भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते कैसे रहेंगे, यह इस बात से तय होगा कि सीमा पर दोनों के बीच हालात कैसे हैं।
भारत के विदेश मंत्री ने कनाडा में होने वाली खालिस्तानी गतिविधियों पर ठीक ढंग से कार्रवाई न करने और इस मामले में वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि सुरक्षा और अखंडता से खिलवाड़ हुआ तो जोरदार जवाब देंगे।
भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में नई दिल्ली भवन का उद्घाटन किया है। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग में इसका विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि भारत संघाई शिखर सहयोग संघठन सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। उसका मुख्यालय बीजिंग है। इसलिए यहां दिल्ली भवन खोला है। चीन भी सदस्य है।
भारत 11-13 जून तक जी20 समूह के देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी वाराणसी में कर रहा है। इसमें वैश्विक आपूर्ति शृंखला, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
वाराणसी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजेपी की दलित बूथ प्रमुख सुजाता के घर खाना खाया। अपने घर विदेश मंत्री के आने पर सुजाता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। देखें वीडियो-
व्हाइट हाउस में हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सीक्रेट मीटिंग टॉप ट्रेंडिंग है। राहुल की इस सीक्रेट मीटिंग में ऐसा क्या था कि इससे जुड़ी एक-एक डिटेल गुप्त रखी गई, किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने आज राहुल गांधी के बयानों पर उन्हें जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कि आदत है कि वे विदेशों में जाकर देश की आलोचना करते हैं।
विदेश मंत्री ने उत्तरी सीमा की स्थिति और चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ इनिशिएटिव के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव, झांसे और गलत विमर्श से प्रभावित नहीं होता।
जयशंकर ने राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'जब कोई व्यक्ति देश से बाहर जाता है, तो कभी कभी 'राजनीति से भी बड़ी चीजें' होती हैं।
भारत और रूस के रिश्ते यूक्रेन युद्ध के चलते कठिन कसौटी पर कसे जा रहे हैं। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका में दोनों देशों के विदेशमंत्रियों की गर्मजोशी से मुलाकात ने अंदर के मनमुटाव को काफी हद तक दूर कर दिया है।
जयशंकर ने ब्रिटिश मंत्री अहमद से ब्रिटेन में भारत के राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने को कहा।
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन से 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है और नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई प्रयास नहीं हो।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी राजदूत से गुरुवार को मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों के कई पहलुओं पर चर्चा हुई।
बैठक में रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल तरीके से कामकाज के संचालन और हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने इसे काफी अच्छी बैठक बताया है।
भारी-भरकम कर्ज में डूबे अमेरिका की आर्थिक स्थिति डवांडोल होने के खतरों ने पूरी दुनिया को आशंकित कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि अमेरिका में आर्थिक बदहाली हुई तो दुनिया का इससे अन्य देश भी तबाह हो सकते हैं। ऐसे में पूरे विश्व पर भीषण आर्थिक मंदी छा सकती है, जहां से उबर पाना फिर किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा।
यूरोपीय संघ की अगुवाई उसके कार्यकारी उपाध्यक्ष डोंब्रोव्स्की और वेस्टेगर करेंगे। बयान में कहा गया कि इस दौरान तीन कार्य समूह दोनों पक्षों के बीच भविष्य के सहयोग के लिए रिपोर्ट पेश करेंगे।
जयशंकर ने निशाना साधते हुए कहा कि पुरानी प्रणाली के लाभार्थी देश यूएन में होने वाले बदलावों का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे विशेषाधिकार की उनकी स्थिति ‘कमजोर’ हो जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री यूं तो अपने बेबाक बोलने व पश्चिमी देशों से इतर भारत के मत को दुनिया के समक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उनकी एक शानदार तस्वीर वायरल हो रही है।
यूरोपीय हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वीडन पहुंचे हुए हैं। वहां एक साथ उन्होंने 8 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मिलकर भारत के मजबूत संबंधों का ऐसा "आष्टांग योग" बनाया कि दुश्मन चीन और पाकिस्तान भी हैरान रह गए।
हर साल होने वाले इस हिंद महासागर की कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समंदर में इन देशों का आपसी सहयोग बढ़ाना अहम प्राथमिकता है। ऐसे समय में यह सम्मेलन बहुत अहम है, जब चीन हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है।
संपादक की पसंद