विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत में उस घटना का जिक्र किया कि कैसे उन्हें पीेएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर मिला। जयशंकर ने बताया कि यह उनके सरप्राइज था।
आप की अदालत में शनिवार की रात विदेश मंत्री एस जयशंकर रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दे रहे हैं। एस जयशंकर ने बताया कि सीमा पर 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत के नए एपिसोड में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीेएम मोदी के बीच पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों नेता पहली बार लंच पर मिले थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर दुनिया में कोई एक देश चीन के साथ हेड-टू-हेड मुकाबला कर रहा है तो वो भारत है.उस समय हमने इसकी ज्यादा चर्चा नहीं की थी क्योंकि हमें लगा कि ये राष्ट्र की सुरक्षा का मामला है.पब्लिक में डिबेट बने, इसमें हमारा फायदा नहीं होगा।
आप की अदालत में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री "मोदी इज द बॉस" वाले बयान पर भी जवाब दिया। एस जयशंकर ने कहा कि मोदी जी अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते हैं।
'आप की अदालत' शो में इस बार देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहुंचे। इस दौरान विदेश मंत्री से राहुल गांधी द्वारा ब्रसेल्स में दिए गए बयान पर भी सवाल किया गया। जानिए इस सवाल पर एस जयशंकर ने क्या जवाब दिया?
पहली बार चीन सीमा पर तनाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के किसी नुमाइंदे ने आप की अदालत में सवालों का जवाब दिया। इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया।
पहली बार सरकार की तरफ से किसी मंत्री ने चीन को लेकर हर सवाल का जवाब दिया, सारी आशंकाओं को दूर किया. जयशंकर ने कहा कि भारत इस वक्त दुनिया का अकेला देश है जो चीन से आंख में आंख डालकर बात कर रहा है. भारत एकमात्र देश है जिसकी फौज चीन की सेना के सामने सीना तानकर खड़ी है.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर मोदी सरकार के सबसे लोकप्रिय मंत्रियों में से एक हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
आज़ाद भारत के इतिहास में पहली बार देश में इतना बड़ा इवेंट होने जा रहा है इसलिए जी-20 समिट को लेकर सबकी निगाहें भारत पर हैं। इस समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंटरव्यू दिया है।
चीन ने नया मैप जारी किया है, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना क्षेत्र बताया है। चीन के नए मैप पर भारत ने एतराज जताया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह चीन की पुरानी आदत है।
बीते 18 अगस्त को एस जयशंकर समेत राज्यसभा के 9 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हो गया था। इनमें से 4 सांसदों ने वापस सदन के सदस्य के रूप में शपथ ली है।
भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों की नई पौध तैयार है। पीएम मोदी की जून में अमेरिका यात्रा के बाद से दोनों देशों के बीच बहुत कुछ बदल चुका है। भारत और अमेरिका अब दुनिया का भविष्य बनने की ओर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों को वैश्विक समस्याओं और उसके समाधान की चिंता है। भारत और अमेरिका अब वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में नया रोल।
भारत की इकोनॉमी लगातार अपने उछाल से दुनिया को चौंका रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जल्द ही दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होने का दावा भी कर दिया है। इस पर पूरी दुनिया की नजर है। इस बीच जापान की भारत के साथ सेमीकंडक्टर से लेकर रक्षा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम इसी का संकेत है।
अमेरिका में डॉक्टर बनने का सपना देखकर घर से निकली बेटी परिस्थितियों के बुरे भंवरजाल में फंस गई। अमेरिका जाने के बाद उसे नौकरी नहीं मिली। इस दौरान उसकी आर्थिक स्थिति खस्ता हो गई। लिहाजा वह अवसाद का शिकार होकर मरीज बन बैठी। अब एक अस्पताल में उसका इलाज हो रहा है।
हैदराबाद के बाहरी इलाके मेडचल जिले के मौला अली के रहने वाली 37 वर्षीय मिन्हाज जैदी अगस्त 2021 में अमेरिका गई थीं। वहाज फातिमा ने मंत्री को पत्र लिखा कि उनकी बेटी पिछले दो महीनों से परिवार के संपर्क में नहीं है।
भारत और श्रीलंका के संबंध फिर से नई ऊंचाइयों पर पहुंचने वाले हैं। श्रीलंका शुरू से भारत का सहयोगी रहा है, लेकिन सत्ता बदलने के साथ श्रीलंका का सुझाव बीच में चीन की तरफ होने लगा था। मगर जब श्रीलंका की अर्थव्यवस्था डूबने लगी तो भारत ने ही उसकी सबसे ज्यादा मदद की। इसका एहसास अब राष्ट्रपति रानिल विक्रम समेत उनके देश को है।
विकास के पथ पर तेजी से दौड़ते भारत की छवि और अपार संभावनाओं के द्वार ने विदेशी निवेशकों को लगातार आकर्षित करने का काम किया है। भारत में बिछ रहे इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल देखकर जर्मन वाइस चांसलर राबर्ट हैबेक का दिल आ गया है। राबर्ट हैबेक ने भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने और निवेश पर इच्छा जताई है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो से मुलाकात की। उन्हें आसियान की अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी। भारत ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में क्वाड संगठन की भूमिका और उसकी महत्ता भी बताई।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने गुरुवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष जेम्स क्लेवरली से मुलाकात की। इस दौरान उनके समक्ष ब्रिटेन में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का मामला उठाया।
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