विदेश मंत्री एक हफ्ते के लिए इंडोनेशिया और थाईलैंड की यात्रा समेत आसियान और बिम्सटेक देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेना पहुंच गए हैं। एस जयशंकर ने सबसे पहले इंडोनेशिया पहुंचकर वहां आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न के साथ बैठक की। इस दौरान साइबर और समुद्री सुरक्षा पर भारत का मुख्य फोकस रहा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां तैयारी करने में जुटी हुई हैं। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए गांधीनगर से नामांकन भरा है।
चीन पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि भारत ‘दोहन करने वाली अर्थव्यवस्था’ नहीं है और यह संसाधन-समृद्ध अफ्रीका महाद्वीप में संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां नहीं कर रहा है। ऐसा कहकर जयशंकर ने चीन की अफ्रीका में 'गलत मंशा' पर निशाना साधा।
जंजीबार पहुंचे विदेशमंत्री जयशंकर ने तंजानिया के हुसैन अली म्विनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इसके तहत मद्रास आइआइटी का एक कैंपस तंजानिया में स्थापित किया जाएगा। यह अक्टूबर 2023 से जंजीबार में संचालित होने लगेगा। इससे भारत और तंजानिया के शैक्षिक विकास और आपसी संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो न दें।
विदेश मंत्री एस जयशंकर एनआइटी दिल्ली में पीएम मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में गए थे। इस दौरान एक छात्र ने उनसे सवाल पूछा कि जब वह नौकरशाह थे और अब जब विदेश मंत्री हैं तो इनमें से उन्हें कौन सा जीवन ज्यादा अच्छा लगदता है। इस विदेशमंत्री ने चुटकी लेकर जवाब दिया।
विदेश मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि पश्चिमी ताकतों ने भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की कोशिश की। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन के कार्यकाल में ऐसा खुलेआम किया जाता था लेकिन अब हमने हर स्तर पर अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है।
फिलिपीन दक्षिण चीन सागर में अपने देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में चीनी मौजूदगी को बार बार चुनौती देता रहा है और आगे भी ऐसा करेगा। भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए मनालो ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर के लिए आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) के 10 देश और चीन आचार संहिता तैयार करने में जुटे हुए हैं।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने चीन के साथ भारत के संबंधों पर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने साफ कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते कैसे रहेंगे, यह इस बात से तय होगा कि सीमा पर दोनों के बीच हालात कैसे हैं।
भारत के विदेश मंत्री ने कनाडा में होने वाली खालिस्तानी गतिविधियों पर ठीक ढंग से कार्रवाई न करने और इस मामले में वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि सुरक्षा और अखंडता से खिलवाड़ हुआ तो जोरदार जवाब देंगे।
भारत ने चीन की राजधानी बीजिंग में नई दिल्ली भवन का उद्घाटन किया है। विदेशमंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग में इसका विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने बताया कि भारत संघाई शिखर सहयोग संघठन सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहा है। उसका मुख्यालय बीजिंग है। इसलिए यहां दिल्ली भवन खोला है। चीन भी सदस्य है।
भारत 11-13 जून तक जी20 समूह के देशों के विकास मंत्रियों की तीन दिवसीय बैठक की मेजबानी वाराणसी में कर रहा है। इसमें वैश्विक आपूर्ति शृंखला, खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है।
वाराणसी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजेपी की दलित बूथ प्रमुख सुजाता के घर खाना खाया। अपने घर विदेश मंत्री के आने पर सुजाता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। देखें वीडियो-
व्हाइट हाउस में हुई कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सीक्रेट मीटिंग टॉप ट्रेंडिंग है। राहुल की इस सीक्रेट मीटिंग में ऐसा क्या था कि इससे जुड़ी एक-एक डिटेल गुप्त रखी गई, किसी को कानों कान खबर तक नहीं लगी।
विदेश मंत्री जयशंकर ने आज राहुल गांधी के बयानों पर उन्हें जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कि आदत है कि वे विदेशों में जाकर देश की आलोचना करते हैं।
विदेश मंत्री ने उत्तरी सीमा की स्थिति और चीन की ‘बेल्ट एंड रोड’ इनिशिएटिव के खिलाफ देश के रुख का हवाला देते हुए कहा कि भारत किसी दबाव, झांसे और गलत विमर्श से प्रभावित नहीं होता।
जयशंकर ने राहुल गांधी की ओर इशारा करते हुए कहा कि 'जब कोई व्यक्ति देश से बाहर जाता है, तो कभी कभी 'राजनीति से भी बड़ी चीजें' होती हैं।
भारत और रूस के रिश्ते यूक्रेन युद्ध के चलते कठिन कसौटी पर कसे जा रहे हैं। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका में दोनों देशों के विदेशमंत्रियों की गर्मजोशी से मुलाकात ने अंदर के मनमुटाव को काफी हद तक दूर कर दिया है।
जयशंकर ने ब्रिटिश मंत्री अहमद से ब्रिटेन में भारत के राजनयिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और लोकतांत्रिक स्वतंत्रता के दुरुपयोग को रोकने को कहा।
विदेशमंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत चीन से 'बेहद जटिल चुनौती' का सामना कर रहा है और नरेन्द्र मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में यथास्थिति को एकतरफा बदलने का कोई प्रयास नहीं हो।
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