रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 19 पैसे टूटकर 77.93 पर बंद हुआ था। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 1.46 प्रतिशत गिरकर 120.23 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर था।
अब आपको न सिर्फ विदेश से आयात होने वाले तेल, कंप्यूटर, मोबाइल के लिए ज्यादा पैसे अदा करने होंगे, वहीं विदेश में बच्चे की पढ़ाई का सपना भी महंगा हो जाएगा।
डॉलर के मजबूत होने का सीधा असर हमारे आयात पर पड़ता है। भारत जिन वस्तुओं के आयात पर निर्भर है, वहां रुपये की गिरावट महंगाई ला सकती है।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल की आक्रामक टिप्पणियों के बाद वैश्विक बाजार में डॉलर में तेजी लौटने से रुपया अपने दिन के निचले स्तर 77.61 प्रति डॉलर तक गया।
सबसे बुरा असर पेट्रोल डीजल पर पड़ेगा वहीं विदेशों से आने वाले मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंज्यूमर ड्यूरेबल जैसे टीवी, फ्रिज, ऐसी महंगे हो जाएंगे।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.17 के भाव पर कमजोर खुला और फिर 77.50 पर बंद हुआ।
‘‘रुपया पहले ही बाहरी तनावों का सामना कर रहा है और हमारा मानना है कि मार्च, 2023 तक इसमें और मूल्यह्रास होगा तथा अमेरिकी डॉलर के मुकाबले यह लगभग 77.5 के स्तर पर आ जाएगा।’’
विशेषज्ञों ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव से कच्चे तेल की कीमतों ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है।
गुरुवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 102 पैसे की जोरदार गिरावट के साथ 75.6 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। करेंसी विशेषज्ञ आगे भी रुपये में और बड़ी गिरावट का अनुमान लगा रहे हैं।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 74.43 प्रति डॉलर पर खुला। कारोबार के दौरान रुपया ऊंचे में 74.42 और नीचे में 74.69 तक गया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा कोरोना वायरस के नये स्वरूप ओमीक्रॉन के अधिक तेजी से फैलने की चेतावनी दी है।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.14 प्रतिशत घटकर 96.41 रह गया।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत बढ़कर 95.52 हो गया। वहीं कच्चे तेल में बढ़त का रुख रहा
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.21 प्रतिशत बढ़कर 95.05 पर रहा इससे रुपये पर दबाव पड़ा
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.02 प्रतिशत बढ़कर 93.97 के स्तर पर पहुंच गया।
कारोबार के दौरान रुपया 74.83 से 75.13 रुपये के दायरे में रहा। वहीं छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.12 प्रतिशत बढ़कर 93.84 हो गया।
विनिमय दर पर दबाव को कम करने के लिए स्टेट बैंक द्वारा शुरू किए गए कई उपायों के बावजूद अमेरिकी डॉलर की बढ़ती मांग पाकिस्तानी रुपये पर भारी पड़ रही है।
कारोबार के दौरान रुपया 75.20 से 75.37 प्रति डॉलर के दायरे में रहा वहीं डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत घटकर 93.81 रह गया। ब्रेंट क्रूड फिलहाल 85 डॉलर प्रति बैरल के करीब है।
सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आई क्योंकि संकटग्रस्त एवरग्रांड ग्रुप की चिंताओं की वजह से चीन का युआन कमजोर पड़ा है।
पिछले पांच कारोबारी सत्र में रुपये में 59 पैसे की गिरावट आई है। वहीं बीते एक महीने में डॉलर के मुकाबले रुपया 123 पैसे टूटा है।
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