सप्ताह के पहले कारोबारी दिन यानी आज सोमवार को बाजार ने सुस्त शुरुआत की है।एशियाई बाजारों में कमजोर कारोबार देखने को मिल रहा है।
भारत के लिए अच्छी खबर है। अब अमेरिका रुपए पर करीबी नजर नहीं रखेगा। अमेरिका ने भारत को मुद्रा की निगरानी समिति से बाहर कर दिया है।
चुनाव के परिणाम आने के बाद शुक्रवार को रुपए में रिकवरी आई।डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले सत्र से 26 पैसे की रिकवरी के साथ 69.75 रुपए प्रति डॉलर पर खुला।
पाकिस्तान के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं ये तो जगजाहिर है लेकिन मौजूदा दौर में पाकिस्तानी मुद्रा रिकॉर्ड अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। पाकिस्तान के रुपए की कीमत काफी गिर गई है।
रविवार को आए एक्जिट पोल अनुमानों का असर इंटरनेशनल ट्रेड पर भी पड़ता दिख रहा है। मतदान समाप्त होने के बाद जारी एक्जिट पोल के अनुमान सामने आने के बाद सोमवार को विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुरुआती कारोबार में डालर के मुकाबले रुपया 79 पैसे की जोरदार तेजी के साथ 69.44 रुपये पर पहुंच गया।
घरेलू मुद्रा में गिरावट आने के साथ कराची स्टॉक एक्सचेंज-100 इंडेक्स भी 1.4 प्रतिशत टूट गया।
बाजार सूत्रों ने कहा कि निर्यातकों की डॉलर बिकवाली तथा विदेशी निधियों के सतत निवेश के कारण भी रुपए की तेजी को मदद मिली है।
कारोबारियों ने कहा कि विदेशी बाजारों में अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के नरम पड़ने से भी रुपए को तेजी मिली।
अमेरिका के ताजा आर्थिक आंकड़े उत्साहजनक रहने से अन्य एशियायी मुद्राओं के आगे भी डॉलर में मजबूती का रुझान रहा।
फॉरेक्स डीलर्स ने कहा कि निर्यातकों द्वारा अमेरिकी मुद्रा की बिकवाली करने से रुपए को समर्थन मिला। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी का अनुमान जताए जाने से भी घरेलू मुद्रा को मजबूती मिली है।
मंगलवार को विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार में शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 1212.35 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
अंतरबैंक मुद्रा विनिमय बाजार में गुरुवार को घरेलू मुद्रा कमजोरी के साथ 68.56 प्रति डॉलर पर खुली और इसने दिन के सबसे निम्नतम स्तर 69.21 को छुआ।
बाजार सूत्रों ने कहा कि विदेशी निधियों की धननिकासी, कच्चेतेल के बढ़ते मूल्य और घरेलू शेयरों में बिकवाली बढ़ने से रुपए का लाभ सीमित हो गया।
मंगलवार को हुए रुपया-डॉलर अदला-बदली नीलामी प्रक्रिया में रिजर्व बैंक द्वारा अधिसूचित पांच अरब डॉलर की राशि के मुकाबले 16.31 अरब डॉलर के लिए बोलियां मिलीं।
बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार में ब्रोकरों और विदेशी निधियों ने डेट एंड इक्विटी बाजार में निवेश किया, जिससे रुपए में सुधार आने में मदद मिली।
बाजार सूत्रों ने कहा कि फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक के नतीजे आने से पहले बाजार में सतर्कता के रुख तथा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों के कारण स्थानीय मुद्रा पर दबाव बढ़ गया।
विदेशी पूंजी के निरंतर निवेश और वैश्विक बाजारों में अमेरिकी मुद्रा में कमजोरी से रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले 17 पैसे मजबूत होकर 68.93 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया।
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया बुधवार को 71.08 रुपए प्रति डॉलर पर लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ खुला
अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 71.23 पर अपरिवर्तित रुख के साथ खुला और दिन के कारोबार के दौरान 71.11 रुपए की ऊंचाई को छू गया।
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