विदेश मंत्री एस. जयशंकर मोदी सरकार के सबसे लोकप्रिय मंत्रियों में से एक हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है इसलिए जी-20 समिट को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू दिया है।
चीन ने नया मैप जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना क्षेत्र बताया है। चीन के नए मैप पर भारत ने एतराज जताया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह चीन की पुरानी आदत है।
बीते 18 अगस्त को एस जयशंकर समेत राज्यसभा के 9 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इनमें से 4 सांसदों ने वापस सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली है।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की नई पौध तैयार है। पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच बहुत कुछ बदल चुका है। भारत और अमेरिका अब दुनिया का भविष्य बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों को वैश्विक समस्याओं और उसके समाधान की चिंता है। भारत और अमेरिका अब वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में नया रोल।
भारत की इकोनॉमी लगातार अपने उछाल से दुनिया को चौंका रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा भी कर दिया है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है। इस बीच जापान की भारत के साथ सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम इसी का संकेत है।
अमेरिका में डॉक्टर बनने का सपना देखकर घर से निकली बेटी परिस्थितियों के बुरे भंवरजाल में फंस गई। अमेरिका जाने के बाद उसे नौकरी नहीं मिली। इस दौरान उसकी आर्थिक स्थिति खस्ता हो गई। लिहाजा वह अवसाद का शिकार होकर मरीज बन बैठी। अब एक अस्पताल में उसका इलाज हो रहा है।
हैदराबाद के बाहरी इलाके मेडचल जिले के मौला अली के रहने वाली 37 वर्षीय मिन्हाज जैदी अगस्त 2021 में अमेरिका गई थीं। वहाज फातिमा ने मंत्री को पत्र लिखा कि उनकी बेटी पिछले दो महीनों से परिवार के संपर्क में नहीं है।
भारत और श्रीलंका के संबंध फिर से नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले हैं। श्रीलंका शुरू से भारत का सहयोगी रहा है, लेकिन सत्ता बदलने के साथ श्रीलंका का सुझाव बीच में चीन की तरफ होने लगा था। मगर जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डूबने लगी तो भारत ने ही उसकी सबसे ज्यादा मदद की। इसका एहसास अब राष्ट्रपति रानिल विक्रम समेत उनके देश को है।
विकास के पथ पर तेजी से दौड़ते भारत की छवि और अपार संभावनाओं के द्वार ने विदेशी निवेशकों को लगातार आकर्षित करने का काम किया है। भारत में बिछ रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल देखकर जर्मन वाइस चांसलर राबर्ट हैबेक का दिल आ गया है। राबर्ट हैबेक ने भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और निवेश पर इच्छा जताई है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की। उन्हें आसियान की अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड संगठन की भूमिका और उसकी महत्ता भी बताई।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात की। इस दौरान उनके समक्ष ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का मामला उठाया।
विदेश मंत्री एक हफ्ते के लिए इंडोनेशिया और थाईलैंड की यात्रा समेत आसियान और बिम्सटेक देशों के सम्मेलन में हिस्सा लेना पहुंच गए हैं। एस जयशंकर ने सबसे पहले इंडोनेशिया पहुंचकर वहां आसियान महासचिव डॉ. काओ किम होर्न के साथ बैठक की। इस दौरान साइबर और समुद्री सुरक्षा पर भारत का मुख्य फोकस रहा। हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर भी।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी पार्टियां तैयारी करने में जुटी हुई हैं। इस बीच भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए गांधीनगर से नामांकन भरा है।
चीन पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कहा है कि भारत ‘दोहन करने वाली अर्थव्यवस्था’ नहीं है और यह संसाधन-समृद्ध अफ्रीका महाद्वीप में संकीर्ण आर्थिक गतिविधियां नहीं कर रहा है। ऐसा कहकर जयशंकर ने चीन की अफ्रीका में 'गलत मंशा' पर निशाना साधा।
जंजीबार पहुंचे विदेशमंत्री जयशंकर ने तंजानिया के हुसैन अली म्विनी के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इसके तहत मद्रास आइआइटी का एक कैंपस तंजानिया में स्थापित किया जाएगा। यह अक्टूबर 2023 से जंजीबार में संचालित होने लगेगा। इससे भारत और तंजानिया के शैक्षिक विकास और आपसी संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमने कनाडा, ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया जैसे हमारे सहयोगी देशों, जहां खालिस्तानी गतिविधियां हुई हैं, उनसे आग्रह किया है कि वे खालिस्तानियों को तवज्जो न दें।
विदेश मंत्री एस जयशंकर एनआइटी दिल्ली में पीएम मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में गए थे। इस दौरान एक छात्र ने उनसे सवाल पूछा कि जब वह नौकरशाह थे और अब जब विदेश मंत्री हैं तो इनमें से उन्हें कौन सा जीवन ज्यादा अच्छा लगदता है। इस विदेशमंत्री ने चुटकी लेकर जवाब दिया।
विदेश मंत्री ने इस दौरान यह भी कहा कि पश्चिमी ताकतों ने भारत-पाकिस्तान के बीच जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की कोशिश की। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति क्लिंटन के कार्यकाल में ऐसा खुलेआम किया जाता था लेकिन अब हमने हर स्तर पर अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है।
फिलिपीन दक्षिण चीन सागर में अपने देश के विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) में चीनी मौजूदगी को बार बार चुनौती देता रहा है और आगे भी ऐसा करेगा। भारत की चार दिवसीय यात्रा पर आए मनालो ने कहा था कि दक्षिण चीन सागर के लिए आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संघ) के 10 देश और चीन आचार संहिता तैयार करने में जुटे हुए हैं।
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