रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन ने रूस पर ताजा हमले किए हैं। ब्लैक सी में रूसी बेड़े पर मिसाइलों से भीषण हमला किया है। इन हमलों से धुएं का बड़ा गुबार उठा। स्थानीय लोगों ने बताया कि हमले में विस्फोटों की आवाजें सुनाई दी और धुआं भी उठा।
रूस-यूक्रेन युद्ध का समाधान खोजने के लिए अब तक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कोई गंभीर प्रयास नहीं किया है। ऐसे में युद्ध मानवता के लिए अभिशाप बनता जा रहा है। यूएनएससी को अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाने पर भारत ने उसकी जमकर आलोचना की है।
रूस-यूक्रेन युद्ध चलते 18 महीने हो चुके हैं। मगर अब तक इसका कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच रूस यूक्रेनी शहरों पर नए सिरे से भीषण हमले कर रहा है। ऐसे में जेलेंस्की का हौसला टूटने लगा था। मगर जो बाइडेन ने फिर यूक्रेन के लिए 32.5 करोड़ डॉलर का नया पैकेज दिया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर संयुक्त राष्ट्र के खुले मंच पर भारत ने फिर दोनों देशों को बातचीत और कूटनीति से युद्ध का समाधान खोजने की अपील की है। दोनों देशों के बीच करीब 18 महीने से भीषण युद्ध चल रहा है। मगर अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका है।
रूस ने यूक्रेन पर जोरदार हमले किए हैं। यूक्रेन के पूर्व से लेकर पश्चिम तक कई शहरों पर रूस ने हमले किए हैं। इन हमलों में कई स्थानों पर आग लग गई। इमारतों का मलबा गिरने से कई लोगों के दबे होने की आशंका है। वहीं लोगों के मरने की भी खबर है।
रूस-यूक्रेन युद्ध में कीव की ओर से मास्को पर बेहद गंभीर आरोप लगाए गए हैं। यूक्रेन राष्ट्रपति जेलेंस्की का आरोप है कि रूस उनके देश के खिलाफ युद्ध में भोजन और ऊर्जा को टार्गेट करने के साथ-साथ बच्चों तक को नहीं छोड़ रहा। संयुक्त राष्ट्र में जेलेंस्की ने विश्व नेताओं के चेतावनी देते कहा-भविष्य में यह उनके साथ भी हो सकता है
करीब 6 दिनों तक रूस में रहने के बाद उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रविवार को स्वदेश रवाना हो गए हैं। रूस की सरकारी मीडिया ने उनके रवानगी की खबर दी है। रूस यात्रा के दौरान किम जोंग ने राष्ट्रपति पुतिन और रक्षामंत्री सर्गेई शोइगू से वार्तालाप की। उन्होंने रूसी बमवर्षक, किंझल मिसाइल और युद्धपोत देखे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि यदि वह दोबारा अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाते हैं तो रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करवा देंगे। उन्होंने कई मामलों में पुतिन की तारीफ भी की। पुतिन ने भी डोनॉल्ड ट्रंप की तारीफ की। उन पर लगे आरोपों को राजनीति बताया।
रूस और यूक्रेन में भीषण जंग जारी है। रविवार को रूस ने ईरान के 6 शहीद ड्रोनों और 10 क्रूज मिसाइलों से यूक्रेन पर एक साथ हमला बोला। इससे उसकी कृषि सुविधाएं तहस-नहस हो गईं। अन्य किसी तरह के नुकसान की तात्कालिक पुष्टि नहीं हो पाई है। यूक्रेन के अनुसार इमरजेंसी सुविधाएं जारी थीं।
पुतिन और किम जोंग की मुलाकात का जवाब देने के लिए अमेरिका में अब जो बाइडेन और जेलेंस्की की मुलाकात भी जल्द होने जा रही है। इसका मतलब साफ है कि रूस को अमेरिकी और यूक्रेन उसी के लहजे में जवाब देना चाहता है।
उत्तर कोरिया के साथ हथियार डील नहीं करने की चेतावनी को रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने लगता है बदले की भावना से ले लिया है। अमेरिका द्वारा रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के बीच मुलाकात होने के बाद जो बाइडेन की ओर से रूस को हथियार खरीद को लेकर कड़ी चेतावनी दी गई थी।
यूक्रेन से जारी युद्ध के बीच पुतिन का किम से मिलना किसी सैन्य डील की ओर इशारा कर रहा है। ऐसे में अमेरिका ने चिंता जाहिर करते हुए दोनों देशों पर और प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।
उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जल्द ही मुलाकात कर सकते हैं, और इस बात ने पश्चिमी देशों को टेंशन दे दी है।
रूस-यूक्रेन युद्ध विराम को लेकर जी-20 सम्मेलन के इतर पूछे गए एक सवाल के जवाब में रक्षामंत्री सर्गेई ने बड़ा बयान दिया है। सर्गेई लावरोव ने युद्ध मां शांति की बात करते हुए कहा कि हर कोई युद्ध में शांति चाहता है। हमने शांति के लिए 18 महीने पहले एक समझौते पर हस्ताक्षर किया था। मगर जेलेंस्की को इस पर हस्ताक्षर नहीं किया।
नई दिल्ली के जी-20 सम्मेलन में सर्वसहमति से घोषणापत्र जारी करने के लिए रूस ने भारत की अध्यक्षता की तारीफ की है। रूस ने भारतीय कूटनीति की जबरदस्त सराहना करते हुए कहा है कि यूक्रेन युद्ध पर पश्चिमी देशों के एजेंडे को भारत ने लागू नहीं होने दिया।
यूक्रेन संघर्ष पर जी-20 के घोषणा पत्र पर आम सहमति बना पाना भारत के लिए नाक का सवाल बन चुका है। चीन और रूस अपनी जिद पर अड़े थे और दूसरे तरफ यूरोप व पश्चिमी देश अपनी जिद पर। दोनों की जिद के बीच सहमति का रास्ता निकालना आसान नहीं था। मगर आखिरी वक्त में भारत ने ये कर दिखाया। इससे दुनिया में भारत का सिर ऊंचा हो गया।
भारत ने जी-20 शिखर सम्मेलन में संयुक्त घोषणा पत्र में आम सहमति बनाते हुए बतौर अध्यक्ष दुनिया को बड़ा संदेश देने वाला ऐलान किया है। नई दिल्ली की ओर से आम सहमति से जारी डिक्लेरेशन में रूस-यूक्रेन युद्ध और तीसरे विश्व युद्ध के खतरों के बीच परमाणु हथियारों के इस्तेमाल और धमकी को अस्वीकार्य बताया गया है।
जी-20 सदस्य देशों से यूक्रेन युद्ध पर आम सहमति बनाने के लिए भारत ने अब नया पैराग्राफ जारी किया है। हालांकि इस पैराग्राफ के बिंदुओं के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। इस पैराग्राफ पर रूस और चीन की भी सहमति मिलने की उम्मीद है। क्योंकि सभी देशों की सहमति के बिना संयुक्त घोषणापत्र जारी नहीं किया जाता।
भारत में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन से सैकड़ों मील दूर उत्तर कोरिया अपना स्थापाना दिवस मना रहा है। उत्तर कोरिया के 75वें स्थापना दिवस पर रूस और चीन भी अपनी एकजुटता प्रकट कर अमेरिका समेत पूरी दुनिया को नए गठबंधन का संकेत दे रहे हैं। इससे आने वाले वक्त में बहुत कुछ प्रत्याशित होने की आशंका बढ़ गई है।
जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन युद्ध का समाधान अब तक नहीं खोजे जाने को लेकर बड़ी चिंता जाहिर की है। उन्होंने पूरी दुनिया के नेताओं का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराते कहा कि युद्ध ने विश्वास की कमी को और गहरा कर दिया है, मगर अब हम सबको मिलकर इसे भरोसे में तब्दील करने का वक्त आ गया है।
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