विदेशी मुद्रा व्यापारियों ने कहा कि कमजोर घरेलू बाजारों और बढ़ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड के चलते भारतीय रुपये में गिरावट आई। फेडरल ओपन मार्केट कमेटी द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती संभावनाओं और घरेलू बाजारों में कमजोरी के कारण रुपया नकारात्मक रुख के साथ कारोबार करेगा।
घरेलू बाजारों में बिकवाली और विदेशी कोषों की लगातार निकासी के चलते रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से भी रुपये पर दबाव पड़ा।
आज घरेलू शेयर बाजार में तेजी और डॉलर के कमजोर होने से रुपये को मिले समर्थन को पश्चिम एशिया में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच विदेशी फंड्स की निकासी ने बेअसर कर दिया।
नेपाल में रांझा हवाई अड्डे से 24 लाख रुपये कैश बरामद होने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। इस मामले में 5 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी रुपये का सोर्स नहीं बताए पाए।
अमेरिका की खराब जॉब रिपोर्ट से शुरू हुआ गिरावट का सिलसिला लगातार जारी है और इसका पूरी दुनिया पर व्यापक असर देखने को मिल रहा है। सबसे पहले इसका असर शेयर बाजारों पर दिखा और अब करेंसी भी इसकी चपेट में आ गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक का यह कदम घरेलू मुद्रा के अंतरराष्ट्रीय लेवल पर महत्वपूर्ण मुद्रा बनाने की रणनीतिक योजना का हिस्सा है। आरबीआई ने कहा कि उसने 2024-25 के लिए रणनीतिक कार्ययोजना को आखिरी रूप दे दिया है।
नेपाल ने ओली नीत सरकार के तहत पहली बार लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को अपने भू-भाग में दर्शाते हुए एक नया राजनीतिक नक्शा मई 2000 में जारी किया था। उसके बाद, सरकार ने भारत की आपत्ति के बावजूद, सभी आधिकारिक दस्तावेजों में पुराने नक्शे को बदल दिया।
Dollar vs Rupees: डॉलर में मजबूती के कारण रुपये पर दबाव देखा जा रहा है और यह गिरकर अपने अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
गोयल ने कहा कि धीरे-धीरे देशों को यह एहसास हो रहा है कि घरेलू मुद्रा में व्यापार करने के कई फायदे हैं। कई देश इस व्यवस्था के लिए आगे आए हैं। भारत ने नेपाल और भूटान समेत पड़ोसी देशों के साथ रुपये में व्यापार शुरू कर दिया है।
भारतीय रुपया ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के मुकाबले स्थिर रहा है। सीतारमण ने कहा कि रुपये के व्यापार में शुरुआती समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन इससे डॉलर की कमी वाले देशों को मदद मिल रही है।
आप समझ पाएंगे कि देश का खर्च सबसे ज्यादा किस मद में होता है और किसमें सबसे कम। इससे आप यह समझ सकेंगे कि आखिर जहां से सरकार रेवेन्यू जेनरेट करती है और वह पिछले साल के बजट से उस पैसे को कहां खर्च करती है।
सीबीडीसी या ई-रुपया एक डिजिटल टोकन है जो लीगल करेंसी (वैध मुद्रा) का प्रतिनिधित्व करता है। भारत में विदेश से सालाना लगभग 100 अरब डॉलर धन भेजा जाता है।
दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 103.48 पर आ गया।
Foreign Reserves: भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का दौर जारी है। पिछले हफ्ते भी 3.16 अरब डॉलर की कमी देखी गई थी।
भारत और बांग्लादेश ने रुपये में व्यापार करने का फैसला किया है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार में बढ़ावा होने की उम्मीद है। वहीं भारत-बांग्लादेश के इस फैसले से चीन के बाजार को झटका लगा है।
यदि आप दिवाली पर सस्ते मोबाइल फोन, लैपटॉप, स्मार्टटीवी और दूसरे गैजेट्स खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए बुरी खबर है। विदेश से भारत आने वाली सभी चीजों पर अब महंगाई की मार पड़ना तय माना जा रहा है।
2,000 Rupee Note: 2000 रुपये के नोट अब बाजार में बेहद कम बचा है। RBI ने एक खास रिपोर्ट जारी की है, जिसे आपको जानना चाहिए।
उपयोग की अनुमति मिलने से भारतीय पर्यटकों और व्यापारियों को बार-बार मुद्रा बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
सीबीडीसी से जुड़े ग्राहक संबंधित टर्मिनल पर ‘यूपीआई क्यूआर कोड’ को स्कैन कर डिजिटल रुपये में आपस में लेन-देन कर सकते हैं। एचडीएफसी बैंक फिलहाल 26 शहरों में ई-रुपया भुगतान सुविधा प्रदान कर रहा है।
रिजर्व बैंक के इस अंतर-विभागीय समूह का गठन दिसंबर 2021 में किया गया था। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में रुपये की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करना और भारतीय रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण को लेकर एक रूपरेखा बनाना था।
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