मोदी सरकार में लगातार दूसरी बार विदेश मंत्री बनने के बाद एस जयशंकर अपनी दूसरी विदेश यात्रा पर आज यूएई रवाना होंगे। यहां वह भारत-यूएई के द्विपक्षीय संबंधों और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के साथ ही साथ गाजा की मौजूदा स्थिति पर भी चर्चा करेंगे।
दूसरे कार्यकाल के लिए 11 जून को विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद जयशंकर की श्रीलंका की यह यात्रा पहली द्विपक्षीय यात्रा है। जयशंकर पिछले सप्ताह इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर मोदी सरकार में दूसरी बार मंत्री बनने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर श्रीलंका का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय के अनुसार 20 जून को वह कोलंबो जाएंगे। इस दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए वह कई बैठकें करेंगे।
कुवैत के दक्षिणी शहर में आग लगने की भयावह घटना हुई है। आग एक इमारत में लगी है। आग की चपेट में आने 41 लोगों की मौत हो गई है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट करके गहरा दुख व्यक्त किया है।
S Jaishankar: आतंकवाद अच्छे पड़ोसी की नीति नहीं हो सकती- जयशंकर
भारत में नई सरकार के मंत्रियों ने पदभार संभाल लिया है। पाकिस्तान और चीन के साथ भारत के संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रतिक्रिया दी है। जानें जयशंकर ने चीन और पाकिस्तान को लेकर क्या कहा है।
और अपना काम संभालना शुरू कर दिया है...सुबह सबसे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश मंत्रालय पहुंचे और चार्ज संभाला...उसी वक्त अश्विनी वैष्णव ने भी रेल भवन पहुंचकर मंत्रालय का काम संभाल लिया है...
भारत को लंबे समय से यूएनएससी में स्थाई सदस्यता की दरकार है। मगर चीन हर बार रोड़े अटकाता रहा है। लिहाजा भारत समेत कई देशों ने अब यूएनएससी पर सुधार का दबाव बनाया है। भारत ने मजबूती से स्थाई सदस्यता के लिए अपनी दावेदारी पेश की है।
भारत ने अपने दोस्त ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने यह घोषणा की है। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने रईसी के निधन पर गहरा शोक जाहिर किया था।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में हो रहे हंगामे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि जब तक जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 जारी था तब तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती थी।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की चीन प्रेमी सोच के बावजूद भारत ने माले को 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की ट्रेजरी बिल मदद की है। भारत ने यह निर्णय मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर के नई दिल्ली यात्रा के दौरान उनके अनुरोध पर किया। मालदीव ने इसके लिए भारत का शुक्रिया किया है।
भारत ने मालदीव से अपने सारे सैनिकों को वापस बुला लिया है। आज आखिरी जत्था भी मालदीव से नई दिल्ली आ गया। मालदीव के अनुसार माले में कुल 89 भारतीय सैनिकों की मौजूदगी थी। राष्ट्रपति मुइज्जू ने इन्हें स्वदेश वापसी के लिए भारत से आग्रह किया था। अब सभी भारतीय सैनिक वापस आ गए हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने देशवासियों का आगाह किया है कि दुनिया में भारी उथल-पुथल होने की आशंका है। ऐसे में देश का नेतृत्व मजबूत हाथों में देने की जिम्मेदारी आपकी है। उन्होंने रूस-यूक्रेन से लेकर इजरायल-हमास, इजरायल-ईरान के बीच छिड़े युद्ध और अन्य देशों के बीच बढ़ते तनावों का जिक्र किया।
भारत ने एक बार मालदीव के सामने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत ने कहा है कि उसकी नीती हमेशा 'पड़ोस प्रथम' की रही है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष मूसा जमीर के साथ वार्ता के दौरान यह बात कही है।
ब्रिटेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टिम बैरो भारत दौरे पर हैं। इस दैरान बैरो ने अपने भारतीय समकक्ष अजीत डोवल से मुलाकात की है। दोनों के बीच हुई बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
भारत के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति के दुष्प्रचार का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। इकोनॉमिक टाइम्स से बात करते विदेश मंत्री ने बाइडेन की जेनोफोबिक वाली टिप्पणी पर कहा कि भारत न तो जेनोफोबिक है और न ही उसकी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही है। जयशंकर ने कहा कि भारत सीएए वाला देश है, जो मदद के दरवाजे खोलता है।
भारत ने नई दिल्ली में आसियान समिट का आयोजन किया। इसके बाद आसियान समूह के देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने को मुख्य मुद्दा बनाया। साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भरोसा जताया कि आसियान समूह के देशों के साथ यह भागीदारी निश्चित ही बढ़ेगी।
पिछले 10 सालों में केंद्र की मोदी सरकार ने विदेशों में बसे भारतीयों को संकट के समय रेस्क्यू करने के मामले में अभूतपूर्व कुशलता का परिचय दिया है और अब एक बार फिर कुछ ऐसा ही होने जा रहा है।
भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि 17 भारतीयों कि रिहाई को लेकर उन्होंने ईरान के विदेश मंत्री से बात की है। साथ ही क्षेत्र में बढ़ रहे तनाव को लेकर भी चर्चा की। बता दें कि 13 अप्रैल को ईरान ने एमएससी एरीज जहाज पर कब्जा कर लिया था, जिसपर 17 भारतीय भी सवार थे।
केंद्र सरकार ने इसी साल फरवरी में भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और दोनों देशों के बीच मुक्त आवाजाही व्यवस्था को खत्म करने का फैसला किया था। इसको लेकर आज आइजोल में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि केंद्र ने ये इसलिए किया, क्योंकि सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
संपादक की पसंद