रूस की सेना में शामिल भारतीय नागरिकों के मुद्दे पर रूसी दूतावास की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है। इससे पहले लोकसभा में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रूसी सेना में भर्ती किए गए भारतीयों को लेकर जानकारी दी थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच कई भारतीय युवक रूसी सेना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं, अब इन युवकों के परिजनों ने भारतीय विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई है कि हमारे बच्चों की रूसी सेना में नौकरी खत्म की जाए औपर इन्हें स्वदेश लाया जाए।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके पश्चिमी सहयोगियों ने यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में, उस पर नए प्रतिबंध लगाने और युद्धग्रस्त देश को मानवीय सहायता प्रदान करने का संकल्प जताया है। यह मदद हालांकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के मजबूत सैन्य सहायता की मांग पूरी नहीं करती। बाइडन ने घोषणा की कि अमेरिका 1,00,000 यूक्रेनी शरणार्थियों का स्वागत करेगा और भोजन, दवा, पानी तथा अन्य आपूर्ति के लिए अतिरिक्त एक अरब डॉलर देगा।
यूक्रेन में सरोगेसी उद्योग तेजी से फल-फूल रहा है। यह उन चुनिंदा देशों में शामिल है, जो विदेशी जोड़ों के लिए सरोगेसी की सेवा उपलब्ध कराते हैं। देश में किराये की कोख से जन्मे ज्यादातर बच्चों के माता-पिता यूरोप, लातिन अमेरिका और चीन में रहते हैं।
यूक्रेन के शहरों पर रूसी सैनिकों की भीषण गोलाबारी के बीच राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेना की प्रशंसा में एक विशाल रैली का आयोजन किया। वहीं, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने क्रेमलिन (रूस के राष्ट्रपति कार्यालय) पर जानबूझकर ‘‘मानवीय संकट’’ पैदा करने का आरोप लगाया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को आतंकियों को पनाहगाह मुहैया कराने के विरोध में दी गयी चेतावनी के बाद से पाकिस्तान का झुकाव रूस और चीन की तरफ काफी ज्यादा बढ़ा है...
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