विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने 2 दिवसीय हिंद महासागर सम्मेलन में हिस्सा लेने बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात कर दोनों नेताओं ने आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के स्तर पर संतोष व्यक्त किया।
भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि यदि मेहमान अच्छा हो, तो वे अच्छे मेजबान हैं। इससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक अच्छे मेजबान कहलाने लायक नहीं हैं।
उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया और उन्होंने एस जयशंकर को ग्लोरिफाइड वेटर बता दिया। स्वामी द्वारा इतना कहना ही था कि ट्विटर यूजर्स ने सुब्रमण्यम स्वामी को निशाने पर ले लिया।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है।
आतंक फैलाने वाले से बातचीत नहीं हो सकती। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान चीन कॉरिडोर पर भी भारत का रूख कड़ा है। पाकिस्तान को जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। जयशंकर ने साफतौर पर कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कोई विश्वस्नीयता नहीं है।
करीब 12 वर्ष बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत की धरती पर आया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में चल रहे शंघाई सहयोग संघठन (एससी) सम्मेलन में बृहस्पतिवार को ही हिस्सा लेने पहुंच गए थे। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनका आमना-सामना भी हुआ।
गोवा में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) सम्मेलन में भारत-चीन सीमा पर तनाव प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। इस बीच एससीओ में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर है और दोनों पक्षों को मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए।
G-20 के बाद भारत और चीन के विदेश मंत्री दो माह में दूसरी बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में मिले हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर असुरक्षा और अशांति भारत के लिए प्रमुख मुद्दा है। दोनों ही बार भारत ने सीमा पर सुरक्षा और शांति का मुद्दा उठाया। गोवा में मौजूद चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत औ
कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान को भी ये बात अब समझ में आ गई है कि जब तक पाकिस्तान सीमापार से दहशतगर्दी बंद नहीं करेगा तब तक भारत के सामने उसकी दाल गलनेवाली नहीं है। ऐसे में बिलावल किस एजेंडे के साथ भारत आ रहे हैं, इस पर लोगों की निगाहें टिकी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन लगातार सीमा प्रबंधन के समझौतों का उल्लंघन करता आ रहा है। गलवान घाटी और तवांग का संघर्ष उसकी इन्हीं हरकतों का नतीजा है। यही वजह है कि चीन के साथ भारत के संबंधों में लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है।
सूडान में सेना और पैरामिलिट्री फोर्स का आपस में युद्ध हो रहा है। 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। लोग घरों में कैद हैं, कई दिन से उन्हें खाना नहीं मिला है ऐसे हालत में वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना कोई आसान काम नहीं था।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुयाना के प्रधानमंत्री मार्क फिलिप्स से मुलाकात की और इस दक्षिण अमेरिकी देश की विकास यात्रा में भारत के साझेदार बनने का निश्चय व्यक्त किया। दोनों नेताओं ने शनिवार को हुई इस बैठक में ऊर्जा, आपदा प्रबंधन और रक्षा क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग पर चर्चा की।
हिंसा से प्रभावित सूडान से लोगों को सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के बीच सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर के कहा कि ‘उसने सूडान से अपने और मित्र देशों के कुछ नागरिकों को बाहर निकाला है। इनमें कई राजनयिक भी शामिल हैं।
जयशंकर ने अपने ट्वीट में कहा कि गुयाना के राष्ट्रपति इरफान अली और उपराष्ट्रपति भरत जगदेव से मिलकर कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही मुलाकात कर भी बहुत खुशी हुई।
इस हाई लेवल मीटिंग में विदेश मंत्री एस जयशंकर समेत कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। इससे पहले गुरुवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सूडान के लगातार बिगड़ते हालात पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोरियो गुटेरस से मुलाकात की। इस दौरान सूडान में फंसे भारतीयों को लेकर चर्चा की। मुलाकात में रूस यूक्रेन संघर्ष के ताजा घटनाक्रम पर भी विमर्श हुआ।
आत्म निर्भरता की दिशा में बुलंदियां छूता भारत अब दूसरे देशों की जरूरतें भी पूरी करने लगा है। इसका ताजा उदाहरण मोजांबिक देश है, जहां पर भारत में बनी रेल दौड़ती है। मोजांबिक की यात्रा पर गए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस रेल में सफर किया और उसके बाद अपना अनुभव शेयर किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान और चीन को लेकर युगांडा में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आज का भारत पाकिस्तान और चीन की चुनौतियों से आसानी से निपटने में सक्षम है। विदेश मंत्री ने कहा कि दशकों से भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंकवाद को अंजाम दे रही ताकतें अब जान गई हैं कि यह एक ‘नया भारत’ है जो जवाब देगा।
आजादी के बाद से देश में अब तक कई दलों की सरकारें बनी और बिगड़ी, मगर वह इतिहास नहीं बन सका जो अब बनने जा रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अपने छह दिवसीय युगांडा और मोजांबिक की यात्रा पर वही इतिहास बनाने जा रहे हैं, जिसे अब तक देश की कोई सरकार नहीं कर पाई थी।
भारत ने चीन और यूएई को यूएन के एक चुनाव में करारी शिकस्त दी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट कर टीम को बधाई दी है। भारत ने यूएन स्टैटिस्टिकल कमीशन चुनाव में अपना परचम लहराया है।
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