म्यांमार की नेता आंग सान सू की ने रोहिंग्या मुसलमानों के बारे में एक बेहद ही महत्वपूर्ण बयान दिया है।
इस रिपोर्ट में म्यांमार सेना के कृत्यों की संयुक्त राष्ट्र द्वारा कड़े शब्दों में निंदा की गई है।
बांग्लादेश में शरणार्थी शिविरों में रोहिंग्या कार्यकर्ताओं ने आज के दिन को ‘‘काला दिवस’’ घोषित किया। साथ ही यहां दुआओं, भाषणों और गीतों का दौर भी चला।
म्यामां से भागकर पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शरण लेने वाले रोहिंग्या समुदाय के लोगों के पास अब सचमुच भागने के लिए जमीन भी नहीं बची है। मानसूनी बारिश के इन महीनों में उनके पास सिर छुपाने की जगह नहीं बची है।
अंतरराष्ट्रीय स्वयंसेवी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने म्यांमार के सैन्य प्रमुख और अन्य शीर्ष अधिकारियों पर रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ ‘‘ सुनियोजित ’’ हमले को लेकर मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया है।
म्यांमार और संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये जो कि म्यांमार में सुरक्षा बलों के अत्याचार के चलते देश छोड़कर चले गए 700,000 रोहिंग्या मुस्लिमों की वापसी में सहायक हो सकता है।
कॉक्स बाजार जिले में घर-बार विहीन लाखों मुस्लिम रोहिंग्या ने शरण ले रखी है लेकिन हाल के दिनों में आने वाले शरणार्थियों ने बांस-बल्लियों और प्लास्टिक के सहारे पहाड़़ी के पास अपना तंबू गाड़ा है और सबसे ज्यादा तकलीफ उन्हें ही है...
म्यांमार में रोहिंग्या उग्रवादियों द्वारा हिंदुओं के कत्लेआम पर अमेरिका ने गहरी चिंता जताते हुए एक बड़ा बयान दिया है...
बांग्लादेश में रोहिंग्या मुसलमानों के कैम्प के दौरे के बाद से प्रियंका चोपड़ा कई लोगों के निशाने पर है। सोशल मीडिया पर तो प्रियंका तभी से ट्रोल होने लगीं थी जब उन्होंने वहां की तस्वीरें ट्विटर और इस्टांग्राम पर डाली लेकिन अब बीजेपी के राज्यसभा सांसद विनय कटियार भी प्रियंका के खिलाफ मैदान में उतर आए हैं।
UNICEF की सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों के अपने दौरे के अनुभव साझा किए...
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि म्यामां के रखाइन प्रांत में बीते साल हुई हिंसा के दौरान रोहिंग्या विद्रोहियों ने गांव में रहने वाले हिंदुओं का कत्लेआम किया था।
हॉलीवुड एवं बॉलीवुड में अपना लोहा मनवा चुकीं मशहूर ऐक्ट्रेस और यूनिसेफ की वैश्विक सद्भावना दूत प्रियंका चोपड़ा रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों के दौरे पर हैं...
दर-बदर भटक रहे रोहिंग्या मुसलमानों के लिए म्यांमार की सेना का नया फरमान नई मुसीबत ला सकता है...
दो रोहिंग्या शरणार्थियों मोहम्मद सलीमुल्ला और मोहम्मद शाकिर ने 40,000 से अधिक इन शरणार्थियों को वापस भेजने के केन्द्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे रखी है...
म्यांमार के सेना प्रमुख ने देश में रोहिंग्या मुसलमानों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा बयान दिया है...
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् का एक प्रतिनिधिमंडल 7,00,000 रोहिंग्या मुसलमानों की दुर्दशा का प्रत्यक्ष मंजर देखने के लिए बांग्लादेश पहुंचा है। सेना की हिंसा से बचने के लिए म्यांमार से भागे यह मुस्लिम घर वापसी के लिए संयुक्त राष्ट्र से संरक्षण चाहते हैं।
इसे एक चमत्कार ही कहा जाएगा कि इतने दिनों तक सागर में फंसे यह लोग आज सही सलामत हैं...
बांग्लादेश ने आज म्यांमार के इस दावे को खारिज किया है कि बौद्ध बहुल राष्ट्र ने रोहिंग्या समुदाय के कुछ लोगों को वापस लेना शुरू कर दिया है। म्यांमार के करीब 700,000 रोहिंग्या सेना नीत हिंसा से बचने के लिए पड़ोसी मुल्क भाग गए थे।
म्यांमार सरकार ने कहा कि उसने बांग्लादेश पलायन कर गए लगभग सात लाख शरणार्थियों में से पहले परिवार की देश वापसी कराई है। रखाइन प्रांत में पिछले साल अगस्त में म्यांमार की सेना के बर्बर अभियान के चलते रोहिंग्या मुसलमानों ने बांग्लादेश में शरण ली थी।
म्यांमार के अधिकारियों ने दर्जनों बांग्लादेशी बौद्ध आदिवासी परिवारों को सीमा पार कर रोहिंग्या मुसलमानों की जमीन पर आकर बस जाने का प्रलोभन दिया है।
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