बिलावल भुट्टो ने अपने भाषण के दौरान कश्मीर का राग अलापा तो विदेश मंत्री ने ओसामा बिन लादेन का नाम लेकर कहा कि आतंकियों को पनाह देने वाले भारत को उपदेश ना दें।
Modi Renovate Temples of the country and the world: अयोध्या में प्रभु श्रीराम के मंदिर की आधार शिला रखने, काशी में बाबा विश्वनाथ के मंदिर का पुनरुत्थान करने और इंदौर में भगवान महाकाल कोरिडोर बनाने के बाद अब प्रधानमंत्री मोदी की नजर देश और दुनिया के अन्य तमाम मंदिरों पर भी है।
India-Germany Pact: भारत और जर्मनी ने ऊर्जा, कारोबार, जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षीय सहयोग को प्रगाढ़ करने एवं यूक्रेन संकट सहित वैश्विक मुद्दों पर सोमवार को विस्तृत चर्चा की। इस दौरान भारत ने रूस से तेल खरीद के मामले को लेकर फिर से जर्मनी के सामने पश्चिमी देशों को खरी-खरी सुना दी।
S Jaishankar on 26/11 Mumbai Attack: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26/11 आतंकी हमले के पीड़ितों को याद किया। उन्होंने कहा कि हमले के मास्टरमाइंड को न्याय के कठघरे में लाना होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात की और यूक्रेन में युद्ध, रणनीतिक भारत-प्रशांत क्षेत्र और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। इसी बीच आसियान सम्मेलन में यूक्रेन के विदेशमंत्री दिमित्री कलेवा ने भारत के विदेशमंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान जंग कैसे खत्म की जाए, इस पर यूक्रेन ने अपनी चिंता भारत के साथ जताई। साथ ही अन्य मुद्दों पर भी विमर्श हुआ।
Why PM Modi not Meet Xi Jinping: उज्बेकिस्तान में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पीएम मोदी से मिलने के लिए बहुत आतुर थे। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार उन्होंने इसके लिए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से सिफारिश भी करवाई थी। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शी जिनिपंग से नहीं मिले थे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि देश में राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर सियासत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोई सियासी मजबूरी इस हद तक की नहीं होनी चाहिए कि अपने ही राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दक्षिण कोरिया में भगदड़ में लोगों की मौत पर शोक जताया और कहा कि भारत दुख की इस घड़ी में पीड़ित देश के साथ है।
UAE के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मंत्री उमर सुल्तान ने भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि जयशंकर जिस तरह से भारत की विदेश नीति को दुनिया के सामने रखते हैं उससे वह काफी प्रभावित हैं।
G-20 Summit in India: भारत एक दिसंबर से 2022 से 30 नवंबर 2023 तक के लिए जी-20 देशों की अध्यक्षता करने जा रहा है। इस दौरान भारत अपने देश में 55 स्थानों पर जी-20 की 200 से अधिक बैठकों की मेहमानी भी करेगा।
Botswana-India Relationship: बोत्सवाना के फॉरेन मिनिस्टर लेमोगांग क्वापे अपनी छह दिनों की आधिकारिक यात्रा पर सोमवार को भारत आए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट करते कहा कि इस यात्रा से हमारे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे।
India-Egypt Relationship: भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर इन दिनों मिस्र में हैं। उन्होंने वहां भारतीय प्रवासियों से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत में ऐसे बदलाव हो रहे हैं जिससे लोग अपनी आकांक्षाओं को हासिल कर पा रहे हैं।
Imran Khan on S Jaishankar: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे इमरान खान ने एक बार फिर विदेश मंत्री एस जयशंकर की तारीफ की है। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान ये बात कही।
S Jaishankar In Egypt: विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘काहिरा की मेरी यात्रा की बहुत अच्छी शुरुआत हुई। विदेश नीति क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों से मुलाकात की। क्षेत्रीय एवं वैश्विक राजनीति में हमारे संबंधों और अंतर्दृष्टि के लिए उनके समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।’’
US Russia India: भारत यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए लगातार कूटनीति का रास्ता अपनाने की सलाह दे रहा है। भारत का कहना है कि संघर्ष का अंत बातचीत से ही संभव है।
India China Galwan Clash: लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस तरह की झड़प 40 साल के बाद हुई थी।
Jaishankar on Ukraine War:क्रीमिया में यूरोप का सबसे लंबा पुल विस्फोट से उड़ाए जाने के बाद से यूक्रेन और रूस में जंग फिर से काफी तेज हो गई है। बौखलाए पुतिन ने अब कीव के नागरिक ठिकानों और बुनियादी इमारतों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
India Australia: ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ‘नया आकार’ दिया जा रहा है।
India Russian Weapons: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत के पास सोवियत काल के रूस के हथियार ज्यादा हैं और इसके पीछे कई कारण हैं। उन्होंने इस दौरान बताया कि पश्चिमी देशों ने सैन्य तानाशाह को क्षेत्र में चुना था।
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