दरभंगा जिले के गौरा बौराम प्रखंड के आसी पंचायत स्थित महुआर गांव के निवासी राजकुमार झा ने आरटीआई लगाते हुए भारत सरकार से जवाब मांगा है। अब देखना दिलचल्प होगा कि भारत सरकार सूचना अधिकार आवेदन का क्या जवाब देती है।
पुलिस विभाग से RTI दायर कर यह उनके थानों से जुड़ी जानकारी मांगी गई थी। इसका जवाब देते हुए यह जानकारी दी गई कि करीब एक दर्जन थाने अभी किराए के घरों में चल रहे हैं जिसके लिए दिल्ली पुलिस भारी मात्रा में किराया देती है।
Rajeev Chandrashekhar on RTI: सूचना का अधिकार अधिनियम (आरटीआइ) एक्ट के तहत ऐसी परिस्थिति में सूचना मिल पाना अब मुश्किल हो सकता है, जहां निजता का अधिकार आड़े आ रहा हो। सरकार का मानना है कि कई बार निजता के अधिकार का पेंच फंस जाता है। ऐसी परिस्थिति में सूचनाएं देना संभव नहीं है।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) ने सुविधा शुल्क से इस साल सिर्फ सितंबर माह में 63 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सभ्रवाल ने मिनिस्ट्री ऑफ पैट्रोलिंग एंड नैचुरल गैस व तेल रिफाइनरी कंपनी से आरटीआई के तहत किये गए अपने आवेदन में पूछा था कि भारत दुनिया के कौन से देशो को पेट्रोल डीजल भेजता है और उसकी प्रति लीटर कीमत कितनी है।
यह आवेदन 1,000 रुपये और 500 रुपये के नोटों को चलन से हटाने की घोषणा के करीब 18 दिन बाद दिया गया। इसमें अन्य बातों के अलावा तारीख के बारे में जानकारी मांगी गयी कि मोदी के वादे के अनुसार कब प्रत्येक नागरिकों के खातों में 15 लाख रुपये डाले जाएंगे।
यह खुलासा RTI कार्यकर्ता संजय शर्मा की ओर से दायर की गई RTI पर मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुभाग अधिकारी और जन सूचना अधिकारी बसंत कुमार तिवारी द्वारा दिए गए एक जवाब से हुआ है...
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने स्वीकार किया है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुए नकली नोट की संख्या का कोई आंकड़ा उसके पास उपलब्ध नहीं है।
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