विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार पर जोर दिया। इसके साथ ही देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान होने का मुद्दा उठाया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा वाले भारत में जो लाइसेंस खुद को देते हैं वह उस तरह के प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है जो वे कनाडा में राजनयिकों पर लगाते हैं।
पाकिस्तान ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघली है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने क्रिकेट संबंध सुधारने पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शिखर वार्ता में शामिल होने के बाद आज इस्लामाबाद से भारत के लिए रवाना हो गए। उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद का मुद्दा उठाया। साथ ही पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों को आत्मावलोकन करने की सलाह भी दी।
पाकिस्तान को उसी की धरती पर विदेश मंत्री जयशंकर ने पस्त कर दिया है। आतंकवाद, उग्रवाद और बुरी नीयत के मसले पर उन्होंने पाकिस्तान के साथ चीन को भी निशाने पर लिया है। साथ ही दोनों देशों का नाम लिए बिना उनको आत्मावलोकन की सलाह भी दी है।
इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन का आज समापन हो गया। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने एससीओ के अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही भारत की ओर से 8 प्रमुख बिंदु प्रस्तुत किए गए।
एससीओ समिट में एस जयशंकर ने एससीओ परिषद के शासनाध्यक्षों की 23वीं बैठक को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय दृष्टिकोण से, हमारी अपनी वैश्विक पहल और राष्ट्रीय प्रयास भी SCO के लिए दृढ़ता से प्रासंगिक हैं।
इस्लामाबाद में एससीओ की मुख्य बैठक होने जा रही है। इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एससीओ शिखर सम्मेलन के आयोजन स्थल पर डॉ एस जयशंकर का स्वागत किया है।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर पाकिस्तान में है। एससीओ समिट के दूसरे दिन जयशंकर व्यापार और अर्थव्यवस्था को लेकर होने वाली वार्ता में भाग लेंगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों पाकिस्तान दौरे पर हैं। यहां उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानंत्री शहबाज शरीफ से भी मुलाकात की।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हो रहा है। भारत के विदेश मंत्र एस जयशंकर इसमें शामिल होंगे। चलिए आपको बताते हैं कि SCO समिट क्या है और भारत की इसमें भूमिका क्या है।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज पाकिस्तान जाएंगे। एससीओ समिट को लेकर इस्लामाबाद में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
करीब 9 सालों बाद कोई भारतीय विदेश मंत्री पाकिस्तान जा रहा है। इसके पहले दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं। अगस्त में पाकिस्तान ने पीएम मोदी को एससीओ शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया था।
भारत के बंटवारे के बाद बंटवारे के बाद हिंदुओं के कई प्रसिद्ध और पवित्र मंदिर पाकिस्तान में रह गए। इनमें से कई मंदिरोें को नष्ट कर दिया गया तो वहीं, कई के हालात आज खराब हो चुके हैं।
भारत सरकार ने कनाडा की ट्रूडो सरकार को सबक सिखाया है। भारत सरकार ने ये फैसला लिया है कि वह कनाडा से उच्चायुक्त और अन्य लक्षित राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुलाएगी।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचेंगे। ऐसी सूचना है कि जयशंकर पाकिस्तान में 24 घंटे से भी कम समय रुकेंगे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर अगले हफ्ते पाकिस्तान के एससीओ शिखर वार्ता में भाग लेने इस्लामाबाद जा रहे हैं। जयशंकर को उनके बेबाक अंदाज के लिए जाना जाता है। ऐसे में पाकिस्तान भी जयशंकर की प्रतिक्रियाओं को लेकर बेहद सतर्क है।
पाकिस्तान में इसी महीने की 15 और 16 तारीख को शंघाई कॉर्पोरेशन ऑर्गेनाइजेशन की बैठक होनी है। भारत और पाकिस्तान के बीच इस दौरान द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी। अब इस मामले में पाकिस्तान का बयान भी सामने आ गया है।
एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर से पूछा गया कि वह किम जोंग उन और जॉर्ज सोरोस में से किसके साथ डिनर करना पसंद करेंगे? इस पर उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि लोग ठहाके लगाने लगे।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का न्योता भेजकर इमरान खान की पार्टी अब बैकफुट पर है। पार्टी ने अब ऐसा न्योता देने वाले नेता के बयान से अपना पीछा छुड़ा लिया है।
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