बैठक में रणनीतिक प्रौद्योगिकियों, डिजिटल तरीके से कामकाज के संचालन और हरित ऊर्जा प्रौद्योगिकी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने इसे काफी अच्छी बैठक बताया है।
भारी-भरकम कर्ज में डूबे अमेरिका की आर्थिक स्थिति डवांडोल होने के खतरों ने पूरी दुनिया को आशंकित कर दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि अमेरिका में आर्थिक बदहाली हुई तो दुनिया का इससे अन्य देश भी तबाह हो सकते हैं। ऐसे में पूरे विश्व पर भीषण आर्थिक मंदी छा सकती है, जहां से उबर पाना फिर किसी भी देश के लिए आसान नहीं होगा।
यूरोपीय संघ की अगुवाई उसके कार्यकारी उपाध्यक्ष डोंब्रोव्स्की और वेस्टेगर करेंगे। बयान में कहा गया कि इस दौरान तीन कार्य समूह दोनों पक्षों के बीच भविष्य के सहयोग के लिए रिपोर्ट पेश करेंगे।
जयशंकर ने निशाना साधते हुए कहा कि पुरानी प्रणाली के लाभार्थी देश यूएन में होने वाले बदलावों का विरोध कर रहे हैं। क्योंकि उन्हें लगता है कि इससे विशेषाधिकार की उनकी स्थिति ‘कमजोर’ हो जाएगी।
भारतीय विदेश मंत्री यूं तो अपने बेबाक बोलने व पश्चिमी देशों से इतर भारत के मत को दुनिया के समक्ष रखने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन इस बार उनकी एक शानदार तस्वीर वायरल हो रही है।
यूरोपीय हिंद-प्रशांत क्षेत्र और यूक्रेन युद्ध सहित कई मुद्दों पर चर्चा के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वीडन पहुंचे हुए हैं। वहां एक साथ उन्होंने 8 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ मिलकर भारत के मजबूत संबंधों का ऐसा "आष्टांग योग" बनाया कि दुश्मन चीन और पाकिस्तान भी हैरान रह गए।
हर साल होने वाले इस हिंद महासागर की कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समंदर में इन देशों का आपसी सहयोग बढ़ाना अहम प्राथमिकता है। ऐसे समय में यह सम्मेलन बहुत अहम है, जब चीन हिंद महासागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा रहा है।
विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने 2 दिवसीय हिंद महासागर सम्मेलन में हिस्सा लेने बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात कर दोनों नेताओं ने आपसी हितों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत की और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग के स्तर पर संतोष व्यक्त किया।
भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि यदि मेहमान अच्छा हो, तो वे अच्छे मेजबान हैं। इससे यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री एक अच्छे मेजबान कहलाने लायक नहीं हैं।
उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर पर हमला बोलते हुए ट्वीट किया और उन्होंने एस जयशंकर को ग्लोरिफाइड वेटर बता दिया। स्वामी द्वारा इतना कहना ही था कि ट्विटर यूजर्स ने सुब्रमण्यम स्वामी को निशाने पर ले लिया।
शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन (एससीओ) में चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने भारत-चीन सीमा पर मौजूदा हालात को लेकर सफेद झूठ बोला है। छिन कांग ने कहा था कि सीमा पर हालात सामान्य और स्थिर हैं, लेकिन भारत ने एससीओ के मंच पर चीन के झूठ का पुलिंदा खोल दिया है।
भारत और पाकिस्तान के बीच बहुत बड़ी हेडलाइन आई है। मोदी सरकार से पहले डिप्लोमैटिक खबर में हेडलाइन समझने में बहुत वक्त लगता था। लेकिन जब से मोदी सरकार आई है. सारी हेडलाइन सीधी समझ में आने लगी है। आज बिलावल के मुंह पर एस जयशंकर ने कह दिया कि बिलावल आतंक की इंडस्ट्री के प्रवक्ता हैं।
आतंक फैलाने वाले से बातचीत नहीं हो सकती। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ‘पाकिस्तान चीन कॉरिडोर पर भी भारत का रूख कड़ा है। पाकिस्तान को जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। जयशंकर ने साफतौर पर कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान की कोई विश्वस्नीयता नहीं है।
आतंकवाद पर भारत के करारे प्रहार से पाकिस्तान पूरी तरह से तिलमिलाया हुआ है...बिलावल भुट्टो काफी ज्यादा बेचैन हो गए हैं...SCO यानी शंघाई सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में आज भारत ने टेररिज्म के मसले पर पाकिस्तान को पूरी तरह टारगेट किया....
SCO Summit Latest News: नाम लिए बिना एस जयशंकर ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी, कहा- सीमा पार आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे. साथ ही बोले- आतंकवाद दुनिया के लिए खतरा. आतंक की फंडिंग पर लगाम लगे. आतंक का खतरा अभी टला नहीं है
करीब 12 वर्ष बाद पाकिस्तान का कोई विदेश मंत्री भारत की धरती पर आया। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी गोवा में चल रहे शंघाई सहयोग संघठन (एससी) सम्मेलन में बृहस्पतिवार को ही हिस्सा लेने पहुंच गए थे। इस दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से उनका आमना-सामना भी हुआ।
गोवा में चल रहे शंघाई सहयोग संगठन(एससीओ) सम्मेलन में भारत-चीन सीमा पर तनाव प्रमुख मुद्दा बना हुआ है। इस बीच एससीओ में चीन के विदेश मंत्री छिन कांग ने दोहराया कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति सामान्यत: स्थिर है और दोनों पक्षों को मौजूदा प्रयासों को मजबूत करना चाहिए।
G-20 के बाद भारत और चीन के विदेश मंत्री दो माह में दूसरी बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) में मिले हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर असुरक्षा और अशांति भारत के लिए प्रमुख मुद्दा है। दोनों ही बार भारत ने सीमा पर सुरक्षा और शांति का मुद्दा उठाया। गोवा में मौजूद चीनी विदेश मंत्री छिन कांग ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत औ
कंगाली के कगार पर खड़े पाकिस्तान को भी ये बात अब समझ में आ गई है कि जब तक पाकिस्तान सीमापार से दहशतगर्दी बंद नहीं करेगा तब तक भारत के सामने उसकी दाल गलनेवाली नहीं है। ऐसे में बिलावल किस एजेंडे के साथ भारत आ रहे हैं, इस पर लोगों की निगाहें टिकी है।
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन लगातार सीमा प्रबंधन के समझौतों का उल्लंघन करता आ रहा है। गलवान घाटी और तवांग का संघर्ष उसकी इन्हीं हरकतों का नतीजा है। यही वजह है कि चीन के साथ भारत के संबंधों में लगातार कड़वाहट बढ़ती जा रही है।
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