पूर्वोत्तर के राज्य त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर के पास से 2 रोहिंग्या मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है।
म्यांमार में हुए अत्याचारों के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण लिए हुए रोहिंग्याओं की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
म्यांमार के लाखों रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों ने इस समय पड़ोसी देश बांग्लादेश में शरण ले रखी है।
म्यांमार से भागकर बांग्लादेश में शरण लेने वाले लोगों की उम्मीदों को गहरा धक्का लगा है।
ताजा हिंसा के ज्यादातर शिकार म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध और हिंदू समुदाय के लोग हैं।
संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में एक बार फिर हिंसा भड़कने से पिछले सप्ताह हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
बांग्लादेश ने रोहिंग्याओं की घर वापसी की तैयारी कर ली है। उन्हें आज से वापस उनके वतन म्यांमार भेजे जाने का काम शुरू हो जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र अधिकार प्रमुख ने बांग्लादेश से अनुरोध किया कि वह रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यामां भेजने की अपनी योजना को रोक दे क्योंकि वहां अब भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं की मानें तो आज भी म्यांमार में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों का जीवन खतरे में है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायोग (यूएनएचसीआर) कार्ड धारक रोहिंग्या शरणार्थियों में से उन सभी के आधार कार्ड रद्द किये जायेंगे जिन्होंने इसे यूएनएचसीआर कार्ड के आधार पर हासिल किया था।
पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद 2012 से ही ये लोग असम के सिलचर जिले के कचार केन्द्रीय कारागार में बंद थे।
भारत से वापस म्यांमार भेजे जा रहे 7 रोहिंग्या शरणार्थियों को रोकने की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है।
रखाइन राज्य में म्यामां सेना के कथित अभियान के बाद रोहिंग्या लोग अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागे थे। संयुक्त राष्ट्र रोहिंग्या समुदाय को सबसे अधिक दमित अल्पसंख्यक बताता है।
7 रोहिंग्या मुस्लिमों को म्यांमार बॉर्डर पर भेजा गया है और वहां से उनको म्यांमार को सौंपा जाएगा
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म्यांमार के रोहिंग्याओं से जुड़े मुद्दे पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा है कि उनकी पहचान के लिए राज्य सरकारों को बोला जा चुका है।
एक तरफ तो भारत सरकार ने रोहिंग्याओं के लिए देश के दरवाजे बंद कर रखे हैं, वहीं दूसरी तरफ ये बड़ी संख्या में केरल का रुख कर रहे हैं।
अमेरिका ने कहा कि म्यामां में हत्याओं एवं बलात्कार सहित रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यामां की सेना की ओर से की गयी हिंसा के सुनियोजित होने के संबंध में उसे साक्ष्य मिले हैं।
रोहिंग्या मामले पर संयुक्त राष्ट्र के बयान पर म्यांमार के आर्मी चीफ ने बेहद कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
संयुक्त राष्ट्र के जांचकर्ताओं ने मंगलवार को कहा कि म्यामां की सेना को देश की राजनीति से बाहर कर दिया जाना चाहिए। जांचकर्ताओं ने अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट जारी करते हुए रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार मामले में सेना के शीर्ष जनरलों
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