कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बदनाम करने के लिए अराजक तत्वों का एक असफल प्रयास है। सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से संघ के लेटर हेड पर सरसंघचालक के नाम झूठा पत्र वायरल किया जा रहा है।
उन्होंने केशव बलिराम हेडगेवार को लेकर कहा कि उन्होंने कहा था कि एक घंटा रोजाना शाखा में आओ। उस समय लोगों ने यह सवाल उठाया था कि एक घंटे से क्या होगा। तत्व और व्यवहार को साथ लेकर चलना है।
इस दौरान उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आमतौर पर देश के बुद्धिजीवी लोग अपनी सेवा के लिए मिशनरियों का जिक्र करते हैं। हालांकि जब देश का दौरान हमने किया तो पाया का हिंदू आध्यात्मिक गुरुओं द्वारा मिशनरियों से बेहतर काम किया जा रहा है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत राष्ट्रीय सेवा संगम का उद्घाटन करेंगे। इस संगम के दौरान ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, गौ सेवा जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी
संघ प्रमुख मोहन भागवत 7 अप्रैल को राष्ट्रीय सेवा संगम का उद्घाटन सुबह 10 बजे करेंगे। इस सम्मेलन में सामाजिक विकास क्षेत्र में कार्य कर रहे 1000 से अधिक संगठनों के लगभग 4000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को भोपाल में अमर शहीद हेमू कलानी के जन्म शताब्दी वर्ष के समापन समारोह में हिस्सा लेने आए थे। जहां उन्होंने सिंधी समाज की महत्ता पर बोलते हुए कई बड़ी बातें कहीं।
वाल स्ट्रीट जर्नल में छपे एक लेख में कहा गया है कि बीजेपी दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण पार्टी है और पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा एक बार फिर 2024 का चुनाव जीतेगी। जानिए और क्या लिखा है?
समीर वानखेड़े का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह आरएसएस मुख्यालय में पूरा भ्रमण करने के बाद विजिटर डायरी में लिखते हुए दिख रहे है। इस दौरान उन्होंने आरएसएस के बड़े पदाधिकारियों से मुलाकात की और घंटों चर्चा भी की।
पानीपत में हुई संघ की इस बैठक को 2024 में होने वाले आगामी लोक सभा चुनाव के मद्देनजर काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। सर्वोच्च इकाई की इस अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित संघ से जुड़े 34 विभिन्न संगठनों के 1389 प्रतिनिधि शामिल हुए।
RSS ने अपने स्वयंसेवकों को अलगाववाद और देश विरोधी ताकतों के खिलाफ डटकर मुकाबला करने का संकल्प दिलाया है।
आरएसएस की तीन-दिवसीय वार्षिक आमसभा रविवार को हरियाणा के पानीपत में शुरू हुई, जिसमें संगठन ने ऐसे राजनीतिक नेताओं और प्रख्यात हस्तियों को श्रद्धांजलि दी, जिनका पिछले एक साल में निधन हुआ है।
मोदी विरोध में राहुल को यह नहीं भूलना चाहिए था कि ऐसे बयानों का फायदा भारत विरोधी ताकतें उठाएंगी। ऐसे बयान का इस्तेमाल वे भारत में लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए करेंगे।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने लंदन में कहा कि भारत में डेमोक्रेटिक कॉन्टेस्ट पूरी तरह से बदल गई है और इसकी वजह यह है कि आरएसएस नामक एक संगठन है।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, ब्रिटिश शासन से पहले हमारे देश की 70% आबादी शिक्षित थी और कोई बेरोजगारी नहीं थी, जबकि इंग्लैंड में सिर्फ 17% लोग शिक्षित थे।
राहुल गांधी ने 2024 का चुनाव जीतने के लिए फिर विदेशी मीडिया को हथियार बना लिया है। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी हो या फिर लंदन उनकी जुबान पर नफरती बयानों के अलावा कुछ नहीं झलक रहा। देश में विपक्षी पार्टियों को तवज्जो ना देने वाले राहुल विदेश में बैठकर 2024 में विपक्ष के एजेंडे को बता रहे हैं।
मोहन भागवत ने कहा, हमारा धर्म विज्ञान के अनुसार चलता है और विज्ञान को इंसान के लिए लाभकारी होने के लिए उस धर्म की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास परंपरागत रूप से जो है, उसके बारे में हर व्यक्ति के पास कम से कम मूलभूत जानकारी होनी चाहिए।
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने भागवत के बयान को पोस्ट करते हुए ट्वीट किया कि सच तो यह है कि मैं सभी प्राणियों में हूं, इसलिए नाम जो भी हो, लेकिन योग्यता एक है, सम्मान एक है, सभी का अपनापन है।
एसटी हसन ने कहा कि पूरी दुनिया में रहने वालों का DNA एक है। हमारे देश की विशेषता है अनेकता में एकता। यहां सब गंगा जमुना तहजीब से रहते हैं। डीएनए सबका एक है। उन्होंने दावा किया कि शूद्रों, दलितों और द्रविड़ों को छोड़कर भारत में हर कोई विदेशी है।
होसबोले ने कहा कि संघ केवल शाखा लगाएगा, लेकिन संघ के स्वयंसेवक सभी काम करेंगे। सभी के सामूहिक प्रयास से ही भारत विश्व गुरु बनकर विश्व का नेतृत्व करेगा। संघ सभी को मानता है, भारत के धर्म और संप्रदाय एक हैं।
RSS की कोशिश अब एक कदम और आगे बढ़ गई है और इसमें मुस्लिम उलेमा भी जुड़ गए हैं। इन्हीं कोशिशों के तहत नए साल में 14 जनवरी को आरएसएस नेताओं की मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के साथ तीन घंटे की लंबी मैराथन बैठक हुई।
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