रूस-यूक्रेन युद्ध के 2 वर्ष पूरे होने से पहले यूरोपीय संघ ने जेलेंस्की के लिए आखिरकार अपना खजाना खोल दिया है। रूसी सेना से जंग लड़ते अभावग्रस्त यूक्रेनी सैनिकों का हौसला बढ़ाने के लिए यूरोपी संघ ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को 50 अरब यूरो का बड़ा रक्षा सहायता पैकेज दिया है। इसकी जेलेंस्की को बेहद जरूरत भी थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध, इजरायल-हमास युद्ध, पाकिस्तान-ईरान संघर्ष और चीन-ताइवान का तनाव व पश्चिमी एशिया में बढ़ते संघर्ष के खतरों ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को चरम पर पहुंचा दिया है। अब संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी पहली बार तीसरे विश्व युद्ध की आशंका को लेकर आधिकारिक बयान दिया है। इससे पूरी दुनिया ही सकते में आ गई है।
रूस से जंग के बीच यूक्रेनी सैनिक अजीब समस्या का सामना कर रहे हैं। उनकी इस समस्या को देखकरा पहला वर्ल्ड वार की याद लोगों के जेहन में आ रही है। जानिए रूस से जंग के बीच क्या है यह समस्या।
यूक्रेनी बाजार पर हमले के बाद रूस के दो टैंकरों पर यूक्रेन ने ड्रोन हमला किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपनी दैनिक ब्रीफिंग में किंगिसेप क्षेत्र में किसी भी ड्रोन गतिविधि की सूचना नहीं दी। इसमें कहा गया है कि रूस के स्मोलेंस्क क्षेत्र में चार यूक्रेनी ड्रोन मार कर गिरा दिए गए थे।
यूक्रेन का रूस पर बड़ा हमला हुआ है। यूक्रेनी ड्रोन अटैक से रूस का तेल डिपो धू धू कर जल उठा है। जंग के बीच यूक्रेन भी रूस पर लगातार हमलावर हो रहा है।
रूस से 2 वर्षों से युद्ध लड़ रहे यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भयंकर कमी हो गई है। अब उसे कोई आगे सहायता देने को तैयार नहीं है। ऐसे बुरे वक्त में फ्रांस ने एक बार फिर जेलेंस्की को मदद देने का ऐलान किया है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने यूक्रेन को मिसाइल और बमों की आपूर्ति करने का ऐलान किया है।
रूसी सेना अमेरिकी सहायता खत्म होने पर यूक्रेन पर हावी होने लगी है। रूस अब यूक्रेन पर हमला करने के लिए उत्तर कोरियाई मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है। अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स में इसका दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार रूस ने 30 दिसंबर से 2 जनवरी के बीच ये हमले किए हैं। वहीं यूक्रेन अब ईरान से मदद मांग रहा।
रूस-यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है। जबकि इस युद्ध का अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। यूक्रेन के पास गोला-बारूद और हथियारों की भारी कमी हो गई है। जेलेंस्की इस वजह से निराश हैं। अकेले अमेरिका की मदद से यूक्रेन अब ज्यादा दिन रूस से जंग लड़ पाने की स्थिति में नहीं है। इस बीच यूएई ने दोनों देशों में बड़ा समझौता कराया है।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग और तेज हो गई है। दो दिन पहले रूस ने 18 घंटे तक लगातार यूक्रेन के विभिन्न इलाकों में बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला करके 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया। यह रूस की ओर से यूक्रेन पर किया सबसे बड़ा हमला था। अब यूक्रेन भी रूस से बदला लेना चाहता है।
रूस में युद्ध के खिलाफ कविता पढ़ने के लिए एक कवि को 7 वर्ष की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने कवि को राष्ट्रविरोधी कविताएं पढ़ने का दोषी ठहराते हुए यह सजा दी है। रूस में एक कार्यक्रम के दौरान युद्ध के खिलाफ इस कविता को पढ़ा गया था। इसके बाद मास्को पुलिस ने कई गिरफ्तारियां की थीं।
रूस ने यूक्रेन पर वर्ष 2023 का सबसे बड़ा हमला किया है। रूसी सेना ने यूक्रेन के अलग-अलग ठिकानों पर भीषण ड्रोन और मिसाइल हमला किया। इस दौरान एक साथ 110 मिसाइलों से किए गए हमले में कम से कम 7 लोग मारे गए हैं। काफी संख्या में लोग अभी भी मलबे में दबे बताए जा रहे हैं।
एक बार यूक्रेन की और अधिक सहायता से इनकार के बाद अमेरिका ने फिर से जेलेंस्की को बड़ा रक्षा पैकेज दिया है। अमेरिका ने यूक्रेन को आखिरी मदद के तौर पर 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का सैन्य सहायता पैकेज दिया है। ताकि यूक्रेन अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा कर सके। इससे रूस के खिलाफ यूक्रेन फिर से उठ खड़ा होगा।
यूक्रेन से चल रहे युद्ध के बीच भारत ने रूस के साथ एक महत्वपूर्ण परमाणु ऊर्जा समझौता करके चीन से लेकर अमेरिका तक को चकरा दिया है। भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मास्को में रूस के उप प्रधानमंत्री मंतुरोव की मौजूदगी में इन समझौतों पर हस्ताक्षर किया। इससे भारत और रूस के बीच प्राचीन संबंधों में अधिक प्रगाढ़ता आएगी।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच रूसी अंतरिक्ष उपकरण निर्माता प्रमुख के गिरफ्तार होने की खबरों ने हड़कंप मचा दिया है। कहा जा रहा है कि रूस के अंतरिक्ष उपकरण निर्माता प्रमुख येवगेनी फोमिचेव पर धोखाधड़ी का आरोप है। इसलिए राष्ट्रपति पुतिन ने उन्हें गिरफ्तार कराने का आदेश दिया।
रूस-यूक्रेन युद्ध में 2023 में कई बड़ी घटनाएं घटी। इस वर्ष यूक्रेन युद्ध में काफी कमजोर साबित हुआ। यूरोपीय देशों समेत अमेरिका से उससे मदद मिलनी 90 फीसद तक कम हो गई। ऐसे में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और उनकी सेना का हौसला टूटने लगा। रूसी सेना यूक्रेन पर हावी होने लगी।
चूहों से फैली बीमारी से रूसी सैनिकों की हालत खराब हो रही है। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी ने दावा किया है कि एक बीमारी की वजह से रूसी सैनिकों में लड़ने की कैपिसिटी खत्म हो रही है।
रूस और यूक्रेन की जंग के बीच यूक्रेन में सैनिकों की कमी का संकट खड़ा हो गया है। यही कारण है कि यूक्रेनी सेना ने राष्ट्रपति जेलेंस्की को प्रस्ताव दिया है कि कम से कम 5 लाख सैनिकों की भर्ती की जाना जरूरी है।
रूस और यूक्रेन जंग जारी है। ताजा घटनाक्रम में यूक्रेन की सेना ने रूस की किंझल मिसाइल को मार गिराया। इस किंझल मिसाइल पर रूसी राष्ट्रपति पुतिन को काफी गर्व था। पुतिन को इस मिसाइल गिरने पर झटका लगा है।
युद्ध के भवंरजाल में बुरी तरह फंस चुके यूक्रेन का खेल अब खत्म होने वाला है। 22 महीने की जंग के बाद यूक्रेन के पास अब हथियार और गोला-बारूद की भारी कमी हो गई है। यूरोपीय संघ और अमेरिका ने उसे अब आगे मदद देने में असमर्थता जाहिर कर दी है। ऐसे में पुतिन की सेना अब यूक्रेन को जल्द अपने चंगुल में ले सकती है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन से जंग के 22 महीने बीत जाने पर कहा है कि कीव में तब तक शांति नहीं कायम होगी, जब तक मास्को अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर लेता। पुतिन ने कहा कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं होना चाहिए और उसे तटस्थ रहना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता तो यूक्रेन में शांति नहीं आएगी।
संपादक की पसंद