इन दिनों देश में एक मुद्दें को लेकर ज़ोरों पर चर्चा चल रही है और वो मुद्दा है रोहिंग्या लोगों का। अखबारों में लेख तो टीवी चैनलों पर इस पर जमकर बहस हो रही है। केंद्र सरकार ने अवैध रूप से भारत में रह रहे प्रवासियों को देश से बाहर करने का फैसला किया है
अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी एआरएसए ने अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, अराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी आक्रामक सैन्य अभियानों पर अस्थायी विराम की घोषणा करती है।
पाकिस्तान ने म्यांमार के राजदूत को तलब कर राखिन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी कथित हिंसा को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया...
अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति ने कहा है कि उनके कर्मचारियों ने म्यांमार और बांग्लादेश में शरणार्थी संकट में मदद के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं...
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 15 दिनों में लगभग 3 लाख रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से भागकर शरण के लिए बांग्लादेश पहुंचे हैं...
निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिका म्यांमार के राखिन राज्य में खराब होती स्थिति को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित है...
UN के एक अधिकारी ने बताया कि म्यांमार के रखाइन प्रांत में अभी तक 1,000 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की आशंका है, जिनमें ज्यादातर रोहिंग्या मुसलमान हैं।
म्यांमार के रखाइन प्रांत में फैली हिंसा के बाद वहां से पलायन कर आए हजारों रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बांग्लादेशी अधिकारी कॉक्स बाजार जिले में और शिविर बनाने की तैयारी कर रहे हैं।
ढाका स्थित संयुक्त राष्ट्र कार्यालय ने बुधवार को कहा कि उत्तर पश्चिम म्यांमार में जारी हिंसा से भागकर 25 अगस्त से अबतक करीब 146,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं।
सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान में पनाह पाए कई आतंकी ग्रुप इन्हें अपने चंगुल में लेने की साजिश में लगे हैं। ऐसे इनपुट के बाद रोहिंग्या मुसलमानों को आतंरिक खतरे के तौर पर देखा जा रहा है।
दक्षिणपूर्व एशिया में अशांति की स्थिति बनी हुई है। 25 अगस्त के बाद से करीब 1 लाख 23 हजार लोग म्यांमार से भाग कर बांग्लादेश पहुंच गए हैं।
म्यांमार के राखिन प्रांत में जारी हिंसा के कारण कम से कम 123,000 रोहिंग्या लोग सीमा पार कर बांग्लादेश पहुंच गए हैं...
म्यांमार में हिंसा के कारण रोहिंग्या मुसलमानों के साथ हिंदू लोग भी बांग्लादेश में शरण के लिए पहुंच रहे हैं...
अंतरराष्ट्रीय आलोचनाओं से आंग सान सू की के घिरते जाने के बीच संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार को कहा कि म्यांमार में 25 अगस्त से हिंसा फैलने के बाद से वहां से कुल 87,000 रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे हैं...
म्यांमार में जारी हिंसा के बीच करीब 58,600 रोहिंग्या नागरिक म्यांमार छोड़कर पड़ोसी देश बांग्लादेश भाग गए हैं...
पश्चिम म्यांमार में हिस्सा के चलते पिछले 24 घंटे में हजारों रोहिंग्या मुसलमान नाव के जरिए या पैदल भागकर बांग्लादेश पहुंचे हैं...
बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान आज भी जर्जर कैंपो में रह रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को व्यापक पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। लाखों की संख्या में बिना दस्तावेज़ वाले रोहिंग्या बांग्लादेश में रह रहे हैं। इन्होंने दशकों पहले
म्यांमार में पुलिस नाकों और सैन्य अड्डे पर 24 अगस्त को हमले के बाद सेना ने रोहिंग्या विद्रोहियों और उनके अड्डों को खत्म करने के लिए अभियान छेड़ रखा है। इस ख़ूनी टकराव में अब तक लगभग 400 लोगों की मौत हो चुकी है।
म्यांमार में हिंसा के बाद जान बचा कर भाग रहे रोहिंग्या समुदाय के लोगों की नाव पलट जाने से उसमे सवार 16 लोगों की मौत हो गई।
म्यांमार में हुई हालिया हिंसा के दौरान 80 उग्रवादियों समेत 100 से ज्यादा लोगों की मौत होने के बाद सरकार और रोहिंग्या उग्रवादियों ने एक-दूसरे के ऊपर दोष मढ़ा है।
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