भारत और पाकिस्तान भले ही कभी एक ही देश रहे हों, लेकिन अब पाकिस्तान की सोच बेहद कट्टरवादी और आतंकी हो चुकी है। जबकि भारत आज भी उदारवादी, सौम्यवादी और वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा वाला देश है। भारत ने कई बार पाकिस्तान को अच्छा पड़ोसी बनने का मौका दिया, मगर पड़ोसी ने हमेशा नापाक इरादों से धोखा ही दिया।
गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आज भारत नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है, लेकिन पाकिस्तान पर आतंकवाद का ठप्पा चिपक गया है। इसके साथ ही उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी पाकिस्तान गलत हरकतों में संलिप्त है।
आतंकी तहव्वुर राणा को कल गुरुवार को भारत लाया जा सकता है। इसे लेकर मंगलवार को गृह मंत्रालय में बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर और अजित डोवल भी मौजूद रहे।
थाईलैंड के शिखर सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दुनिया को बड़ी चेतावनी दी है। जयशंकर ने यह चेतावनी वैश्विक स्थल पर हो रहे बड़े उथल-पुथल के मद्देनजर दी है।
चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि तनावपूर्ण रिश्ते किसी भी पक्ष के लिए फायदेमंद नहीं हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीतियों पर चिंताओं के बीच उम्मीद है कि भारत-अमेरिका दोनों पक्ष जल्द ही टैरिफ के मुद्दे पर किसी समझौते पर पहुंच जाएंगे। इसी मसले पर आज विदेश मंत्री एस जयशंकर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की पीएम मोदी के साथ बैठक हुई है।
फीनिक्स सेटलमेंट ट्रस्ट-गांधी डेवलपमेंट ट्रस्ट ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को महात्मा गांधी से जुड़े दस्तावेज और कलाकृतियां सौंपी हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है।
कश्मीर मुद्दे को लेकर विदेश मंत्री जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यूएन ने कश्मीर मुद्दे पर अपनी भूमिका में भारी चूक की है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने का संकल्प..आज एक बार फिर दोहराया....लंदन की धरती पर विदेश मंत्री ने कहा कि जिस दिन POK वापस आ जाएगा.....उसके बाद कश्मीर की सारी समस्या..हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी....एस जयशंकर आजकल ब्रिटेन के दौरे पर हैं...
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे पर फिर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद सतत चुनौती है और इससे प्रतिबद्धता के साथ निपटना होगा।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जो कहा हर भारतवासी की इच्छा है, हमारा कश्मीर हमें जल्दी वापस मिले। ये मांग, ये ललक आज की नहीं, बरसों पहले की है।
भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को वापस लेने का संकल्प आज एक बार फिर दोहराया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि जिस दिन POK वापस आ जाएगा. उसके बाद कश्मीर की सारी समस्या. हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी. एस जयशंकर आजकल ब्रिटेन के दौरे पर हैं.
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में हुई चूक को लेकर ब्रिटेन भी गंभीर हो गया है। ब्रिटेन ने कहा कि भारतीय विदेश मंत्री की सुरक्षा में हुई ऐसी चूक अस्वीकार्य है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं।
ब्रिटेन की यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला सामने आया है। भारत सरकार ने इस घटना को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टैरिफ विवाद के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि ट्रंप बहुध्रुवीय व्यवस्था को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, इससे भारत के हित प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि यह हमारे अनुकूल होगा।
विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों लंदन के दौरे पर गए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने जम्मू कश्मीर में शांति स्थापित करने को लेकर किए गए भारत सरकार के प्रयासों पर चर्चा की। साथ ही उन्होंने कहा कि पीओके के मिलने के साथ ही कश्मीर मुद्दा पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार, रक्षा और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए एस जयशंकर 6 दिनों की विदेश यात्रा पर हैं। उन्होंने मंगलवार को ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से बातचीत की। इस दौरान दोनों देशों के बीच आवाजाही को और आसान बनाने पर चर्चा हुई।
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ब्रिटेन और आयरलैंड के 6 दिवसीय दौरे की मंगलवार से शुरुआत कर चुके हैं। आज वह यूके पहुंच गए। दोनों देशों के साथ वह कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों पर वार्ता करेंगे।
विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका से यह संकेत मिल रहे हैं कि कुछ गतिविधियां दुर्भावनापूर्ण थीं। इसलिए इस पर निश्चित रूप से गौर किया जाना चाहिए।
जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संगठन की अखंडता बनाये रखने के लिए भारत-चीन सहयोग को जरूरी बताया है। जोहांसबर्ग में जयशंकर ने कहा कि इस मंच की वजह से दोनों देशों को तनावपूर्ण संबंधों पर बातचीत का मौका मिला।
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