ब्राजील के रियो डी जनेरियो में विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई है। दोनों की यह मुलाकात G20 समिट से इतर हुई है।
भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच संबंध लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच संबंध आज सही मायनों में नए युग में हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज हमारा द्विपक्षीय व्यापार 66 बिलियन डॉलर है। इससे 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का लक्ष्य तर्कसंगत है। व्यापार संतुलन को तत्काल सुधारने की आवश्यकता है क्योंकि यह बहुत एकतरफा है।
विदेश मंत्री ने भारत-अमेरिका संबंधों और ट्रंप की जीत पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संभवतः उन पहले तीन लोगों में थे, जिनसे नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने बात की।" उन्होंने कहा कि भारत और प्रधानमंत्री मोदी ने कई राष्ट्रपतियों के साथ तालमेल बनाया है।
कनाडा में हिंदू मंदिर पर हुए हमले को लेकर ऑस्ट्रेलिया और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के संयुक्त बयान की खबर दिखाए जाने पर ट्रूडो ने जिस ऑस्ट्रेलिया टूडे को ब्लॉक किया था, अब उसकी प्रतिक्रिया सामने आई है। ऑस्ट्रेलिया टुडे ने कनाडा के इस कदम की कड़ी निंदा की है।
जयशंकर ने कहा, ‘भारत का दृष्टिकोण और सार दोनों के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय कानून, नियम और मानदंडों के प्रति सम्मान के बारे में समान रूप से स्पष्ट रहा है, क्योंकि पिछले चार दशकों में (एक दूसरे के प्रति) झुकाव केवल बढ़ा है। यह एक ऐसा आधार है जिस पर हम उच्च महत्वाकांक्षाओं की आकांक्षा कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया का सफल दौरा पूरा करने के बाद अब पीएम मोदी के विशेष मिशन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर सिंगापुर पहुंच गए हैं। यहां उन्होंने सिंगापुर के उपप्रधानमंत्री किम योंग से मुलाकात की है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जस्टिन ट्रूडो सरकार की आलोचना की क्योंकि उसने विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनकी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के कैनबरा में प्रेस वार्ता के दौरान एक ऑस्ट्रेलियाई मीडिया आउटलेट को ब्लॉक कर दिया था।
अमेरिका में नया राष्ट्रपति चुनने के लिए मतदान जारी है। डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस के बीच विभिन्न मीडिया सर्वेक्षणों में कांटे की टक्कर है। मगर भारत से रिश्तों के लिहाज से ट्रंप और कमला में से किसकी जीत ज्यादा अच्छी रहेगी, इस पर विदेश मंत्री जयशंकर ने जवाब दिया।
वास्तविक नियंत्रण रेखा से भले ही भारत और चीन ने अपने-अपने सैनिक हटा लिए हैं, लेकिन अभी भी दोनों देशों को कुछ इंतजार है। इसके बाद ही शांति की स्थापना हो सकेगी।
कनाडा में हिंदुओं पर हो रहे हमले की पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है। अब विदेश मंत्री जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया में खड़े हो कर कनाडा को लताड़ लगाई है। आइए जानते हैं कि उन्होंने क्या कहा।
जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत विकास के पथ पर अग्रसर है और दुनिया के साथ आगे बढ़ना चाहता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देशों में भारत के साथ काम करने की सदिच्छा और भावना है।
जयशंकर ने कहा कि सैनिकों के पीछे हटने से आगे की बातचीत के दरवाजे खुले हैं। उन्होंने इसका श्रेय सैनिकों को दिया, जिन्होंने मुश्किल हालातों में काम किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 22 से 23 अक्टूबर के बीच रूस के दौरे पर थे। रूस के कज़ान शहर में ब्रिक्स सम्मेलन आयोजित किया गया था। पीएम मोदी के साथ विदेश मंत्री एस. जयशंकर और अन्य भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी रूस दौरे पर गए थे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार पर जोर दिया। इसके साथ ही देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान होने का मुद्दा उठाया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि कनाडा वाले भारत में जो लाइसेंस खुद को देते हैं वह उस तरह के प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है जो वे कनाडा में राजनयिकों पर लगाते हैं।
पाकिस्तान ने कहा कि जयशंकर की इस्लामाबाद यात्रा से दोनों देशों के बीच जमी बर्फ पिघली है। बताया जा रहा है कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने क्रिकेट संबंध सुधारने पर चर्चा की।
विदेश मंत्री एस जयशंकर एससीओ शिखर वार्ता में शामिल होने के बाद आज इस्लामाबाद से भारत के लिए रवाना हो गए। उन्होंने पाकिस्तान में आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद का मुद्दा उठाया। साथ ही पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों को आत्मावलोकन करने की सलाह भी दी।
पाकिस्तान को उसी की धरती पर विदेश मंत्री जयशंकर ने पस्त कर दिया है। आतंकवाद, उग्रवाद और बुरी नीयत के मसले पर उन्होंने पाकिस्तान के साथ चीन को भी निशाने पर लिया है। साथ ही दोनों देशों का नाम लिए बिना उनको आत्मावलोकन की सलाह भी दी है।
इस्लामाबाद में एससीओ शिखर सम्मेलन का आज समापन हो गया। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने एससीओ के अहम दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए। साथ ही भारत की ओर से 8 प्रमुख बिंदु प्रस्तुत किए गए।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़