इसबीच छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.08 प्रतिशत बढ़कर 92.72 पर आ गया। रिलायंस सिक्योरिटीज ने एक शोध नोट में कहा, ‘‘डॉलर की हेजिंग करने वाले आयातकों की तरफ से मुद्रा पर दबाव बना रहेगा।’’
आज की गिरावट के बाद रुपया एक हफ्ते के निचले स्तरों पर पहुंच गया है। वहीं रुपये में आज की गिरावट 19 जून के बाद से रुपये में आई किसी भी कारोबारी सत्र की सबसे बड़ी गिरावट है।
सोमवार को डॉलर इंडेक्स 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ 92.29 के स्तर पर पहुंच गया। इसका असर रुपये पर देखने को मिला और रुपया गिरावट के साथ बंद हुआ।
भारी विदेशी धन निवेश के साथ आर्थिक गतिविधियों के बढ़ने के बाद रुपया एशियाई मुद्राओं में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया बढ़त के साथ 2 महीने के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ है, बीते हफ्ते रुपये मे 1 प्रतिशत की मजबूती रही जो 4 महीने के दौरान किसी भी हफ्ते दर्ज हुई सबसे ज्यादा बढ़त है
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा में रुपया डॉलर के मुकाबले 73.46 पर खुला, फिर अपने पिछले बंद के मुकाबले 31 पैसे बढ़कर 73.38 पर पहुंच गया। शुक्रवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 73.69 पर बंद हुआ था।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है और इस साल के अंत तक इसे लॉन्च किया जा सकता है।
जानकारों के मुताबिक विदेशी बाजारों में डॉलर के मजबूत होने तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से डॉलर के मुकाबले रुपये पर दबाव बना। आज डॉलर सूचकांक 0.5 प्रतिशत बढ़कर 92.87 हो गया।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.10 प्रतिशत घटकर 93.05 रह गया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कारोबार की शुरुआत में रुपया 74.23 पर लगभग अपरिवर्तित खुला, लेकिन बाद में यह लुढ़कता हुआ 74.35 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.04 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.87 के स्तर पर आ गया, जिसका फायदा रुपया को मिला।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.11 प्रतिशत बढ़कर 93.16 हो गया। इसके साथ ही कच्चे तेल में भी बढ़त देखने को मिली है।
छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.05 प्रतिशत की गिरावट के साथ 92.22 रह गया।
डॉलर के मुकाबले रुपया आज 74.36 के स्तर पर खुला तथा कारोबार के दौरान 74.21 के उच्च स्तर और 74.36 के अपने निम्न स्तर तक पहुंचा।
अनुमानों के मुताबिक लंबी अवधि में यह रुपया गिरकर 75.50-76 के स्तर तक जा सकता है और साल के अंत तक ये 77 के स्तर को भी छू सकता है।
मौद्रिक नीति में अपेक्षित यथास्थिति के साथ-साथ मजबूत इक्विटी बाजारों से आगामी सप्ताह के दौरान रुपये के मजबूत होने की उम्मीद जताई जा रही है।
आयातित जिंसों की ऊंची कीमतों के कारण आने वाले कारोबारी सप्ताह के दौरान अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया कमजोर होने का अंदेशा है।
एसएंडपी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत रहेगी। इसके अगले साल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहेगी।
आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपये 9 पैसे के दायरे में रहा। वहीं पिछले तीन कारोबारी सत्रों के दौरान रुपये में डालर के मुकाबले कुल मिला कर 22 पैसे की मजबूती आई है।
सोमवार को ही डॉलर के मुकाबले रुपये में 3 महीने की सबसे बड़ी तेजी देखने को मिली थी। बीते सत्र में रुपया 43 पैसे मजबूत होकर 74.31 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था
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