इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास पर दोबारा रॉकेट हमला हुआ है। इस हमले से इजरायल में हड़कंप मच गया है। इजरायली सेना के अनुसार हमले के वक्त प्रधानमंत्री और उनका परिवार वहां मौजूद नहीं थे।
पिनाका रॉकेट सिस्टम के जरिए एक साथ कई ठिकानों पर हमला किया जा सकता है। DRDO ने इसकी रेंज में भी लगातार सुधार किया है, जो 45 किलोमीटर के पार जा चुकी है।
लेबनान ने इजरायल पर हवाई हमला किया है। हिजबुल्लाह के लड़ाकों ने सोमवार को इजरायल पर 165 रॉकेट दागे दिए। इजरायल डिफेंस फोर्स ने रॉकेट हमले का वीडियो भी शेयर किया है।
लेबनान की ओर से इजरायल पर किए गए भीषण रॉकेट हमले में तेल अवीव में कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है। माना जा रहा है कि यह हमला हिजबुल्लाह ने किया है।
दिवाली पर दो हॉस्टल के बीच लड़ाई हो गई, जिसके बाद छात्र एक दूसरे पर रॉकेट दागने लगते हैं। दोनों गुट के छात्र एक-दूसरे को रॉकेट से करारा जवाब देने में लगे हुए हैं।
इजरायल में हिजबुल्लाह के मिसाइल हमले के बाद सार्वजनिक समारोहों और समुद्री तटों को बंद कर दिया गया है। इन जगहों पर अक्सर भीड़ जुटती है। ऐसे में सतर्कता के तौर पर इजरायल ने यह कदम उठाया है। ताकि हमला होने पर नुकसान कम से कम हो।
लेबनान में इजरायली हमले में 274 लोगों की मौत होने से हिजबुल्लाह बौखला गया है। उत्तरी इजरायल पर हिजबुल्लाह ने रॉकेट हमलों की बौछार कर दी है। इजरायल ने खतरे को देखते हुए 30 सितंबर तक के लिए इमरजेंसी लगा दी है।
इजरायली सेना के पलटवार से लेबनान में खलबली मच गई है। रॉयटर्स के अनुसार लेबनान ने दावा किया है कि आज सोमवार को इजरायली सेना ने ताजा हमला किया। रॉयटर्स की खबर के अनुसार इस हमले में मरने वालों की संख्या 356 हो गई है। इस दौरान हिजबुल्लाह के कम से कम 300 ठिकाने ध्वस्त हुए हैं।
मणिपुर के विभिन्न इलाकों में रॉकेट और ड्रोन से हुए हमलों के बाद स्कूल बंद कर दिए गए हैं। वहीं लोगों में भी डर का माहौल है। इसके अलावा सुरक्षाकर्मी भी हाई अलर्ट पर हैं।
विस्फोट में 13 वर्षीय लड़की सहित पांच अन्य घायल हो गए। यह रॉकेट आईएनए मुख्यालय से लगभग दो किलोमीटर दूर एक स्थान पर गिरा।
हमास चीफ इस्माइल हानिया की हत्या के बाद से मिडिल ईस्ट के देशों में संघर्ष और भी ज्यादा बढ़ गया है। लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन ने इजरायल पर एक साथ 50 रॉकेट दाग दिए। इस घटना का वीडियो भी सामने आया है।
हमास ने एक बार फिर इजरायल पर 7 अक्टूबर जैसा दूसरा बड़ा हमला करके प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के होश उड़ा दिए हैं। इससे जाहिर है कि हमास अभी खत्म नहीं हुआ है और वह इजरायल पर अभी भी बड़ा हमला करने में सक्षम है। हमास के हमले के बाद पूरे इजरायल में हवाई हमले के सायरन बज रहे हैं।
इराक के प्रधानमंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की थी। इस मुलाकत के एक दिन बाद ही इराक की ओर से अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाते हुए रॉकेट दागे गए।
लेबनान में ईरान समर्थित इस्लामिक संगठन हिजबुल्ला ने इजरायल पर रॉकेटों की बौछार कर दी है। कुछ दिन पहले बेरूत में इजरायली सेना ने हमास के टॉप आतंकी सालेह अरौरी को हवाई हमले में मार गिराया था। इसके बाद हिजबुल्ला ने अपने सहयोगी के बदलने की कसम खाई है।
गाजा में फिर जोरदार जंग भड़क उठी है। इस बार हमास ने जोरदार पलटवार करते हुए इजराइल पर प्रहार किया है। गाजा से इजराइल की राजधानी तेल अवीव पर ताबड़तोड़ 30 रॉकेट दाग दिए। इजराइली स्कूल पर भी मिसाइल का शिकार बना।
सूडानी के कार्यालय के एक बयान के अनुसार, इराकी प्रधान मंत्री मोहम्मद शिया अल-सुदानी ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक फोन कॉल के दौरान कहा कि बगदाद "इराकी क्षेत्र पर किसी भी हमले" को खारिज करता है, जिसके एक दिन बाद यह हमला हुआ।
इजरायल हमास युद्ध के अब 14 दिन हो चुके हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज की ओर से एक आंकड़ा जारी कर बताया गया है कि इन 14 दिनों में उसने गाजा में हमास के 12 कमांडरों समेत 1000 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। वहीं हमास द्वारा गाजा से इजरायल पर इस दौरान 6900 से ज्यादा रॉकेट दागे गए हैं। हमास के हमले में 1400 इजरायली मारे गए।
इजरायल पर हमास के रॉकेट हमले में मरने वालों का पहला आंकड़ा सामने आया है। हमास ने दावा किया है कि उसके रॉकेट हमले में 22 लोग प्रारंभिक तौर पर मारे जा चुके हैं। जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। मरने वालों की संख्या अभी बढ़ सकती है। इजरायल ने भी गाजा पट्टी पर भीषण हवाई हमला शुरू कर दिया है।
हमास ने इजरायल पर 5000 हजार से अधिक रॉकेट दागकर दहशत फैला दी है। जवाबी हमले में इजरायली सेना ने भी गाजा पट्टी पर भीषण पलटवार किया है। इससे कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। इमारतों से घना धुआं और आग की लपटें उठती दिखाई दे रही हैं।
अल-अक्सा मस्जिद एक संवेदनशील पहाड़ी पर स्थित है जो यहूदियों और मुसलमानों दोनों के लिए पवित्र स्थान है। अल-अक्सा इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र स्थल है और रमजान के दौरान श्रद्धालुओं की यहां काफी भीड़ रहती है।
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