यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता करके चीन से लेकर अमेरिका तक को चकरा दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया। इससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी अंतरिक्ष उपकरण निर्माता प्रमुख के गिरफ्तार होने की खबरों ने हड़कंप मचा दिया है। कहा जा रहा है कि रूस के अंतरिक्ष उपकरण निर्माता प्रमुख येवगेनी फोमिचेव पर धोखाधड़ी का आरोप है। इसलिए राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें गिरफ्तार कराने का आदेश दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में 2023 में कई बड़ी घटनाएं घटी। इस वर्ष यूक्रेन युद्ध में काफी कमजोर साबित हुआ। यूरोपीय देशों समेत अमेरिका से उससे मदद मिलनी 90 फीसद तक कम हो गई। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी सेना का हौसला टूटने लगा। रूसी सेना यूक्रेन पर हावी होने लगी।
चूहों से फैली बीमारी से रूसी सैनिकों की हालत खराब हो रही है। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि एक बीमारी की वजह से रूसी सैनिकों में लड़ने की कैपिसिटी खत्म हो रही है।
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन में सैनिकों की कमी का संकट खड़ा हो गया है। यही कारण है कि यूक्रेनी सेना ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को प्रस्ताव दिया है कि कम से कम 5 लाख सैनिकों की भर्ती की जाना जरूरी है।
रूस और यूक्रेन जंग जारी है। ताजा घटनाक्रम में यूक्रेन की सेना ने रूस की किंझल मिसाइल को मार गिराया। इस किंझल मिसाइल पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को काफी गर्व था। पुतिन को इस मिसाइल गिरने पर झटका लगा है।
युद्ध के भवंरजाल में बुरी तरह फंस चुके यूक्रेन का खेल अब खत्म होने वाला है। 22 महीने की जंग के बाद यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने उसे अब आगे मदद देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। ऐसे में पुतिन की सेना अब यूक्रेन को जल्द अपने चंगुल में ले सकती है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से जंग के 22 महीने बीत जाने पर कहा है कि कीव में तब तक शांति नहीं कायम होगी, जब तक मास्को अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए और उसे तटस्थ रहना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता तो यूक्रेन में शांति नहीं आएगी।
यूरोपीय और नाटो देशों से मदद नहीं मिलने से यूक्रेन बेसहारा हो गया है। इस बीच रूस ने यूक्रेन पर हमलों को तेज कर दिया है। बुधवार की रात रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागी। इसमें 50 से अधिक लोग घायल हुए हैं। दर्जनों इमारतें धराशाई हो गई हैं।
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच सबसे बड़ी खबर ये है कि यूक्रेन के पास हथियारों का भंडार खत्म हो चुका है। ऐसे में अब उसके बाद जंग लड़ने के लिए हथियारों और गोला-बारूद की कमी होने लगी है। लिहाजा अब जेलेंस्की की टेंशन बढ़ गई है। वह हथियार मांगने फिर से अमेरिका के पास पहुंच गए हैं।
लगभग एक चौथाई सदी तक सत्ता में रहने के बाद और यूक्रेन युद्ध के काफी महंगा साबित होने के बावजूद पुतिन को अब भी व्यापक समर्थन प्राप्त है। स्वतंत्र सर्वेक्षणकर्ता लेवाडा सेंटर के अनुसार, लगभग 80 प्रतिशत आबादी पुतिन के प्रदर्शन से संतुष्ट है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के एक ऐलान से यूक्रेन से लेकर यूरोप और अमेरिका तक खलबली मच गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच पुतिन की इस घोषणा ने पूरी दुनिया में तहलका मचा दिया है। दरअसल पुतिन ने 2024 में फिर से रूस के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में अन्य देशों की नींद उड़ गई है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन को हौसला बढ़ाने और उसे निरंतर सपोर्ट जारी रखने कि लिए अमेरिकी कांग्रेस से बड़ी अपील की है। उन्होंने कहा है कि यूक्रेन के लोगों के लिए और स्वतंत्रता के लिए साथ खड़े होइये। हम पुतिन को जीतने नहीं दे सकते। अगर हमने यूक्रेन की स्वतंत्रता का साथ नहीं दिया तो इतिहास हमारे साथ कठोर न्याय करेगा।
रूस भागकर आए पूर्व यूक्रेनी सांसद इलिया कीवा की रूस में हत्या कर दी गई है। इस हत्या से सनसनी फैल गई। उनका शव मॉस्को के पास पड़ा मिला। यूक्रेनी सेना के अधिकारी का कहना है कि 'पुतिन का समर्थन करने वालों का यही हश्र होगा'।
रूस से जंग के 22 महीने बीत जाने के बाद नाटों देशों का समर्थन यूक्रेन के लिए घटने लगा है। अब नाटो और यूरोपीय देश यूक्रेन को हथियारों और गोला-बारूद की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में यूक्रेन की हार का खतरा बहुत बढ़ गया है।
रूस ओपेक प्लस का हिस्सा है, जो तेल उत्पादक सदस्यों और अन्य देशों का एक समूह है। समूह ने कच्चे तेल की कीमतों को बढ़ाने की कोशिश के तहत उत्पादन का प्रबंधन किया है। पिछले सप्ताह समूह ने अगले वर्ष के लिए कुछ उत्पादन कटौती का विस्तार किया और उभरते हुए तेल आपूर्तिकर्ता ब्राजील को इसमें शामिल कर लिया।
22 महीने बाद भी रूस और यूक्रेन की जंग जारी है। इसी बीच रूस ने हमले और तेज कर दिए हैं। अपने खतरनाक इरादे दिखाते हुए रूस की सेना ने यूक्रेन के दक्षिणी शहर पर जोरदार हमला किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच नाटो चीफ के एक बयान ने सनसनी मचा दी है। नाटो चीफ जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने यूक्रेन से बुरी खबर आने का अंदेशा जताया है। उन्होंने कहा कि नाटो देशों को अब यूक्रेन से बुरी खबर सुनने के लिए तैयार रहना चाहिए। उनके इस बयान से यूरोपीय देशों की हताशा भी झलक रही है और रूस की जीत का पूर्वाभास भी।
रूस-यूक्रेन के बीच जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में पुतिन का पारा चढ़ गया है। रूसी राष्ट्रपति पुतिन जंग के लंबा खिंचने के लिए नाटो और पश्चिमी देशों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जंग के 22 महीने बाद अब रूस के 22 लाख सैनिक यूक्रेन को नाको-चने चबवाने को की राह पर चलने वाले हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध 20 महीने हो चुके हैं। मगर यह लगातार जारी है। इस बीच सर्दियां आते ही जंग और तेज हो गई है। रूस ने घातक एस-300 मिसाइलों से पूर्वी यूक्रेन में भीषण तबाही मचाई है। इसमें कम से कम 1 व्यक्ति की मौत हो गई है और काफी संख्या में लोग मलबे के नीचे दब गए हैं।
संपादक की पसंद