भारत ने ओसीआई कार्ड धारकों पर प्रतिबंध की खबरों को अफवाह बताया है। न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने कहा है कि इन खबरों का कोई आधार नहीं है। ओसीआई कार्ड धारकों पर पुराने प्रावधान अभी भी लागू रहेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प ने दोनों देशों के संबंधों पर असर डाला है। दोनों ओर के कई सैनिकों की जान गई, तब से एक तरह से रिश्ते में खटास है।
जयशंकर ने जिनेवा में 'एक पेड़ मां के नाम' पहल के तहत एक पौधा भी लगाया। उन्होंने स्थायी मिशन में भारतीय समुदाय और भारत के मित्रों की एक बड़ी सभा को भी संबोधित किया। उन्होंने भारत की तेज गति से विकास और दुनिया के साथ जुड़ने के भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित किया।
भारत में कुछ देश के राजनयिकों द्वारा देश के विपक्षी नेताओं से मुलाकात पर टिप्पणी को लेकर जयशंकर ने बेहद करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि कोई भारतीय राजनीति पर टिप्पणी करे तो इससे हमें कोई समस्या नहीं है, लेकिन तब उन देशों को भी हमारी टिप्पणी सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राहुल गांधी के खटाखट वाले बयान को लेकर तगड़ा तंज कसा है। जिनेवा में भारतीय समुदाय को संबोधित करते उन्होंने कहा कि जीवन खटाखट नहीं है। इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
एक दिलचस्प समय को याद करते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जिनेवा में बताया कि किस तरह से एक अधिकारी होते हुए उन्होंने हाईजैकर्स के साथ डील किया, वो भी ऐसी परिस्थिति में जब उनके पिता खुद उस फ्लाइट में फंसे हुए थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर जिनेवा में एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में आईसी 814 के अपहरण पर हाल में जारी टेलीविजन सीरीज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
विश्व के मानस पटल पर भारत की साख लगातार बढ़ती जा रही है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर भरोसे की नजरों से देख रही है। यही वजह है कि आने वाले समय में डब्ल्यूएचओ में भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। वैश्विक स्वास्थ्य पहल में भारत से उम्मीदें बढ़ गई हैं।
भारत-चीन एलएसी विवाद को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ी खबर दी है। उन्होंने कहा है कि विवादित क्षेत्र से दोनों देशों ने सैनिकों की वापसी का काम लगभग 75 फीसदी पूरा कर लिया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर अब स्विट्जरलैंड पहुंच गए हैं। यहां पहुंचने के बाद उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। वह 2 दिनों के दौरे पर यहां पहुंचे हैं।
भारत क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति लाने के कगार पर पहुंच गया है, क्या भारत दुनिया को अपनी विदेश नीति से चौंकाने जा रहा है। पीएम मोदी के प्रयासों से तो फिलहाल कुछ ऐसा ही लगता है। यूक्रेन शांति योजना के तहत इस वक्त एनएसए अजीत डोभाल मॉस्को में तो जयशंकर जर्मनी में हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जर्मनी के साथ द्विपक्षीय साझेदारी में अन्य कई बड़ी संभावनाओं पर व्यापक चर्चा की है। ऐसे में माना जा रहा है कि आने वाले समय में जर्मनी भी भारत का रणनीतिक साझेदार हो सकता है।
विदेश एस जयशंकर ने खाड़ी देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठकें की हैं। जयशंकर सऊदी अरब, ओमान, कतर और कुवैत के नेताओं से मिले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने वाला कार्यक्रम बदल गया है। अब उनकी जगह विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर 28 सितंबर को यूएन को संबोधित करेंगे।
पीएम मोदी ने ब्रुनेई यात्रा के दूसरे दिन आज सुलतान हसनल बोलकिया से उनके लग्जरी पैलेस में मुलाकात की। इस दौरान देनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने पर चर्चा हुई। साथ ही प्रधानमंत्री ने सुल्तान हसनल को भारत आने का निमंत्रण दिया।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में एक किताब के मोचन पर पड़ोसी देशों के साथ संबंध पर अपनी बात रख रहे थे। जयशंकर ने कहा कि मालदीव के साथ भारत के दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाने के करीब 6 हफ्ते बाद यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की से भी पीएम मोदी ने ठीक उसी अंदाज में मुलाकात की। इसे लेकर विदेशी मीडिया ने भारत से प्रतिक्रिया मांग ली। फिर जयशंकर ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर आपको भी गर्व होगा।
पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर देर तक वार्ता हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता का ज्यादातर अंश रूस-यूक्रेन जंग पर ही आधारित था। इस दौरान भारत ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता के लिए भीष्म क्यूब भी सौंपा। भारत ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रेरित किया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की नेपाल यात्रा के एक सप्ताह बाद ही आरजू देउबा राणा की भारत यात्रा हो रही है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राणा (62) इस यात्रा के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य जांच भी कराएंगी। उनका 22 अगस्त को नेपाल लौटने का कार्यक्रम है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कुवैत पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने क्राउन प्रिंस महामहिम शेख सबा अल-खालिद अल-सबा अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा से मुलाकात किया। उनको राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री की ओर से शुभकामनाएं दीं। जयशंकर ने कहा- भारत और कुवैत के बीच सदियों पुराना सद्भावना और मित्रता का बंधन है।
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