भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर दिल्ली में एक किताब के मोचन पर पड़ोसी देशों के साथ संबंध पर अपनी बात रख रहे थे। जयशंकर ने कहा कि मालदीव के साथ भारत के दृष्टिकोण में उतार-चढ़ाव रहा है।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाने के करीब 6 हफ्ते बाद यूक्रेन के प्रेसिडेंट जेलेंस्की से भी पीएम मोदी ने ठीक उसी अंदाज में मुलाकात की। इसे लेकर विदेशी मीडिया ने भारत से प्रतिक्रिया मांग ली। फिर जयशंकर ने जो जवाब दिया, उसे सुनकर आपको भी गर्व होगा।
पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच यूक्रेन युद्ध को लेकर देर तक वार्ता हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता का ज्यादातर अंश रूस-यूक्रेन जंग पर ही आधारित था। इस दौरान भारत ने यूक्रेन को चिकित्सा सहायता के लिए भीष्म क्यूब भी सौंपा। भारत ने दोनों पक्षों को बातचीत के लिए प्रेरित किया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की नेपाल यात्रा के एक सप्ताह बाद ही आरजू देउबा राणा की भारत यात्रा हो रही है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि राणा (62) इस यात्रा के दौरान दिल्ली में स्वास्थ्य जांच भी कराएंगी। उनका 22 अगस्त को नेपाल लौटने का कार्यक्रम है।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर कुवैत पहुंच गए हैं। वहां उन्होंने क्राउन प्रिंस महामहिम शेख सबा अल-खालिद अल-सबा अल-हमद अल-मुबारक अल-सबा से मुलाकात किया। उनको राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री की ओर से शुभकामनाएं दीं। जयशंकर ने कहा- भारत और कुवैत के बीच सदियों पुराना सद्भावना और मित्रता का बंधन है।
अमेरिका विदेश विभाग के उप विदेश मंत्री रिजर्ड आर वर्मा ने आज नई दिल्ली में एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच भारत और अमेरिका के द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर वार्ता हुई। साथ ही कई क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बात हुई।
सोशल मीडिया के फेसबुक प्लेटफार्म में दावा किया जा रहा है कि भारत ने पड़ोसी देश मालदीव से 923 करोड़ रुपये में 28 आईलैंड खरीद लिए हैं। इसे मोदी सरकार की सबसे उपलब्धि बताया जा रहा है। जानिए इस दावे में कितनी सच्चाई है?
भारत अब जल्द ही मालदीव में भी यूपीआई सेवा शुरू करने वाला है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने मालदीव दौरे के दौरान इसकी घोषणा की है।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की मालदीव यात्रा पर खुशी जताई है। मुइज्जू ने इस दौरान भारत को अहम साझेदार बताते हुए बड़ी बात कही है।
भारत और मालदीव के बीच रिश्ते सामान्य होते हुए नजर आ रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मालदीव की यात्रा पर हैं। इस दौरान जयशंकर ने मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन मौमून से अहम मुलाकात की है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर मालदीव पहुंचे हैं। दूसरे कार्यकाल के लिए पदभार संभालने के बाद से जयशंकर की मालदीव की यह पहली आधिकारिक यात्रा है।
लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर बयान दिया है। जयशंकर के मुताबिक रूस की सेना में 91 भारतीय नागरिक शामिल हुए थे, इनमें से आठ नागरिकों की मौत हो चुकी है।
बांग्लादेश में जो बवाल हुआ वो आरक्षण से शुरू हुआ और शेख हसीना की खिलाफत तक जा पहुंचा...प्रदर्शनकारी अपने मकसद में कामयाब भी हुए...शेख हसीना को देश से भागना पड़ा.
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार समाप्त हो चुकी है और इसके बाद अल्पसंख्यकों पर हमले भी तेज हो गए हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को गुरुद्वारों और मंदिरों की सुरक्षा के लिए पत्र लिखा है।
भारी विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बीच बांग्लादेश की नेता शेख हसीना ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। वह अब बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई हैं। बांग्लादेश की घटना को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में अपनी बात रखी है।
बांग्लादेश में बवाल के बीच विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद भवन परिसर में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेश के मौजूदा संकट पर चर्चा की।
बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संकट को देखते हुए भारत सरकार भी सतर्क है। बोर्डर पर BSF ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। एस जयशंकर भी पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
जयशंकर ने कहा कि हिंद महासागर बदलाव और अशांति के बड़े तूफान से गुजरने वाला है। ‘‘भारत की प्राथमिक चिंताएं और चुनौतियां भी उस परिवर्तन को प्रतिबिंबित करती हैं। हम प्रतिस्पर्धा के नए रूपों पर विचार कर रहे हैं जो उच्च स्तर पर पहुंच और अंतर-निर्भरता का लाभ उठाते हैं।’
भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर तनाव है। दोनों देशों के बीच कई दौर की सैन्य वार्ता भी हो चुकी है। इसके बावजूद अभी तक सीमा विवाद को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकला है। भारत-चीन के तनाव भरे रिश्ते पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान की राजधानी टोक्यो में खुलकर बात की है।
'क्वाड' देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 'क्वाड' देशों के बीच सहयोग ही यह सुनिश्चित कर सकता है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र मुक्त, खुला, स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध बना रहे। भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी।
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