UN जनरल असेंबली को भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत के विकास, जी20 समिट और वैश्विक समस्याओं पर भारत का पक्ष रखा।
आज जयशंकर यूएन असेंबली में भाषण देंगे। कइ मुद्दों पर भारत का पक्ष रखेंगे। इनमें कनाडा, पाकिस्तान, पीओके सहित अन्य मुद्दे शामिल रहेंगे। उनके इस भाषण पर दुनिया की नजर है। कनाडा के भारत सरकार पर अनर्गल आरोप, पाकिस्तान का उकसाने वाला बयान, इन सब पर करारा जवाब जयशंकर देंगे।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की और कई मुद्दों पर चर्चा की। इस मौके पर जयशंकर ने यूएन महासचिव एंतोनियो गुतारेस की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं में सुधार को लेकर उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा न्यूयॉर्क में कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में जी-20 की अध्यक्षता संभाली जब East-West का ध्रुवीकरण और North-South का विभाजन तेज है। ऐसे वक्त में G-20 की अध्यक्षता चुनौतीपूर्ण थी। मगर भारत ने कर दिखाया। भारत ग्लोबल साउथ की आवाज बनने में कामयाब रहा।
न्यूयॉर्क में UNGA के दौरान भारत ने कनाडा का समर्थन करने वाले देशों को उनका नाम लिए बगैर इस कदर फटकार लगाई है कि जिसकी उन्होंने कल्पना भी नहीं की रही होगी। एस जयशंकर ने कहा कि दुनिया अब भी दोहरे मानकों वाली है। हालांकि यह संदेश देते भारत ने कनाडा और खालिस्तानियों का कोई जिक्र नहीं किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में पहुंचने के बाद अपने मित्र देशों के साथ कई द्विपक्षीय बहुपक्षीय बैठकें की। इस दौरान उन्होंने भारत के संबंधों को और रणनीतिक सहयोग को मजबूत किया। कनाडा से विवाद के बीच जयशंकर ने क्वॉड देशों अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान से भी अहम वार्ता की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनजीए) की बैठक से अलग भारत, अमेरिकी, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने क्वॉड मीटिंग में हिस्सा लिया। इस दौरान क्वॉड ने चीन का नाम लिए बगैर उसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में गुस्ताखी करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। यूक्रेन युद्ध के समाधान और यूएनएससी में विस्तार पर चर्चा की।
लोकसभा में ऐतिहासिक मतों के बाद पास होने के बाद महिला आरक्षण बिल राज्यसभा से भी ऐतिहासिक मतों से पास हो गया है। उच्च सदन से पास होनेके बाद अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत में उस घटना का जिक्र किया कि कैसे उन्हें पीेएम मोदी की कैबिनेट में शामिल होने का ऑफर मिला। जयशंकर ने बताया कि यह उनके सरप्राइज था।
S Jaishankar In Aap Ki Adalat: कटघरे में विदेश मंत्री ने PoK और China पर कही बड़ी बात
आप की अदालत में शनिवार की रात विदेश मंत्री एस जयशंकर रजत शर्मा के तीखे सवालों का जवाब दे रहे हैं। एस जयशंकर ने बताया कि सीमा पर 70 हजार सैनिकों को सीमा पर क्यों भेजा?
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आप की अदालत के नए एपिसोड में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और पीेएम मोदी के बीच पहली मुलाकात का किस्सा सुनाया। उन्होंने बताया कि कैसे दोनों नेता पहली बार लंच पर मिले थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अगर दुनिया में कोई एक देश चीन के साथ हेड-टू-हेड मुकाबला कर रहा है तो वो भारत है.उस समय हमने इसकी ज्यादा चर्चा नहीं की थी क्योंकि हमें लगा कि ये राष्ट्र की सुरक्षा का मामला है.पब्लिक में डिबेट बने, इसमें हमारा फायदा नहीं होगा।
आप की अदालत में केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री "मोदी इज द बॉस" वाले बयान पर भी जवाब दिया। एस जयशंकर ने कहा कि मोदी जी अपने डायलॉग को एक किस्म से रेडिएट करते हैं।
'आप की अदालत' शो में इस बार देश के विदेश मंत्री एस. जयशंकर पहुंचे। इस दौरान विदेश मंत्री से राहुल गांधी द्वारा ब्रसेल्स में दिए गए बयान पर भी सवाल किया गया। जानिए इस सवाल पर एस जयशंकर ने क्या जवाब दिया?
पहली बार चीन सीमा पर तनाव जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सरकार के किसी नुमाइंदे ने आप की अदालत में सवालों का जवाब दिया। इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दिया।
पहली बार सरकार की तरफ से किसी मंत्री ने चीन को लेकर हर सवाल का जवाब दिया, सारी आशंकाओं को दूर किया. जयशंकर ने कहा कि भारत इस वक्त दुनिया का अकेला देश है जो चीन से आंख में आंख डालकर बात कर रहा है. भारत एकमात्र देश है जिसकी फौज चीन की सेना के सामने सीना तानकर खड़ी है.
आज विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पहली बार साफ साफ कहा कि न तो चीन ने हमारी एक इंच जमीन पर कब्जा किया, न हम चीन की सीमा में घुसे.
विदेश मंत्री एस. जयशंकर मोदी सरकार के सबसे लोकप्रिय मंत्रियों में से एक हैं और सोशल मीडिया पर भी उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है।
9 तारीख से शुरू हो रहे समिट से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज़ एजेंसी ANI को इंटरव्यू दिया है...इस इंटरव्यू में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सवाल पर एस जयशंकर ने कहा कि कई बार जी-20 में कई देशों में राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री नहीं आने का विकल्प चुनते हैं...लेकिन जो भी उनका प्रतिनिधि होता है
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