रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है। इस बीच अब रूस की तरफ से कहा गया है कि उसकी सेना फिर कुर्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल कर लेगी।
पीएम मोदी 21 सितंबर से 3 दिनों के अमेरिका दौरे पर जा रहे हैं। इस दौरान उनके कार्यक्रम के एजेंडे में रूस-यूक्रेन युद्ध से लेकर गाजा संघर्ष में शांति लाना अहम मुद्दा होगा। वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र की शांति और विकास समेत ग्लोबल साउथ के देशों पर भी चर्चा करेंगे।
भारत और रूस की दोस्ती में दरार पैदा करने के लिए की गई विदेशी मीडिया की रिपोर्टिंग पर भारत बिफर गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने यूक्रेन युद्ध के मैदान में भारतीय हथियारों के पहुंचने की खबर को अटकलबाजी और भ्रामक बताते हुए इस खबर का पूर्ण खंडन किया है।
भारत का दोस्त रूस अब एक मामले में पाकिस्तान का साथ देने जा रहा है। रूस के उप प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री और आर्मी चीफ असीम मुनीर से मिलने के बाद यह ऐलान किया है। इससे पाकिस्तान गदगद हो गया है।
यूक्रेन को रूस पर पश्चिमी हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति दिए जाने की चर्चाओं के बीच पुतिन ने परमाणु जंग की असली तैयारी शुरू कर दी है। नाटो की सीमा पर रेडियोएक्टिव स्पाइक की मौजूदगी से नाटो से लेकर अमेरिका तक हड़कंप मच गया है।
अमेरिका और भारत के संबंधों को लेकर शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने टिप्पणी की है। अमेरिकी राजनयिक रिचर्ड वर्मा का कहना है कि चीन और रूस भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत होता देख चिंतित हैं।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। यूक्रेन की सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में बड़े भाग पर कब्जा कर लिया है। इस बीच यूक्रेन ने एक कदम और बढ़ाते हुए संयुक्त राष्ट्र और ICRC से रूस के कुर्स्क क्षेत्र में मानवीय प्रयासों में शामिल होने के लिए कहा है।
अगर अमेरिका और ब्रिटेन यूक्रेन को रूस पर हमला करने के लिए पश्चिमी मिसाइलों और हथियारों के इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो यह जंग खतरनाक हो सकती है। ऐसे में पुतिन एक नया परमाणु परीक्षण कर सकते हैं। कई विशेषज्ञों ने इस बात का दावा किया है।
तेलंगाना का युवक रूसी सेना की ओर से युद्ध क्षेत्र में तैनात था। उसे जबरन रूस भेजा गया और सेना के साथ युद्ध क्षेत्र में तैनात कर दिया गया। स्वदेश लौटने के बाद युवक ने बताया कि वह गोलों की आवाज की वजह से रात में सो नहीं पाता था।
रूस-यूक्रेन युद्ध से सुरक्षित स्वदेश लौटे मोहम्मद सूफियान ने पीएम मोदी का शुक्रिया अदा किया है। उसने कहा कि उसे अब भी यह यकीन नहीं हो रहा कि वह स्वदेश लौट आया है। सूफियान ने रूस-यूक्रेन युद्ध को बहुत भयावह बताया।
रूस ने जासूसी करने के आरोप में ब्रिटेन के 6 शीर्ष राजनयिकों को अपने देश से बाहर निकाल दिया है। इससे ब्रिटेन में हड़कंप मच गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद रूस की सेना में फंसे 45 भारतीयों को मुक्त करा लिया गया है। 50 अन्य लोगों को भी जल्द वापस लाया जाएगा।
भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज मॉस्को में रूस के राष्ट्रपति पुतिन से की मुलाकात की। इसके बाद पुतिन ने पीएम मोदी को आमंत्रण भेजा है। वह ब्रिक्श शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक करना चाहते हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध के लंबा खिंचने पर अब परमाणु युद्ध की आशंका फिर से तेज हो रही है। अगर भारत, ब्राजील और चीन की ओर से युद्ध में शांति के किए जा रहे प्रयास सफल नहीं होते तो दुनिया के लिए खतरे की घंटी बज सकती है। क्योंकि परमाणु युद्ध का असर किसी न किसी रूप में पूरे विश्व पर होगा।
भारत क्या रूस-यूक्रेन युद्ध में शांति लाने के कगार पर पहुंच गया है, क्या भारत दुनिया को अपनी विदेश नीति से चौंकाने जा रहा है। पीएम मोदी के प्रयासों से तो फिलहाल कुछ ऐसा ही लगता है। यूक्रेन शांति योजना के तहत इस वक्त एनएसए अजीत डोभाल मॉस्को में तो जयशंकर जर्मनी में हैं।
रूस और यूक्रेन युद्ध में क्या अब कुछ बड़ा होने वाला है, क्या जेलेंस्की रूस पर किसी घातक हमले का प्लान बना रहे हैं, क्या अमेरिका विदेशी हथियारों से सीधे रूस पर हमले की अनुमति देने वाला है?...ये तमाम सवाल इस लिए हैं कि ब्रिटेन और अमेरिका के विदेश मंत्री एक साथ यूक्रेन की मदद को कीव पहुंचे हैं।
माना जा रहा है कि इस बैठक के माध्यम से रूस और यूक्रेन के बीच एक बार फिर से शांति वार्ता कराने की कोशिश की जा सकती है। अक्टूबर में होनेवाले ब्रिक्स सम्मेलन से पहले एनएसए लेवल की यह बैठक काफी अहम है।
यूक्रेन ने रूस पर जोरदार हमले किए हैं। यूक्रेन की तरफ से 140 से अधिक ड्रोन दागे गए हैं। यूक्रेन की तरफ से किए गए हमले में एक महिला की मौत हो गई और तीन लोग घायल हुए हैं।
चीन और रूस मिलकर संयुक्त नौसैनिक और वायुसैनिक अभ्यास करने जा रहे हैं। चीन के रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि नौसैनिक और हवाई अभ्यास का मकसद दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग में सुधार करना है।
दुनिया की सबसे ताकतवर पनडुब्बी रूस की टायफून क्लास है। इसकी विशालकाय संरचना और चुपचाप रहने की क्षमता बेजोड़ है। नौसेना के विशेषज्ञ इसे बेहद सम्मान के साथ देखते हैं।
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