इससे पहले बुधवार को अमेरिका ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध को बढ़ावा देने के लिए लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।
चीन ने उत्तर कोरिया के इस कदम पर अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है। जबकि चीन ने रूस के साथ ‘‘असीमित’’ साझेदारी स्थापित की है और वह उत्तर कोरिया का एक प्रमुख सहयोगी भी रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बीजिंग रूस और उत्तर कोरिया के बीच घनिष्ठ सैन्य साझेदारी को शायद स्वीकार नहीं करेगा।
रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में यूक्रेन के खिलाफ उत्तर कोरियाई सैनिकों की तैनाती पर चीन की चुप्पी को लेकर व्लोदिमीर जेलेंस्की ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि रूस ने खुले तौर पर नॉर्थ कोरिया के साथ साझेदारी की है।
रूस और यूक्रेन की जंग में उत्तर कोरिया की भी एंट्री हो गई है। अमेरिका ने जंग को लेकर बड़ा दावा किया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि सेना की वर्दी पहनकर उत्तर कोरिया के सैनिक यूक्रेन के पास कुर्स्क क्षेत्र की ओर बढ़ रहे हैं।
यूक्रेन से युद्ध में रूस की मदद करने के आरोप में अमेरिका ने 398 कंपनियों पर बैन लगा दिया है। ये सभी कंपनियां चीन, रूस समेत 15 अन्य देशों की हैं।
यूक्रेन के साथ जंग के बीच रूस का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की तरफ से आदेश मिलने के बाद रूस अपने परमाणु हथियारों को परख रहा है।
रूस और पाकिस्तान के बीच नजदीकियां बढ़ रही है। दोनों देशों के शीर्ष सैन्य अधिकारियों की मुलाकात हुई है। इस बीच पाकिस्तान ने रूस के साथ पारंपरिक रक्षा संबंधों को मजबूत करने की बात कही है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग में रूस का आक्रामक रुख देखने को मिल रहा है। रूस ने यूक्रेन के दो सबसे बड़े शहरों पर घातक हमले किए हैं। इन हमलों में कई लोगों की मौत हुई है।
उत्तर कोरिया के एक कदम ने अमेरिका की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए करीब 10 हजार सैनिक रूस भेजे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में सुधार पर जोर दिया। इसके साथ ही देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान होने का मुद्दा उठाया।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग में रूसी सेना को अहम बढ़त मिली है। रूस ने यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र में सेरेब्रियांका और मायकोलाइवका गांवों पर कब्जा कर लिया है।
ग्लोबल साउथ पर पीएम मोदी की कूटनीति से पूरी दुनिया हैरान रह गई है। नवंबर 2023 में भारत में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने ग्लोबल साउथ को जी-20 शामिल कराकर चीन को बड़ा झटका दिया था। अब ग्लोबल साउथ सबसे ज्यादा भरोसा भारत पर कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान युद्ध और संघर्षों से घिरी दुनिया को समाधान के रास्ते पर आने के लिए संवाद और कूटनीति का सहारा लेना का परामर्श दिया। उन्होंने आतंकवाद और उसके वित्तपोषण पर दोहरा रवैया अपनाने वाले देशों को कठघरे में खड़ा किया।
रूस के कजान शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है। इस दौरान पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच करीब 40 मिनट तक द्विपक्षीय वार्ता हुई।
रूस के कजान एक्सपो सेंटर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का पूर्ण सत्र शुरू हो चुका है। ब्रिक्स समिट में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी कजान एक्सपो सेंटर पहुंचे हैं।
BRICS Summit: रूस में हो रहे ब्रिक्स सम्मेलन में बुधवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक होने वाली है। भारत के विदेश सचिव ने इस बारे में जानकारी दी है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने रूस के कजान शहर में पहुंच चुके हैं। पीएम मोदी ने मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस के कजान शहर पहुंचे है। कजान में पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस दौरे के पर हैं। पीएम मोदी रूस के कजान शहर में हो रहे 16वें BRICS समिट में शामिल होने के लिए रूस पहुंचे हैं। इस दौरान कजान में पीएम मोदी का शानदार स्वागत किया गया है।
BRICS ब्लॉक में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका आते हैं। यह दुनिया की 42 फीसदी आबादी और 27 फीसदी ग्लोबल जीडीपी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ब्रिक्स की ख्याति दुनिया में बढ़ रही है। दुनिया के कई देशों की इस समिट पर नजर रहेगी।
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