क्या योगी का नारा RSS ने स्वीकार लिया है? क्या योगी का नारा अब BJP की ऑफिशियल लाइन है? क्या योगी को भागवत ने दे दिया नया चुनावी मंत्र? क्या कास्ट पॉलिटिक्स की काट है 'बंटोगे-कटोगे' नारा? क्या योगी के नारे ने जाति गिनने वाला नैरेटिव तोड़ दिया?
विजयदशमी के अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि शासन और युवाओं के द्वारा देश कई क्षेत्र में आगे जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कई चुनौतियां भी भारत के सामने मौजूद हैं।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि समाज को सशक्त बनाकर सामुदायिक कमियों को दूर करने का प्रयास किया जाना चाहिए। इसके साथ ही मोहन भागवत ने कहा कि न्याय, स्वास्थ्य और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
एक कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत से पूछा गया कि वह अब तक प्रधानमंत्री या किसी अन्य पद पर क्यों नहीं बैठे? अब मोहन भागवत का जवाब काफी वायरल हो रहा है।
केंद्र सरकार ने आदेश जारी किया है कि सरकारी कर्मचारी RSS की गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। बता दें कि इससे पहले RSS की गतिविधियों में शामिल होने पर कर्मचारियों को कड़ी सजा देने तक का प्रावधान था।
नागपुर में कल से RSS का तृतीय शिक्षा वर्ग शुरू होगा। आरएसएस ने इस साल से अपने आंतरिक प्रशिक्षण प्रणाली में बदलाव किया है, अब व्यवहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वयंसेवकों को फील्ड ट्रेनिंग भी देगा।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज कई राज्यों के क्षेत्र प्रचारकों के साथ बड़ी बैठक करने जा रहे हैं। ये मीटिंग पंजाब के जालंधर में होगी। मीटिंग रात 10 बजे तक चलने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक राय्कर्म में कहा कि हमारा समाज धीरे-धीरे अधिक अच्छा, अधिक अच्छा होता चला जा रहा है। जितनी नकारात्मक बातें हो रही हैं उससे ज्यादा अच्छी बातें चल रही हैं।
आज हिंदुस्तान ने अंतरिक्ष में वो इतिहास रच दिया है जिसे आने वाले सैकड़ों सालों तक याद किया जाएगा. जो अमेरिका, रूस, चीन अरबों रुपये खर्च करके नहीं कर पाए, वो भारत के साइंटिस्ट ने कर दिखाया
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बेंगलुरु में झंडा फहराने के बाद अपने संबोधन में कहा कि पूरी दुनिया को प्रकाशित करने के लिए भारत स्वतंत्र हुआ।
आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा, ब्रिटिश शासन से पहले हमारे देश की 70% आबादी शिक्षित थी और कोई बेरोजगारी नहीं थी, जबकि इंग्लैंड में सिर्फ 17% लोग शिक्षित थे।
मोहन भागवत ने कहा, हमारा धर्म विज्ञान के अनुसार चलता है और विज्ञान को इंसान के लिए लाभकारी होने के लिए उस धर्म की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमारे पास परंपरागत रूप से जो है, उसके बारे में हर व्यक्ति के पास कम से कम मूलभूत जानकारी होनी चाहिए।
RSS की कोशिश अब एक कदम और आगे बढ़ गई है और इसमें मुस्लिम उलेमा भी जुड़ गए हैं। इन्हीं कोशिशों के तहत नए साल में 14 जनवरी को आरएसएस नेताओं की मुस्लिम बुद्धिजीवियों और उलेमाओं के साथ तीन घंटे की लंबी मैराथन बैठक हुई।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि चीन के लिए यह चोरी और साथी नागरिकों के लिए सीनाजोरी क्यों? अगर हम सच में युद्ध में हैं, तो क्या स्वयंसेवक सरकार 8 सालों से सो रही है?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने गोवा में एक सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने स्वयंसेवकों के बारे में कहा कि आरएसएस कभी भी प्रेशर ग्रुप बनाने के लिए स्वयंसेवक तैयार नहीं करता है। उन्होंने कहा कि संघ को दूर बैठकर नहीं समझा जा सकता है। उन्होंने लोगों से संगठन में शामिल होने का आह्वान किया
आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि अगर दुनिया से हमारे देश को सीखने की जरुरत है, हम जरूर सिखेंगे, लेकिन हम अपने मौलिक सिद्धांतों और विचारों पर टिके रहेंगे।
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत के गौरव और विरासत के प्रति पूर्ण निष्ठा के साथ स्वयंसेवकों को देश की तरक्की के लिए काम करना चाहिए।
मोहन भागवत ने कहा कि संघ का काम आदत डालना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक स्वयंसेवक और प्रचारक हैं और आज भी वह एक प्रचारक के रूप में काम कर रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि विविधता में एकता इस देश की सदियों पुरानी विशेषता है। हिंदुत्व का विचार ही दुनिया में ऐसा विचार है जो सभी को साथ लेने में विश्वास करता है।
RSS Chief Mohan Bhagwat : उन्होंने कहा कि एक भूभाग में जनसंख्या में संतुलन बिगड़ने का परिणाम है कि इंडोनेशिया से ईस्ट तिमोर, सुडान से दक्षिण सुडान व सर्बिया से कोसोवा नाम से नये देश बन गये।
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