NEFT ट्रांजेक्शन आम तौर पर दो घंटे के भीतर सेटल हो जाते हैं। रिजर्व बैंक ने NEFT ट्रांजेक्शन पर कोई सीमा तय नहीं की है। हालांकि, अलग-अलग बैंक NEFT ट्रांसफर पर अपनी सीमाएं लगा सकते हैं।
क्या आप जानते हैं कि UPI के अलावा, पैसे भेजने के तीन और भी सुरक्षित तरीके होत हैं। इन्हें IMPS, NEFT और RTGS कहा जाता है। आइए आज आपको इन तीनों के बारे में बताते हैं।
NEFT-RTGS: आरटीजीएस का नियम कहता है कि पैसा भेजने के रियल टाइम में ही उसका Transfer होना चाहिए।
ग्राहकों को सुविधाओं के विस्तार तथा चौबीसों घंटे उपलब्ध रहने वाली RTGS का पूरा लाभ लेने के लिए एनएसीएच को एक अगस्त, 2021 से सप्ताह के सातों दिन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है।
एनईएफटी प्रणाली की क्षमता को बेहतर बनाने तथा डिजास्टर रिकवरी समय को और बेहतर बनाने के लिए एनईएफटी को तकनीकी रूप से उन्नत किया जाएगा।
आरबीआई के द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सेवाएं 11:45 से शुरू कर दी गईं। इससे पहले सेवाओं के 2 बजे से शुरू किए जाने का समय दिया गया था।
यदि आप बड़ा अमाउंट फंड ट्रांसफर करने के लिए रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट(RTGS) सेवाओं का उपयोग करते हैं तो आपको आज रात से यह सेवा नहीं मिल पाएगी।
यदि आप भी बैंक की रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट(RTGS) सेवाओं का उपयोग करते हैं तो रिजर्व बैंक का ताजा अलर्ट आप ही के लिए है।
2 लाख रुपये तक के लेन-देन के लिए उपयोग होने वाले लोकप्रिय नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (NEFT) पहले की तरह काम करता रहेगा।
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी में अहम फैसला लिया है।
दास ने एक कार्यक्रम में कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं और इस संदर्भ में प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अक्टूबर में आरटीजीएस प्रणाली को 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बनाने की घोषणा की थी।
मौजूदा व्यवस्था के तहत RTGS सिस्टम महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हफ्ते के सभी कामकाजी दिनों में सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होता है।
1 दिसंबर 2020 से आम आदमी की जिंदगी से जुड़े कई तरह के नियमों में बदलाव होने जा रहा है। इसमें पैसों के ट्रांसफर, रेलवे, LIC किस्त और गैस सिलेंडर की कीमतों से जुड़ीं कई चीजें शामिल हैं।
रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (RTGS) के तहत 2 लाख रुपए या अधिक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है।
कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए सरकार द्वारा 25 मार्च से देश में लागू किए गए 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से यूपीआई के जरिये होने वाले लेनदेन पर विपरीत असर पड़ा है।
येस बैंक के शेयरों में बुधवार को लगातार दूसरे सत्र में जोरदार तेजी देखने को मिली और बुधवार को शेयर 28 प्रतिशत बढ़ गए।
लेकिन अभी भी ऐसी कई बैंकिंग सेवाएं हैं, जिनके लिए उपभोक्ताओं को शुल्क देना होता है।
ऑनलाइन एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में मनी ट्रांसफर करने पर कन्विनिएंस फीस लगती है जिसे अब आरबीआई ने मुफ्त करने का निर्देश दिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को कहा कि आरटीजीएस के जरिये बड़ी राशि के अंतरण की सुविधा 26 अगस्त से सुबह 8 बजे के बजाय 7 बजे से उपलब्ध होगी। फिलहाल ग्राहकों के लेन-देन के लिये रीयल टाइम ग्रास सेटलमेंट (आरटीजीएस) प्रणाली सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्ध होती है।
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