विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आसियान शिखर सम्मेलन में चीन के समकक्ष वांग यी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की है। इस दौरान भारत-चीन संबंधों में स्थिरता लाने के लिए सीमा विवाद सुलझाने, पूर्व समझौतों का सम्मान करने और डिसइंगेजमेंट को लेकर सहमति बनाई गई।
विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली में कहा कि जयशंकर की लाओस यात्रा इसलिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इस वर्ष भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक दशक पूरा हो रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में नौवें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में की थी।
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड लैमी बुधवार को भारत दौरे पर पहुंचे। ब्रिटेन में लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनका मुलाकात हो सकती है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूक्रेन के विदेश मंत्री दमित्रो कुलेबा से फोन पर बात की। बता दें कि पीएम मोदी के रूस दौरे के बाद इस बातचीत को अहम माना जा रहा है। दरअसल, पीएम मोदी के रूस में भव्य स्वागत पर यूक्रेन के राष्ट्रपति ने नाराजगी जाहिर की थी।
भारतीय जन औषधि केंद्र की व्यापकता लगातार बढ़ती जा रही है। भारत के बाद मॉरीशस में पहला विदेशी जन औषधि केंद्र खोला गया है, जो वहां के लोगों को सस्ती जेनरिक दवाएं उपलब्ध कराएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे के तहत इस केंद्र को मॉरीशस के लोगों को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने समर्पित किया।
द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर मॉरीशस पहुंचे हैं। मॉरीशस के विदेश मंत्री मनीष गोबिन ने हवाई अड्डे पर जयशंकर का स्वागत किया।
थाईलैंड भारत में आसियान का प्रमुख साझेदार होने के साथ ही साथ रक्षा, सुरक्षा और तकनीकी सहयोग से लेकर व्यापार और प्रौद्योगिकी में भारत का अहम रणनीतिक साझेदार का रोल निभा रहा है। वह दक्षिण एशिया में भारत के प्रमुख सहयोगी के तौर पर उभरा है।
कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि किसी भी रूप या स्वरूप में आतंकवाद को उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच अहम मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं की मुलाकात कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में हुई है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत सीमा विवाद पर केंद्रित रही।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कजाकिस्तान की राजधानी अस्ताना में SCO समिट के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की है। जयशंकर ने इससे पहले UN चीफ से भी मुलाकात की थी।
अस्ताना में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के बीच मुलाकात हुई है। इस दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय साझेदारी जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की है।
एस जयशंकर अपनी तीसरी विदेश यात्रा पर कतर पहुंच चुके हैं। वह यहां एक दिवसीय दौरे पर दोहा पहुंचे हैं। इस दौरान जयशंकर ने कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान बिन जसीम अल थानी के साथ विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर 30 जून को अधिकारिक तौर पर कतर की यात्रा पर जाने वाले हैं। इस दौरान वे कतर के पीएम और विदेश मंत्री से मुलाकात करेंगे। बता दें कि इस मुलाकात में दोनों देशों के हितों की रक्षा करने वाली कई मुद्दों पर चर्चा होगी।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपनी एक दिवसीय दुबई यात्रा के दौरान भारत और यूएई के द्विपक्षीय व्यापारिक और रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत बनाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने दुबई के हिंदू मंदिर में दर्शन-पूजन भी किया, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था।
मोदी सरकार में लगातार दूसरी बार विदेश मंत्री बनने के बाद एस जयशंकर अपनी दूसरी विदेश यात्रा पर आज यूएई रवाना होंगे। यहां वह भारत-यूएई के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ ही साथ गाजा की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा करेंगे।
दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की श्रीलंका की यह यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा है। जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर श्रीलंका का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार 20 जून को वह कोलंबो जाएंगे। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वह कई बैठकें करेंगे।
कुवैत के दक्षिणी शहर में आग लगने की भयावह घटना हुई है। आग एक इमारत में लगी है। आग की चपेट में आने 41 लोगों की मौत हो गई है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके गहरा दुख व्यक्त किया है।
भारत में नई सरकार के मंत्रियों ने पदभार संभाल लिया है। पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। जानें जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को लेकर क्या कहा है।
भारत को लंबे समय से यूएनएससी में स्थाई सदस्यता की दरकार है। मगर चीन हर बार रोड़े अटकाता रहा है। लिहाजा भारत समेत कई देशों ने अब यूएनएससी पर सुधार का दबाव बनाया है। भारत ने मजबूती से स्थाई सदस्यता के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।
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