अन्य देशों के बीच बढ़ते तनावों का जिक्र किया।
भारत ने एक बार मालदीव के सामने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने कहा है कि उसकी नीती हमेशा 'पड़ोस प्रथम' की रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ वार्ता के दौरान यह बात कही है।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टिम बैरो भारत दौरे पर हैं। इस दैरान बैरो ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवल से मुलाकात की है। दोनों के बीच हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति के दुष्प्रचार का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते विदेश मंत्री ने बाइडेन की जेनोफोबिक वाली टिप्पणी पर कहा कि भारत न तो जेनोफोबिक है और न ही उसकी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। जयशंकर ने कहा कि भारत सीएए वाला देश है, जो मदद के दरवाजे खोलता है।
भारत ने नई दिल्ली में आसियान समिट का आयोजन किया। इसके बाद आसियान समूह के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को मुख्य मुद्दा बनाया। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भरोसा जताया कि आसियान समूह के देशों के साथ यह भागीदारी निश्चित ही बढ़ेगी।
पिछले 10 सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने विदेशों में बसे भारतीयों को संकट के समय रेस्क्यू करने के मामले में अभूतपूर्व कुशलता का परिचय दिया है और अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही होने जा रहा है।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि 17 भारतीयों कि रिहाई को लेकर उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री से बात की है। साथ ही क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि 13 अप्रैल को ईरान ने एमएससी एरीज जहाज पर कब्जा कर लिया था, जिसपर 17 भारतीय भी सवार थे।
केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया था। इसको लेकर आज आइजोल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि केंद्र ने ये इसलिए किया, क्योंकि सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर दूसरे देशों में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए संकटमोचक बनने का काम किया है। भारत ने लाओस में गैर कानूनी गतिविधियों में फंसाए गए 17 भारतीयों की वापसी कराई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पोस्ट के जरिये यह जानकारी दी है।
भारत में होने वाले चुनावों पर संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी की टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया है। जयशंकर ने कहा है कि इसके बारे में चिंता ना करें।
पश्चिमी एशिया में मची उथल-पुथल से भारत चिंतित हो गया है। इजरायल से लेकर फिलिस्तीन तक और ईरान से सीरिया तक लगातार युद्ध और हमले का गढ़ बन गए हैं। इससे पश्चिम एशिया का तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल में इजरायली हमले में सीरिया में ईरानी दूतावास के कई कर्मचारी मारे गए हैं।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मे मंगलवार को बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट जरूर मिलेगी। पूरी दुनिया में इस बात को लेकर भावना बढ़ रही है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने विदेश मंत्री द्विमित्रो कुलेबा को भारत भेजा है। आज वह एस जयशंकर से मुलाकात कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में जेलेंस्की को भारत से उम्मीद है कि वह रूस से बातचीत कर शांति का कोई रास्ता निकाल लेगा।
भारत और चीन के संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक कि सैनिकों की तैनाती पूर्ववत स्थिति में नहीं हो जाती। चीन ने सीमा पर रक्तपात और हिंसा की है। साथ ही सीमा समझौतों का उल्लंघन किया है। सीमा सुरक्षा से समझौता करके चीन से संबंध बहाल नहीं किया जा सकता। मलेशिया में विदेश मंत्री जयशंकर ने यह बात कही।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कुआलालंपुर में अपने मलेशियाई समकक्ष मोहम्मद बिन हाजी हसन के साथ मुलाकात की है। जयशंकर प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से भी मुलाकात करेंगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि फिलीपीन को अपनी राष्ट्रीय संप्रभुत्ता को बनाए रखने का अधिकार है। जयशंकर की प्रतिक्रिया ऐसे वक्त सामने आई है जब हाल ही में फिलीपीन की नौका को चीनी तटरक्षक जहाजों ने निशाना बनाया था।
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