बांग्लादेश में रिफ्यूजी कैंप्स में रह रहे म्यांमार के रोहिंग्या शरणार्थियों ने अपने स्वदेश में सैन्य तख्तापलट की निंदा की है।
पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर अवैध रोहिंग्या प्रवासी होने के संदेह में 10 लोगों को पकड़ा गया है।
बांग्लादेश ने मानवाधिकार संगठनों के ऐतराज के बावजूद शुक्रवार को 1600 रोहिंग्या मुसलमानों के पहले ग्रुप को ‘बेहतर रहन-सहन’ के लिए एक सुदूर द्वीप पर भेज दिया।
बांग्लादेश की पुलिस के साथ हुई एक मुठभेड़ में रोहिंग्या मुसलमानों की एक गैंग के संदिग्ध सदस्य मारे गए। माना जा रहा है कि ये सदस्य फिरौती के लिए किडनैपिंग में शामिल थे।
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार परिषद के एक बड़े अधिकारी ने सोमवार को समुद्र में ही फंसी रोहिंग्या मुसलमनों वाली 2 नावों को अपने यहां आने देने की बांग्लादेश से अपील की है।
दक्षिण बांग्लादेश के निकट रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर जा रही एक नाव मंगलवार सुबह डूब गई। इस हादसे में कम से कम 14 रोहिंग्या शरणार्थियों की मौत हो गई और कई लापता हो गए।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर म्यामां के रोहिंग्या मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों की मनमानी गिरफ्तारी, प्रताड़ना, बलात्कार और हिरासत में होने वाले मौत समेत अन्य मानवाधिकार उल्लंघनों की कड़ी निंदा की।
एक अनुमान के मुताबिक भारत में 40,000 रोहिंग्या रह रहे हैं। इनमें से ज्यादातर देशभर में शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं।
बांग्लादेशी सेना ने उन शिविरों के चारो ओर बाड़ लगाने का काम शुरू कर दिया है, जहां हजारों रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं।
म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजे जाने का दूसरा प्रयास विफल होने का ठीकरा शुक्रवार को बांग्लादेश पर ही फोड़ दिया।
आपको बता दें कि साल 2017 में सैन्य कार्रवाई के चलते म्यांमार से 740,000 रोहिंग्या मुसलमान भागकर बांग्लादेश पहुंचे थे।
आपको बता दें कि म्यांमार के एक हाई लेवल डेलिगेशन ने कॉक्स बाजार में रोहिंग्या शिविरों का दौरा किया और उनके प्रतिनिधियों से बात की।
अमेरिका ने म्यांमार सैन्य बलों के कमांडर-इन-चीफ तथा तीन अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय रोहिंग्या के सदस्यों की गैर-न्यायिक हत्या करने के कारण प्रतिबंध लगा दिया है।
पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास से 2 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है।
म्यांमार के लाखों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों ने इस समय पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रखी है।
म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण लेने वाले लोगों की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा है।
ताजा हिंसा के ज्यादातर शिकार म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध और हिंदू समुदाय के लोग हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़कने से पिछले सप्ताह हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं की घर वापसी की तैयारी कर ली है। उन्हें आज से वापस उनके वतन म्यांमार भेजे जाने का काम शुरू हो जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र अधिकार प्रमुख ने बांग्लादेश से अनुरोध किया कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यामां भेजने की अपनी योजना को रोक दे क्योंकि वहां अब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं।
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