अमेरिका के हाउस ऑफ रीप्रेजेंटेटिव्स ने बौद्ध बहुल राष्ट्र म्यांमार की सरकार की कटु आलोचना करते हुए रोहिंग्या मुसलमानों के “नस्लीय सफाए” की निंदा की और वहां के नेताओं से उत्तरी रखाइन राज्य में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को खत्म करने की मांग की।
बांग्लादेश की यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस के रोहिंग्याओं का उल्लेख करने पर म्यांमार में सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है...
फ्रांसिस ने राजधानी में म्यांमार की नेता आंग सान सू की और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों की मौजूदगी में अपने भाषण में सैन्य अभियान का जिक्र नहीं किया...
म्यांमार की ‘स्टेट काउंसलर’ आंग सान सू की की रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे से निपटने में निष्क्रियता को लेकर और देश में हुई हिंसा की तरफ से आंखें मूंदने के लिए उनसे ‘फ्रीडम ऑफ ऑक्सफोर्ड’ सम्मान वापस ले लिया गया है...
बौद्ध बहुल देश म्यांमार की संवेदनशील यात्रा की शुरुआत करते हुए पोप फ्रांसिस ने देश के शक्तिशाली सेना प्रमुख से मुलाकात की।
हजारों विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश सीमा से वापस भेजने के लिए म्यांमार के साथ हुए एक समझौते के बाद भी रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में दाखिल हो रहे हैं...
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर किए गए अत्याचारों की खबर देने वाले 95 पर्सेंट से भी ज्यादा रिपोर्टर्स गायब हो गए हैं...
संघर्ष के दौरान यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की राजदूत का कहना है कि रोहिंग्या मुस्लिम महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए अत्याचारों की बाकायदा योजना तैयार की गई और इसे म्यांमार सेना ने अंजाम दिया था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या संकट की मुख्य वजह की जांच करनेवाली एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ नस्लभेदी व्यवहार कर रहा है।
महिलाओं ने बलात्कार से पहले अपनी आंखों के सामने अपने बच्चों, पति और माता-पिता की हत्या होती देखी। एचआरडब्ल्यू ने सामूहिक बलात्कार के छह मामले बताए हैं जिसमें सैनिकों ने महिलाओं को समूहों में इकट्ठा किया और फिर उनसे मारपीट तथा दुष्कर्म किया। रिपोर्ट म
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की से अनुरोध किया कि वह बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को देश वापस लौटने की अनुमति दें।
13 साल के नबी हुसैन ने जिंदा रहने की अपनी सबसे बड़ी जंग एक पीले रंग के प्लास्टिक के ड्रम के सहारे जीती...
एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी बड़ी संख्या में मौजूद हैं और मेजबान देश का रूख उदार भी है लेकिन हालात के मद्देनजर अभी और काम करने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज म्यांमार से रखाइन प्रांत में अपनी सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने और हिंसा के कारण बेघर हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को कहा कि 622,000 रोहिंग्या लोग पहले से ही देश में पहुंच चुके हैं। हसीना ने म्यांमार से आग्रह किया कि उन्हें तुरंत वापस बुलाया जाना चाहिए।
म्यांमार ने रोहिंग्या अल्पसंख्यक मुसलमानों की घर वापसी में विलंब के लिए बांग्लादेश को आज जिम्मेदार बताया।
जम्मू में रोहिंग्या मुसलमानों की बस्ती में आग लगने से आज एक बड़ी झोंपड़ी को नुकसान पहुंचा। इस बस्ती में सैकड़ों रोहिंग्या मुसलमान रहते हैं।
म्यांमार में जारी हिंसा के कारण शनिवार को भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी बांग्लादेश पहुंचे...
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह हमला बालूखली शिविर में देर रात 1 बजे के आसपास हुआ...
पिछले महीने बांग्लादेश ने रोहिंग्या मुसलमानों के कैंप में कॉन्डम भी बांटे थे, लेकिन उसका कोई विशेष असर नहीं पड़ा...
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